चूरू

एक ऐसा मुस्लिम जो कर रहा गायों की सेवा

जिला अपनी गंगा-जमुनी तहजीब के अलग ही पहचान रखता है, जहां दोनों धर्मों के लोग एक दूसरे के त्योंहारों में समान रूप से हिस्सा लेकर खुशियां मनाते हैं। ऐसी ही एक मिसाल रतनगढ़ तहसील के गांव सेहला में देखने को मिल रही है, जहां पर एक गोशाला की व्यवस्थाएं मुस्लिम बुजुर्ग की देखरेख में हो रहा है।

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Nov 19, 2022
एक ऐसा मुस्लिम जो कर रहा गायों की सेवा

चूरू. जिला अपनी गंगा-जमुनी तहजीब के अलग ही पहचान रखता है, जहां दोनों धर्मों के लोग एक दूसरे के त्योंहारों में समान रूप से हिस्सा लेकर खुशियां मनाते हैं। ऐसी ही एक मिसाल रतनगढ़ तहसील के गांव सेहला में देखने को मिल रही है, जहां पर एक गोशाला की व्यवस्थाएं मुस्लिम बुजुर्ग की देखरेख में हो रहा है। गोवंश के लिए चारे-पानी, रहने आदि की व्यवस्थाओं को मुस्लिम बुजुर्ग संभाल रहे हैं। इतना ही नहीं निस्वार्थ भाव में गोवंश की प्रतिदिन सेवा करते हैं। हालांकि उनके साथ समिति के अन्य लोग भी पूरा सहयोग कर रहे हैं। श्री कृष्ण गोशाला सेवा समिति सेहला के पदाधिकारियों ने बताया कि गांव सेहला में आवारा पशुओं का जबरदस्त आतंक था, इसके चलते ग्रामीण व किसान परेशान रहा करते थे। पशुओं के डर से लोग बच्चों को बाहर निकालने में डरा करते थे। इसपर गांव के कुछ लोगों ने अपने स्तर पर गोशाला खोलने का निर्णय किया। गांव के बाहर एक जगह को चिन्हित किया गया। पदाधिकारियों ने बताया कि वर्ष 2016 में कुछ ग्रामीणों ने मिलकर अपने स्तर पर गोशाला का संचालन किया। सर्वसम्मति से समिति का अध्यक्ष हाजी निजाम खां कायमखानी को मनोनीत किया। उनकी सेवा कार्य के चलते निरन्तर समिति के अध्यक्ष पर कार्य कर रहे हैं।
बुजुर्ग की देखरेख में होते हैं कामकाज
पदाधिकारियों ने बताया कि मुस्लिम बुजुर्ग प्रतिदिन सुबह-शाम आकर गोवंश की सेवा में जुट जाते हैं। अपने हाथों से चारा-पानी आदि की व्यवस्था करते हैं। इसके अलावा समिति के अन्य पदाधिकारी भी गोवंश की सेवा में पूरा समय देते हैं। पदाधिकारियों ने बताया कि चार साल तक गोशाला को जनसहयोग से चलाया। दो साल पहले सरकार की ओर से अनुदान दिया गया है, लेकिन गोवंश के मुकाबले कम हैं। बताया जा रहा है कि गोशाला में फिलहाल 263 से अधिक गोवंश हैं। सर्दियों के मौसम में गोवंश को सर्दी से बचाने के लिए पर्दे लगाए जाते हैं।
उनके साथ ये जुटे हैं गोवंश की सेवा में
अध्यक्ष हाजी नीजाम खां कायमखानी, उपाध्यक्ष रणजीत राम खोथ, कोषाध्यक्ष गिरधारी लाल शर्मा, सचिव करणी ङ्क्षसह राठौड़, व्यवस्थापक राकेश लोहिया, सदस्य जगदीश सुथार, भंवरलाल प्रजापत, नंदू शर्मा, मनीराम शर्मा, अजय कुमार मीणा, शिव सुथार, दानाराम सुथार, मुस्ताक खां, साबुङ्क्षसह, चौथू मेघवाल, नितेश मीणा, ओमप्रकाश मीणा आदि लोग गोवंश की सेवा में दिनरात जुटे हुए हैं।
उन्हें दूर से देखकर पहचान लेता है गोवंश
समिति के अध्यक्ष नीजाम खां सहित अन्य पदाधिकारियों से गोवंश इतना परिचित हो गया है, दूर से देखकर ही उनके पास आ जाता है। खां सहित अन्य पदाधिकारी भी काफी दुलार करते हैं, गोवंश उनके जीवन का अभिन्न अंग बन चुका है। जब तक उन्हें संभालने नहीं जाते तो दिन भी अधूरा सा लगता है। बताया जा रहा है कि गोवंश की बेहतर सार-संभाल के कारण लंपी डिजीज में इस गोशाला में मौत का आंकड़ा काफी कम रहा।

Published on:
19 Nov 2022 10:00 am
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