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Farmers In Crisis – पहले ओलावृष्टि, अब लॉक डाउन से संकट में किसान

पहले प्राकृतिक आपदा बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से किसान संकट में आए और फिर अब कोरोना के लॉकडाउन ने उनकी मुश्किलें बढ़ा दी। किसान एक बार फिर खेती-बाड़ी की अपनी समस्या को लेकर चिंतित हैं। लॉकडाउन व कफ्र्यू के कारण अब खेतों में फसल कटाई का काम पूरी तरह बाधित है। कोरोना के दस्तक देते ही देश में लॉक डाउन हो गई। जरूरी सेवाओं को छोड़कर सभी काम ठप हैं। इस वजह से किसान भी चिंतित हैं।

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चूरू

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Vijay

Apr 11, 2020

Farmers In Crisis - पहले ओलावृष्टि, अब लॉक डाउन से संकट में किसान

Farmers In Crisis - पहले ओलावृष्टि, अब लॉक डाउन से संकट में किसान

सरदारशहर (चूरू). पहले प्राकृतिक आपदा बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से किसान संकट में आए और फिर अब कोरोना के लॉकडाउन ने उनकी मुश्किलें बढ़ा दी हंै। किसान एक बार फिर खेती-बाड़ी की अपनी समस्या को लेकर चिंतित हैं। लॉकडाउन व कफ्र्यू के कारण अब खेतों में फसल कटाई का काम पूरी तरह बाधित है। कोरोना के दस्तक देते ही देश में लॉक डाउन हो गई। जरूरी सेवाओं को छोड़कर सभी काम ठप हैं। इस वजह से किसान भी चिंतित हैं। वर्तमान में किसानों के खेतों में फसल पक कर तैयार है। लेकिन मजदूर नहीं मिलने के कारण परेशान हैं। करोना संक्रामक बीमारी है और लॉकडाउन को देखते हुए मजदूर खेतों में खड़ी तैयार फसल काटने से भी डर रहे हैं। मजदूर घरों से बाहर पुलिस-प्रशासन और कोरोना बीमारी फैलने की डर से नहीं निकल रहें हैं। किसान इन दिनों आर्थिक और मानसिक रूप से परेशान हैं। बीकमसरा के किसान भजननाथ सिद्ध व छगनलाल सैनी ने बताया कि पहले बेमौसम बारिश व ओलावृष्टि से नुकसान हुआ। फसल को समर्थन मूल्य पर बेचने के लिए खरीद केन्द्र शुरू नहीं हुए हैं। जिसके कारण किसानों को आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ेगा। किसान पप्पू प्रजापत व रामसीसर के किसान मनीराम सारण ने बताया कि प्राकृतिक आपदा की मार झेल चुके किसान अब कोरोना की वजह से हुए लॉक डाउन की वजह से भी फसलों की कटाई नहीं कर पा रहे हैं। यहां पर आधुनिक कृषि उपकरण नहीं होने के कारण किसानों को हाथों से फसल काटनी पड़ती है। मजदूर नहीं मिलने के कारण किसानों परेशान हो रहे है। इस समस्या को ध्यान में रखते हुए सरकार को राहत की घोषणा करनी चाहिए। इधर, खरीद केन्द्र शुरू करने सहित विभिन्न मांगों को लेकर अखिल भारतीय किसान सभा ने मुख्यमंत्री के नामस एक ज्ञज्ञपन उपखण्ड अधिकारी को सौपकर समस्याओं का शीघ्र निराकरण कराने की मांग की। उन्होंने लिखा कि पहले बेमौसम बारिश, ओलावृष्टि और अब कोरोना वायरस के चलते किसानों को विभिन्न समस्याओं का सामना करना पड़ा। जिसके कारण किसानों को आर्थिक नुकसान हुआ है। ऐसी स्थिति में खरीद केन्द्र खुल जाता है तो किसानों को फसल का उचित मूल्य मिल सके। ज्ञापन में किसान सभा के प्रदेश महामंत्री छगनलाल चौधरी, रामकृष्ण छिंपा, जीवणराम मेघवाल आदि ने हस्ताक्षर किए।
पंचायत स्तर पर हो फसलों को खरीद
सादुलपुर. अखिल भारतीय किसान सभा के पदाधिकारियों ने सोसल डिस्टेंसिंग एवं लोकडाउन की पालना करते हुए मुख्यमंत्री के नाम एसडीएम को ज्ञापन सौंपकर रबि फसल को पंचायत स्तर पर खरीद करने की मांग की है। तहसील उपाध्यक्ष भगतसिंह तथा मंत्री रणसिंह तथा रामनिवास ने एसडीएम को ज्ञापन सौंपकर बताया कि कोरोना वायरस एवं लोकडाउन के कारण कृषि मंडियां बंद हैं। जिसके कारण सब्जियां तथा दूध की खरीद नहीं हो ही है। फसल के समर्थन मूल्य पर खरीद ऑनलाइन बंद हो गई है। ऐसी स्थिति में किसानों की फसलों को पंचायत स्तर पर उचित भाव में खरीदने की मांग की है। ज्ञापन में बताया कि चना 48 75 रुपए, सरसों 4425, मैसूर 48 00, गेहूं 1925 प्लस बोनस 1525 रुपए प्रति क्विंटल समर्थन मूल्य पर पंचायत स्तर पर ग्राम सेवा सहकारी समिति के माध्यम से खरीद करने की मांग की है। इसके अलावा गाय का दूध 35 रुपए तथा भैंस का दूध 60 प्रतिकिलो खरीदने की मांग की है।