
#Coronavirus: डब्लूएचओ आखिर क्यों पहुंचे अचानक चूरू
चूरू. चूरू-सरदारशहर में मिले तबलीगी जमात के 17 लोगों में से 10 के कोविड-19 संक्रमित पाए जाने के बाद भी जमाती लिंक के लोगों के खुद से पहल करके सामने न आने को लेकर जिला प्रशासन बेहद चिंतित है। लिहाजा, उसने मौजूदा हालात को देखते हुए अब स्क्रीनिंग का दायरा और केंद्रित करते हुए डबल स्क्रीनिंग कराने का फैसला किया है। इसके तहत चूरू और सरदारशहर में जिन इलाकों से तबलीगी जमात के संक्रमित लोग मिले, उन इलाकों में एक-एक किलोमीटर के दायरे में हर मकान और हर शख्स की दोबारा से और दूसरी टीमों से जांच-पड़ताल और स्क्रीनिंग कराने का फैसला किया है। दोनों ही जगह नौ-नौ टीमें अलग से उतारी गई हैं, जो प्रभावित वार्डों के एक किलोमीटर के दायरे में लोगों तक पहुंचेंगी। तीन दिन बाद फिर से उन्हीं घरों में जाएंगी और दोबारा से स्क्रीनिंग करेंगी। इसके साथही प्रशासन ने दोनी ही जगह एक किलोमीटर के दायरे में आने वाले हर घर के हर शख्स के लिए गुरुवार से मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया है। उधर, चूरू में 11 पॉजिटिव मरीजों के मिलने के बाद जयपुर से राज्य सरकार ने जहां संयुक्त निदेशक स्तर के एक अफसर डॉ. राजेंद्र को जिले का प्रभार देकर भेजा है, तो वहीं पर डब्लूएचओ यानी विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से भी एक प्रतिनिधि ने चूरू और सरदारशहर का दौरा किया और हालात की जानकारी ली।
कहां से आएंगे मास्क
जिला प्रशासन ने फैसला लिया है कि मास्क फॉर ऑल के तहत चिन्हित क्षेत्र के हर घर में जिला प्रशासन परिवार के सदस्यों की संख्या के आधार पर निश्चित संख्या में धोकर दोबारा काम में लेने योग्य अच्छी गुणवत्ता के कपड़े के मास्क और कुछथ्री लेयर मास्क भी उपलब्ध करवा सकता है। इसे घर के हर छोटे-बड़े को पहनना अनिवार्य बना दिया गया है। इस संबंध में बुधवार को जिला प्रशासन ने बाकायदा आदेश भी जारी कर दिए।
क्यों करना पड़ा मॉस्क फॉर ऑल
जानकारी के मुताबिक, तमाम मशक्कतों और समझाइश के बाद भी प्रभावित इलाकों में से इने-गिने ही शख्स खुद पहल करके मेडिकल परीक्षण के लिए आगे आए। जबकि मेडिकल टीमों के सर्वे और स्क्रीनिंग के दौरान भी यह तथ्य लगभग साफ हो चुका है कि चूरू शहर में मरकजी इलाके के एक धार्मिक स्थल और राजकीय बालिका महाविद्यालय के पीछे स्थिति एक अन्य धार्मिक स्थल में तबलीगी जमात से जुड़े दिल्ली के सम्मेलन में शिरकत करके आए नौ जमातियों का समूह न सिर्फ ठहरा था, बल्कि उसने कुछ नियमित नमाज और जुमे की नमाज में भी स्थानीय लोगों के साथ हिस्सा लिया था। इतना ही नहीं, कम से कम एक दिन समूह द्वारा धार्मिक स्थल के आसपास के घरों पर गश्त करने की बात भी पुख्ता तौर पर साबित हो चुकी है। काबिलेगौर है कि जिन इलाके में एक दिन की गश्त की बात सामने आ चुकी है, उसी इलाके में जमात के नौ लोगों का यह समूह 21 से 27 तक रहा। ऐसे में एक शंका यह भी है कि इन लोगों ने अन्य दिनों में गश्त जैसी कुछ गतिविधियां जरूर की होंगी। लेकिन तमाम मशक्कत और समझाईश के बाद भी लोग खुद आगे आकर इस मामले में जानकारी देने से पीछे ही रहे। इतना ही नहीं, मरकजी इलाके से यह समूह 20 तारीख की रात में ही निकल कर बालिका महाविद्यालय के पीछे आ कर सात दिन तक वहां रहा, यह तथ्य भी कई दिन तक सामने नहीं आया। यह सब कारण ही प्रशासन को चिंता में डाल रहे हैं।
