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गैंगवार की गोली पर पुलिस की लगाम : हथियार हाथ में आने से पहले पकड़ा गया हिस्ट्रीशीटर

जेल से अंतरिम जमानत पर आने के बाद फरार हुआ हिस्ट्रीशीटर श्रवण बुडानिया अपराध जगत में अपने नाम की पहचान कायम रखने के साथ विरोधी गिरोह से बदला लेना चाह रहा था।

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चूरू. जेल से अंतरिम जमानत पर आने के बाद फरार हुआ हिस्ट्रीशीटर श्रवण बुडानिया अपराध जगत में अपने नाम की पहचान कायम रखने के साथ विरोधी गिरोह से बदला लेना चाह रहा था। वह इसके लिए हथियार की तलाश में था। हथियार लेने के लिए वह एमपी और गुजरात गया था। चूरू पुलिस अधीक्षक जय यादव की सजगता के चलते वह इसमें सफल नहीं हो पाया। 20 हजार रुपए के ईनामी अपराधी को पुलिस अधीक्षक की स्पेशल टीम ने गुजरात में काबू कर लिया। उसे शुक्रवार को चूरू लाया गया। चर्चित महेन्द्र गौदारा हत्याकांड के मुख्य आरोपी श्रवण बुडानिया को शनिवार को न्यायालय में पेश किया जाएगा।

पुलिस अब उसकी फरारी के दौरान हथियार व अन्य संशाधन जुटाने के प्रयास में सहयोगी रहे अपराधियों को तलाश कर रही है। पुलिस अधीक्षक जय यादव ने बताया कि महेन्द्र गोदारा हत्याकांड का मुख्य आरोपी गाजसर निवासी श्रवण बुडानिया उर्फ सूर्यप्रकाश पुत्र भागीरथ जाट हनुमानगढ़ जेल में बंद था। अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश चूरू के आदेश पर 19 दिसंबर को 17 जनवरी तक के लिए अंतरिम जमानत पर रिहा किया गया था। जमानत पर आने के बाद श्रवण फरार हो गया। इस पर जिला एवं सेशन न्यायाधीश की ओर से स्थाई वारंट जारी करने के साथ इसकी गिरफ्तारी पर 20 हजार रुपए का ईनाम घोषित किया गया था।---

दिल में पाल रखी है बदले की भावना

श्रवण के फरार होने के बाद गैंगवार की आशंका से चूरू जिले की पुलिस के भी कान खड़े हो गए। इसी बीच पुलिस को सूचना मिली की बदले की भावना के चलते वह हत्या की वारदात को अंजाम दे सकता है। ऐसे में एसपी की ओर से उसकी गिरफ्तारी का टास्क स्पेशल टीम को दिया। साथ ही एसपी ने लगातार स्थिति पर नजर बनाकर रखी। पुलिस टीम उसका पीछा करते हुए गुजरात पहुंची। वहां पर उसे दस्तयाब किया गया।

सता रहा था सजा का डर

महेन्द्र गोदारा हत्याकांड वर्ष 2017 में हुआ था। महेन्द्र 17 जुलाई, 2017 को अपने भाई व दो अन्य के साथ बाइक पर कड़वासर होते हुए चूरू आ रहा था। महेन्द्र के पास इस दौरान कोई फोन आया। वह फोन पर बात कर रहा था। इसी दौरान सामने से दो गाडि़यों में आए श्रवण बुडानिया, रामस्वरूप, सरजीत व अन्य ने गोली मारकर महेन्द्र की हत्या कर दी। उसके भाई की ओर से दर्ज मामले में कमल रामसरा व अजय रिणवां से रंजिश की बात बताई गई थी।

हार्डकोर अपराधी है श्रवण

श्रवण बुडानिया जिले का हार्डकोर अपराधी है। उसके खिलाफ हत्या सहित सात मामले दर्ज है। उसकी गिरफ्तारी में एसपी स्पेशल टीम के हैडकांस्टेबल सज्जन कुमार, राकेश कुमार, कांस्टेबल रमाकांत, कुलदीप व साइबर सैल के हैडकांस्टेबल धर्मवीर की प्रमुख भूमिका रही।

श्रवण के गैंगवार से जुड़े कई अपराधियों से सम्पर्क

पुलिस की पूछताछ में सामने आया है कि श्रवण बुडानिया के गैंगवार से जुड़े कई अपराधियों से सम्पर्क है। 12वीं तक पढ़ा लिखा श्रवण पहले अपने भाई का ट्रक चलाता था। इसी दौरान वह अपराधियों के सम्पर्क में आ गया। श्रवण ने पूछताछ में पुलिस को बताया है कि उसने महेन्द्र गोदारा को केसीसी पर लोन लेकर डेढ़ लाख रुपए उधार दिए थे। महेन्द्र ने यह पैसा वापस देने से मना कर दिया। इसी बात को लेकर उसकी रंजिश बढ़ती गई। वहीं उसके साथी रामस्वरूप के साथ महेन्द्र गोदारा व उसके साथियों ने जमीन के एक मामले को लेकर मारपीट की थी। ऐसे में दोनों मिलकर हत्या की वारदात की साजिश रची। महेन्द्र की लोकेशन लेने के लिए उसके चालक को ही मुखबिर बनाया और वारदात को अंजाम दिया।

बस में बैठने के बाद मनाया फरार होने का मन

पुलिस की पूछताछ में सामने आया है कि अंतरिम जमानत के दौरान श्रवण अपने घर ही रहा। बीकानेर के पीबीएम अस्पताल में अपनी पत्नी का उपचार करवाया। 18 जनवरी को जेल में वापस जाने के लिए घर से रवाना हो गया था। बस से वह पहले सरदारशहर और फिर रावतसर पहुंचा। यहां से वापस बीकानेर आ गया। यहां पर मन में विचार आया कि मुकदमे में सजा होने के बाद वह विरोधियों का कुछ नहीं कर सकेगा। ऐसे में वह फरार हो गया। इसकी एक वजह यह भी थी कि घर की आर्थिक हालत कमजोर हो गई। ऐसे में वह फिर से अपने परिचित का ट्रक चलाने लगा। ट्रक लेकर हरियाणा, मध्यप्रदेश व गुजरात गया था। अपने सम्पर्क के लोगों के माध्यम से विरोधी गिरोह के लोगों पर नजर रखता था। लेकिन हथियार की व्यवस्था होने से पहले ही पुलिस ने उसे पकड़ लिया।