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चुरू

बजट न मिलने से गांवों में विकास ठप, मानदेय का टोटा

बीदासर, सुजानगढ़ व लाडनूं सहित जिले की ग्राम पंचायतें इन दिनों आर्थिक तंगी में हैं। स्थिति यह है कि पिछले एक वर्ष से अधिक समय से आवश्यक मदों में बजट ही उपलब्ध नहीं होने से विभिन्न कामकाज प्रभावित हो रहे हैं।

चुरूJun 06, 2020 / 10:33 am

Madhusudan Sharma

बजट न मिलने से गांवों में विकास ठप, मानदेय का टोटा

बजट न मिलने से गांवों में विकास ठप, मानदेय का टोटा

सुजानगढ़. बीदासर, सुजानगढ़ व लाडनूं सहित जिले की ग्राम पंचायतें इन दिनों आर्थिक तंगी में हैं। स्थिति यह है कि पिछले एक वर्ष से अधिक समय से आवश्यक मदों में बजट ही उपलब्ध नहीं होने से विभिन्न कामकाज प्रभावित हो रहे हैं। कुछ माह पहले हुए चुनाव के बाद सरपंच का पद सम्भाल रहे नव निर्वाचित जनप्रतिनिधि भी बजट के अभाव में गांव के विभिन्न कार्यों को गति नहीं दे पा रहे हैं। बजट के मामले में उपेक्षा से उधारी में काम से लाखों का कर्जा ग्राम पंचायतों पर चढ़ता जा रहा है । एक वर्ष से बजट के अभाव में ग्राम पंचायतों की साफ-सफाई, बिजली का बिल, मानदेय भुगतान इसके अलावा अन्य नियमित कामकाज प्रभावित हो रहे हैं। साथ ही ग्राम पंचायतों की विभिन्न कार्यों में उधारी का भुगतान भी अटका हुआ है। कई ग्राम पंचायतों में तो सामग्री मद का भी करोड़ों का कर्जा है। यह बात दीगर है कि कुछ ग्राम पंचायत निजी आय में भी थोड़ा काम निकाल रहे हैं, लेकिन निजी आय वाली ग्राम पंचायतें गिनती की हैं।
फैक्ट फाइल
जिले में पंचायत समितियां-7
ग्राम पंचायतें-304
लाडनूं में ग्राम पंचायतें-34
टीएफसी/एफएफसी का बजट उपलब्ध: केन्द्र सरकार से ये जनसंख्या के आधार पर
मिलता है।
एसएफसी का बजट- एक साल से बजट ही नहीं मिला। कोरोना के तहत 50 हजार रुपए का बजट सेनेटाइजर सहित अन्य व्यवस्था को लेकर आया है।
एमपी एवं एमएलए फंड-विधायक व सांसद की अनुशंसा पर मिलता है।
इसके अलावा कुछ योजनाओं में बजट पहुंचता है, लेकिन पिछले एक वर्ष से बजट की उपलब्धता नहीं है।
बजट के अभाव में परेशानी है
&ग्राम पंचायतों के सामान्य कामकाज बजट के अभाव में मुश्किल होते हंै। इसे लेकर हमारे संगठन ने लिखा है। एसएफसी की राशि न मिलने से सुरक्षा गार्ड, पंच-सरपंच, पंचायत सहायकों की मानदेय राशि का भुगतान कैसे हो? वही परेशानी हो रही है।
जीवनराम नेहरा, जिलामंत्री राजस्थान ग्राम विकास अधिकारी संघ, सुजानगढ़

काम प्रभावित हो रहे है
&राज्य वित्त आयोग (छठां), पन्द्रहवां वित्त आयोग से अब तक एक किश्त नहीं मिली है। एसएफसी 5वें की राशि गत वर्ष की नहीं आई। इससे विकास व रोजमर्रा कार्य प्रभावित होते हैं।
गिरधारीलाल सोनी, मंत्री राग्राविअ संघ, शाखा बीदासर
सरकारें रााशि तुरंत भिजवाएं
&एसएफसी/एफएफसी की नियमानुसार आने वाली राशि पंचायतों को न मिलने से ग्रामीण विकास का सपना अधूरा पड़ा है। हद तो यह हो गई कि संविदाकार्मिकों को वेतन देने के लाले पड़ रहे हैं। हमारे संघ ने जिला परिषद को लिखा भी है। केन्द्र व राज्य सरकारें तुरन्त राशि भिजवाएं।
गणेशाराम चबरवाल, अध्यक्ष सरपंच संघ लाडनूं।

सरकारी राशि समय आनी चाहिए
&केन्द्र/राज्य सरकार की योजनाओ की राशि न मिलने से विकास कार्य ठप हैं। मानदेय भुगतान करने में परेशानी होती है, इसलिए सरकारी राशि समय पर आनी चाहिए।
भगवती बिरड़ा, सरपंच कानूतां सुजानगढ़

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