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स्मार्ट सिटी बनाने के लिए खर्च होंगे 75 करोड़

शहर को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए शहर की सरकार 75 करोड़ पांच लाख रुपए खर्च करेगी। मंगलवार को सभापति विजय कुमार शर्मा की अध्यक्षता में हुई बोर्ड बैठक में 75 करोड़ पांच लाख का बजट बिना किसी हंगामे के पारित कर दिया गया।

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शहर को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए शहर की सरकार 75 करोड़ पांच लाख रुपए खर्च करेगी। मंगलवार को सभापति विजय कुमार शर्मा की अध्यक्षता में हुई बोर्ड बैठक में 75 करोड़ पांच लाख का बजट बिना किसी हंगामे के पारित कर दिया गया। परिषद सभागार में घंटेभर चली बैठक में शहर में किए जाने वाले कार्यों पर जिरह-बहस होती रही। इसमें प्रमुखता से पार्कों का सौंदर्यकरण, खुले में शौच मुक्त बनाने और गंदे पानी की निकासी समेत टूटी सड़कों को बेहतर बनाने पर चर्चा की गई।

तीन गुना बढ़ाया बजट

शहर की सरकार ने इस बार बजट में पिछले साल की तुलना में दो गुना अधिक कर बजट को पेश किया गया। पिछले साल 33 करोड़ 43 लाख 33 हजार रुपए का बजट शहर के विकास के लिए पारित किया गया। वहीं साल 2015-16 में 26 करोड़ 49 लाख 35 हजार रुपए का बजट पास किया गया। तीसरे साल वित्तीय वर्ष 2017-18 के लिए तीन गुना आधिक बजट पेश किया गया। बीते साल में 30 करोड़ 77 लाख 50 हजार रुपए खर्च किए गए।



नेता प्रतिपक्ष ने उठाया सवाल: बजट में नहीं दी पूरी जानकारी

बैठक में नेता प्रतिपक्ष मो. हुसैन निर्बाण ने कहा कि बजट की पार्षदों को विस्तृत जानकारी नहीं दी गई। पार्षदों को अंधेरे मे रखा गया है। किस वार्ड में कितने कार्य होंगे और उन पर कितना खर्च होगा, इस बात की जानकारी क्यों छुपाई जाती है। इसकी जानकारी सभी को होनी चाहिए। भाजपा पार्षद मुरलीधर शर्मा ने कहा कि सदन में कई प्रस्ताव पारित होकर भी अपारित हो जाते हैं। इस बात पर सदन को खुशी होनी चाहिए कि आज जो प्रस्ताव पास हो रहा है उसकी पालना होगी।

पार्षद चन्द्र प्रकाश ने कहा कि करीब दो साल से एक काम के लिए वे चक्कर लगा रहे हैं लेकिन कार्य आज तक नहीं हुआ। इसी प्रकार पार्षद दलीप जांगिड़ ने कहा कि उनके वार्ड में ढाई लाख रुपए का एक काम है लेकिन आयुक्त के पास बजट नहीं है। वह काम कब होगा उसकी कोई समय-सीमा भी है या नहीं। पार्षद सीताराम लुगरिया, दुर्गादत्त चंदेल व हुसना बानो ने सफाई-सफाई की व्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए भी सुझाव दिए। पार्षद जाफर खां जोइया ने खुले नाले को बंद नहीं करने की समस्या उठाई। उन्होंने बताया कि एक दिन एक बालक मरने से बच गया, लेकिन फिर भी ध्याना नहीं दिया जा रहा है। बैठक में उप सभापति अनवर थीम व आयुक्त प्रमोद जांगिड़ समेत अनेक पार्षद मौजूद थे।


ऐसे खर्च होगा शहर के विकास पर बजट


राजस्व स्थापना : 8.79 करोड़
परिचालन संधारण : 4.84 करोड़
नाला-नाली निर्माण : 2.8 करोड़
शौचालय निर्माण : एक करोड़
वर्षा जल निकासी : 1.10 करोड़
संयत्र मशीन आदि : 50 लाख
राज्य वित्त आयोग व अन्य पर दो करोड़
विधायक सांसद कोष से 1.5 करोड़ रुपए
14वें वित्त आयोग से 3.5 करोड रुपए
गाजसर गैनाणी के विकास पर 6.53 करोड़
पार्कों के विकास पर 2.5 करोड़
सीवरेज पर 20 करोड़ रुपए

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