महिलाओं की सैंपलिंग लगभग न के बराबर
खास बात यह है कि मेडिकल टीमों की स्क्रीनिंग के दौरान अव्वल तो घर के पुरुष ही सामने आते रहे। दूसरी अहम बात यह भी रही कि प्रभावित धर्मस्थल के आसपास रहने वाली महिलाओं में से किसी ने भी सैंपलिंग के लिए आगे आने का हौसला और समझ नहीं दिखाई। प्रशासन की चिंता समाज के इस वर्ग के स्वास्थ्य साथ ही साथकिसी संक्रमण की आशंका में सामुदायिक संक्रमण की विकट स्थिति की आशंकाओं को लेकर और बढ़ी हुई है।
डबल स्क्रीनिंग में यह तथ्य देखेगी टीम
जानकारी के मुताबिक, गुरुवार से शुरू हो रही डबल स्क्रीनिंग में तीन-तीन सदस्यों वाली नौ टीमें चूरू और इतने ही सदस्यों वाली नौ टीमें सरदारशहर में एक तय फार्मेट के अनुसार सर्वे और स्क्रीनिंग आरंभ करेंगी। उनकी पहली प्राथमिकता में आईएलआई (इन्फ्ल्यूएंजा लाइक इलनेस) के मरीजों को चिन्हित करने की होगी। इसके अलावा साठ साल या उससे ऊपर के लोगों खासकर बीपी और शुगर के नियमित मरीजों का परीक्षण भी इस दौरान होगा। इम्युनिटी में मजबूत और कम उम्र के युवाओं को अनजाने में ही सही, लेकिन संक्रमण का वाहक मानते हुए स्क्रीनिंग टीमें इस वर्ग पर विशेष ध्यान देंगी। उनके स्वास्थ्य को लेकर बारीकी से पूछताछ होगी। जरूरत पडऩे पर उनका परीक्षण कराया जा सकता है। कोरोना से जंग लड़ रहे रणनीतिकारों का मानना है कि युवा चूंकि गतिविधियों में अधिक संलग्न होते हैं, लिहाजा अनजाने में ही सही, उनके जरिए संभावित संक्रमण फैलने की आशंका ज्यादा है, इसलिए उन पर ध्यान देना जरूरी है।
पांच पॉजिटिव जमातियों की रिपोर्ट निगेटिव आई
इस बीच, खबर है कि सरदारशहर और चूरू को मिला कर दो दिन पहले तक पॉजिटिव रहे जमातियों में से पांच की दूसरी सैंपलिंग की रिपोर्ट निगेटिव आई है। गौरतलब है कि मंगलवार को पॉजिटिव मिले दसवें शख्स की तीसरी सैंपलिंग अभी बाकी है। वह दूसरी सैंपलिंग में पॉजिटिव
निकला था।
चूरू के दो और सरदारशहर के तीन जमाती निगेटिव आए
ताजा जानकारी के मुताबिक, पहली सैंपलिंग में पॉजिटिव मिले हरियाणा के तीन जमातियों में से दो और सरदारशहर के पॉजिटिव मिले सात में से तीन जमातियों की बुधवार को मिली रिपोर्ट में उनके कोरोना संक्रमण से मुक्त होने की बात सामने आई है। हालांकि, उनकी एक अन्य सैंपलिंग अभी बाकी है, उसके बाद ही उन्हें अस्पताल से डिस्चार्ज करने पर विचार किया जाएगा।
अब पांच पॉजिटिव केस
बुधवार तक की रिपोर्ट के अनुसार अब तक कुल 11 पॉजिटिव मामलों में से छह की रिपोर्ट निगेटिव आ चुकी है। इनमें भांगीवाद की महिला भी शामिल है। अब सिर्फ पांच जमाती हैं, जो कोविड-19 संक्रमित हैं।
332 होम आईसोलेशन में
बुधवार को चूरू में 25 मेडिकल टीमों ने घर-घर स्क्रीनिंग और सर्वे के दौरान 332 लोगों को होम क्वारेंटाइन किया। वार्ड नंबर 25, 27 और 40 नंबर में इन्हें होम आईसोलेट किया गया।
डीबीएच का चिकित्सक होम आईसोलेट
इस बीच, खबर है कि मंगलवार को निजामुद्दीन कनेक्शन के सरदारशहर समूह के एक और जमाती की रिपोर्ट पॉजिटिव आ जाने के बाद उनकी देखभाल में लगे एक चिकित्सक को होम आईसोलेट कर दिया गया है।
Published on:
09 Apr 2020 12:26 pm
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