पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार अभयारण्य में टेक्नीशियन थर्ड के पद पर कार्यरत बन्नेसिंह ने गलती से भोजन में नमक की जगह चूहे मारने की दवा मिला ली, जिससे उसे गंभीर हालत में छापर राजकीय अस्पताल लाया गया।
राजस्थान के चूरू के कृष्ण मृग अभयारण्य में एक दर्दनाक हादसा सामने आया, जब अभयारण्य में कार्यरत वनकर्मी ने अनजाने में जहरीला पदार्थ खा लिया। खाने में नमक समझकर चूहे मारने की दवा का सेवन करने से उसकी हालत बिगड़ गई, जिसके बाद इलाज के दौरान बीकानेर के पीबीएम अस्पताल में उसकी मौत हो गई।
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार अभयारण्य में टेक्नीशियन थर्ड के पद पर कार्यरत बन्नेसिंह ने गलती से भोजन में नमक की जगह चूहे मारने की दवा मिला ली, जिससे उसे गंभीर हालत में छापर राजकीय अस्पताल लाया गया। प्राथमिक उपचार के बाद उसे सुजानगढ़ और फिर बीकानेर पीबीएम अस्पताल रेफर किया गया, लेकिन तमाम प्रयासों के बावजूद बन्नेसिंह को बचाया नहीं जा सका और रविवार को इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
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घटना की जानकारी मिलते ही छापर थाने के एएसआई धर्मवीर सिंह मौके पर पहुंचे और आवश्यक कार्रवाई करते हुए शव का पोस्टमार्टम करवाकर परिजनों को सौंप दिया। मृतक के पुत्र रमेश पुत्र बन्नेसिंह, निवासी मोमासर की रिपोर्ट के आधार पर पुलिस ने मर्ग दर्ज कर ली है। मामले की जांच जारी है।