
शहर की जाळी-झरोखों से सजी नक्काशीदार हवेलियों, छतरियों और भित्ती चित्रों को निहारने के लिए आने वाले देसी-परदेसी पावणों के लिए शहर में हैरिटेज पथ तैयार किया जाएगा। मगर आधा-अधूरा।
ऐसे में यहां आने वाले पर्यटकों को हैरिटेज में शुमार शहर की आधी से अधिक विरासत को निहारने के लिए उबड़-खाबड़ और कीचड़ से भरे रास्तों से गुजरना होगा।
गौरतलब है कि पर्यटन विभाग ने हैरिटेज वॉक के लिए शहर के एक क्षेत्र के कुछ हिस्से की सड़कों की मरम्मत व निर्माण के लिए स्वीकृति जारी की है। विभाग की ओर से तैयार नक्शे के मुताबिक नगर परिषद ने वॉक पर सीसी सड़क के निर्माण व मरम्मत के खर्चे का एस्टीमेट तैयार कर जिला कलक्टर को सौंपा है।
कलक्टर की ओर से एस्टीमेट पर्यटन विभाग को भेजा जाएगा। वहां से स्वीकृति मिलने पर तय क्षेत्र में सीसी सड़क का निर्माण कर पर्यटकों के लिए आवागमन को सुगम बनाया जाएगा।
इस रास्ते पर बनेगा हैरिटेज वॉक
मालजी के कमरे से उत्तर की तरफ मांडेला भैरूंजी मंदिर से होते हुए शुभकरण सुराणा हवेली व लाइब्रेरी से हवेली सुरणा होते हुए वापस मालजी के कमरे तक।
850 मीटर का होगा हैरिटेज वॉक
नगर परिषद प्रशासन के मुताबिक शहर में 850 मीटर का हैरिटेज वॉक बनाया जाएगा। इस पर करीब 39 लाख रुपए खर्च किए जाएंगे।
हैरिटेज में शुमार शहर की विरासत
भूरामल कोठारी की डबल हवेली, सुराणा हवेली हवामहल, सूरजमल की हवेली, सागरमल बैद हवेली, मक्का मस्जिद हवेली, कन्हैयालाल बागला हवेली, राजकुमार बैद हवेली, बीजराज मोहनलाल बांठिया हवेली, बालाजी मंदिर, रघुनाथजी मंदिर, अठखंभा छतरी, चिमनाराम मंत्री की छतरी, बंूटिया वालों की हवेली, जयदयाल गोयनका हवेली, मंत्रियों की हवेलियां, गंगा माता मंदिर, छगनमल पारख हवेली, पौद्दार हाउस, गढ़, स्वर्ण मंदिर, जैन मंदिर व होटल मालजी का कमरा सहित अन्य हवेलियां व जोहड़ आदि।
850 मीटर लंबे हैरिटेज वॉक के निर्माण के लिए खर्चे का एस्टीमेट तैयार किया गया है। पर्यटन विभाग की स्वीकृति मिलने पर निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा।
आत्माराम प्रजापत, जेईएन नगरपरिषद, चूरू
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