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ओपीजेएस यूनिवर्सिटी का मालिक मेरठ की शोभत यूनिवर्सिटी में पार्टनर रह दे चुका है फर्जीवाड़े को अंजाम

2010 में मेरठ की एक यूनिवर्सिटी में रह चुका है पार्टनर, फर्जीवाड़े में फंसने पर हुआ था ब्लैकलिस्ट

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opjs university churu

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चूरू.

राजगढ़ के रावतसर कुंजला में ओपीजेएस यूनिवर्सिटी का मालिक पहले भी डिग्रियों के फर्जीवाड़े में संलिप्त रहा है। वो पिछले आठ सालों से इस धंधे से जुड़ा है। ये खुलासा एसआईटी की विशेष जांच में हुआ है। इससे पहले भी वह अपने एक साथी के साथ मेरठ में चल रही प्राइवेट शोभत यूनिवर्सिटी में 2010 में पाटर्नर के तौर पर रह चुका है, लेकिन वहां उसके कारनामे उजागर होने पर उसे ब्लैक लिस्ट कर यूनिवर्सिटी के असल मालिक ने उसे अलग कर दिया था।

उसने शोभत यूनिवर्सिटी का पार्टनर होने पर दिल्ली में अलग से अपनी ब्रांच खोली। दिल्ली पुलिस ने वहां छापे मारी कर फर्जी डिग्री बनाने के इस फर्जी खेल का भंडाफोड़ कर दिया। यही काम फर्जीवाड़े का मुख्य आरोपित खुद की यूनिवर्सिटी स्थापित कर फर्जी डिग्री के नाम पर युवाओं को ठगने का काम कर रहा है। भिवानी एसआईटी टीम के असली निशाने पर अब यूनिवर्सिटी का मालिक है, जो पहले भी दिल्ली पुलिस के जाल में फंस चुका है। छापे मारी के बाद यूनिवर्सिटी मालिक भूमिगत है, इसे पुलिस पूछताछ के लिए तलाश रही है। भिवानी पुलिस की एसआईटी टीम फर्जी डिग्री बनाने के मामले में गिरफ्तार ओपीजेएस यूनिवर्सिटी के एसआईटी टीम ने युनिवर्सिटी क्लर्क गांव अमरसर जिला जयपुर निवासी दीपक, गांव बुसान कलां नारनौल महेंद्रगढ़ निवासी नवीन, गांव बामनीखेड़ा पलवल निवासी अनिल व गांव रावतसर चूरू निवासी कृष्ण कुमार को गिरफ्तार किया है। पुलिस इन आरोपियों से पूछताछ कर मुख्य आरोपियों तक पहुंचने का प्रयास कर रही है।

फर्जीवाड़ा उजागर होने पर मेरठ यूनिवर्सिटी ने तोड़ लिया था जोगेंद्र से नाता
मेरठ की शोभित यूनिवर्सिटी के पार्टनर के तौर पर काम करने वाले रोहतक के जोगेंद्र द्वारा फर्जी डिग्री बनाने की बात सामने आने पर संबंधित यूनिवर्सिटी ने उसे ब्लैक लिस्ट कर अपना नाता तोड़ लिया था। इसके बाद उसने राजस्थान में वर्ष 2013 के दौरान खुद की ओपीजेएस यूनिवर्सिटी शुरू की। अब ये यूनिवर्सिटी भी विवादों के घेरे में है।

ओपीजेएस यूनिवर्सिटी चलाने वाले जोगेंद्र सिंह पहले मेरठ की शोभत यूनिवर्सिटी का पार्टनर रह चुका है। जांच में आया है कि वह वर्ष 2011 में दिल्ली पुलिस द्वारा मारे गए छापे मेें फर्जी डिग्री बनाने के मामले में पकड़ा गया था। अब पुलिस जल्द ही उससे भी पूछताछ करेगी। इस छापे के बाद मेरठ यूनिवर्सिटी ने उससे नाता तोड़ लिया था। जल्द ही पुलिस उस तक भी पहुंचने वाली है।
श्री भगवान, वरिष्ठ सदस्य एसआईटी, भिवानी, हरियाणा