
Churu News : रतनगढ़ तहसील के गांव लधासर के शहीद हुए 48 वर्षीय सैनिक गोविन्दसिंह राजपूत की उनके पैतृक गांव लधासर में सैनिक सम्मान से अंत्येष्टि की गई। मणिपुर में सीमा सुरक्षा बल की 103 बटालियन में वे हवलदार के रूप में तैनात थे। 23 जनवरी को सुबह 5:45 बजे उनकी मणिपुर में हृदय गति रूक जाने से शहीद हो गए थे।
तिरंगा रैली के साथ लाया गया गांव
गुरुवार को हवलदार गोविंदसिंह के पार्थिव शरीर को इम्फाल से दिल्ली होते हुए रतनगढ़ सुबह 8:00 बजे लाया गया। उसके बाद सीमा सुरक्षा बल के 2 वाहनों व वाहनों की तिरंगा रैली के साथ 10 बजे उनके पैतृक गांव लधासर लाया गया। जहां उनके ग्रामीणों व प्रतिनिधियों ने अंतिम दर्शन किए। सीमा सुरक्षा बल, राजस्थान पुलिस एवं प्रशासन तथा परिवार जन व आसपास के गांवों के लोगों ने उनकों पुष्प चक्र व पुष्प अर्पित कर श्रद्धा व्यक्त की।
अंतिम यात्रा में बड़ी संख्या में शामिल हुए ग्रामीण
अंतिम यात्रा उनके घर से राठौड़ श्मशान घाट तक गयी जिसमें लधासर और आस पास के गांवों के सैंकड़ों लोग शामिल थे। अंतिम यात्रा के दौरान लोगों ने गोविन्दसिंह अमर रहे, भारत माता की जय, वन्देमातरम का जयघोष कर उनके प्रति सम्मान प्रकट किया।
पिता व पत्नी ने नम आंखों से दी विदाई
शहीद के पिता भीखमसिंह राठौड़ व पत्नी लाडो कंवर ने नम आंखों से विदाई देते हुए उनके देश के प्रति सेवा के जज्बे को सलाम किया। इस मौके पर विधायक पूसाराम गोदारा, तहसीलदार गिरधारीसिंह, भाजपा नेता भागीरथसिंह, कांग्रेस नेता कल्याणसिंह, भगवानसिंह लधासर, महावीरसिंह जालेऊ, कृष्णसिंह जालेऊ, पवनसिंह कुसुमदेसर, सरपंच दातारसिंह, बलदेवसिंह जालेऊ, महिपालसिंह लधासर, सक्षम, समर्थ सहित हजारों लोग मौजूद थे।
सैनिकों ने दी सलामी
सीमा सुरक्षा बल की सैनिक टुकड़ी ने उनको तोपों की सलामी दी। मुखाग्नि ज्येष्ठ पुत्र अभिषेक सिंह राठौड़ ने दी। उनके परिवार में माता-पिता, 2 पुत्र और पत्नी लाडू कंवर हैं। अंतिम संस्कार में शहीद गोविन्दसिंह के पिता भीखमसिंह राठौड़ भी मौजूद थे जो फ़ौज से सेवानिवृत्त हैं।
Published on:
27 Jan 2024 11:49 am
बड़ी खबरें
View Allचूरू
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग
