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Acharya Mahashraman- संतोष हो तो मोक्ष प्राप्ति के मार्ग पर आगे बढ़ सकता है आदमी- आचार्य महाश्रमण

चूरू (छापर). आचार्य महाश्रमण ने कहा कि भगवती सूत्र में संसार में चार अवस्थान काल बताए गए हैं- नरक, तीर्यंच, मनुष्य और देव। संसार में दो प्रकार के जीव हैं-सिद्ध और संसारी। जो जीव सिद्ध हो गए, उनके न कोई शरीर, न वाणी व मन आदि नहीं होते। वे आत्म रूप में होते हैं, वे मोक्ष में रहने वाले हैं। महाश्रमण कस्बे में चल रहे चातुर्मास में श्रावक-श्राविकाओं को प्रवचन दे रहे थे।

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चूरू

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Vijay

Jul 23, 2022

Acharya Mahashraman- संतोष हो तो मोक्ष प्राप्ति के मार्ग पर आगे बढ़ सकता है आदमी- आचार्य महाश्रमण

Acharya Mahashraman- संतोष हो तो मोक्ष प्राप्ति के मार्ग पर आगे बढ़ सकता है आदमी- आचार्य महाश्रमण

कस्बे में चल रहे चातुर्मास में महाश्रमण ने दिए प्रवचन
चूरू (छापर). आचार्य महाश्रमण ने कहा कि भगवती सूत्र में संसार में चार अवस्थान काल बताए गए हैं- नरक, तीर्यंच, मनुष्य और देव। संसार में दो प्रकार के जीव हैं-सिद्ध और संसारी। जो जीव सिद्ध हो गए, उनके न कोई शरीर, न वाणी व मन आदि नहीं होते। वे आत्म रूप में होते हैं, वे मोक्ष में रहने वाले हैं। महाश्रमण कस्बे में चल रहे चातुर्मास में श्रावक-श्राविकाओं को प्रवचन दे रहे थे। उन्होंने कहा कि जीव एकबार मुक्त अवस्था को प्राप्त हो जाता है, सिद्ध, बुद्ध बन जाता है, वह फिर संसार में जन्म नहीं लेता और जो जन्म नहीं लेगा तो उसकी मृत्यु भी नहीं होती। संसारी जीव होते हैं, जिनका जन्म और मृत्यु होती है। संसारी का अर्थ है संसरण करने वाले। एक गति से दूसरे गति में जाने वाले, जन्म-मृत्यु करने वाले। संसारी जीव जन्म-मरण करता रहता है। कई जीव आज तक वनस्पति काय से बाहर ही नहीं निकले, किन्तु कई जीव अनेक गतियों में जन्म ले सकते हैं। जिस गति में जितने समय तक अवस्थिति होती है, उस कालांश को उस जीव का संसार अवस्थान काल कहा जाता है। नरक, तीर्यंच, मनुष्य और देव-इन चार गतियों में संसारी जीव परिभ्रमण करता रहता है। वह अनेकानेक बार जन्म और मृत्यु को प्राप्त हो चुका है। आदमी यह सोचे कि उसे ऐसा क्या करना चाहिए कि इन गतियों से उसे मुक्ति प्राप्त हो सके। इसके लिए आदमी को मोक्ष प्राप्ति की साधना का प्रयास करना चाहिए। जीवन में सादगी, संतोष आदि हो तो आदमी मोक्ष प्राप्ति के मार्ग पर आगे बढ़ सकता है। आचार्यश्री ने कालूयशोविलास का गायन कर उसका स्थानीय भाषा में वर्णन करते हुए कालूगणी के जीवनकाल पर प्रकाश डाला।
मुमुक्ष दक्ष व अश्विनी को दीक्षार्थी के रूप में मिली स्वीकृति
मंगल प्रवचन के उपरान्त आचार्यश्री के समक्ष मुमुक्षु दक्ष नखत और मुमुक्षु अश्विनी उपस्थित हुए। दोनों ने आचार्यश्री से दीक्षा प्रदान करने की प्रार्थना की तो आचार्यश्री ने पहले मुमुक्षु अश्विनी को साधु प्रतिक्रमण सीखने का आदेश प्रदान किया। तदुपरान्त दोनों मुमुक्षुओं को दीक्षार्थी के रूप में स्वीकृति और कुछ समय पश्चात् आचार्यश्री ने मुमुक्षु अश्विनी को आगामी 9 सितम्बर को होने वाली दीक्षा में मुनि दीक्षा देने की घोषणा की। आचार्यश्री की इस घोषणा से पूरा प्रवचन पण्डाल जयघोष से गुंजायमान हो उठा।

रेल फाटक बंद रहेगा
सुजानगढ़. सुजानगढ़ शहर की गोलाई के पास नूर नगर फाटक नं. 372-01 शनिवार को बंद रहेगा। स्थानीय सीनियर सेक्शन इंजीनियर बत्तीलाल मीणा के अनुसार रेलवे ट्रेक मशीनों से ओवरहेङ्क्षलग का कार्य होने से फाटक बंद रहेगा।
मोहर्रम की व्यवस्थाओं को लेकर चर्चा
चूरू. चूरू में 8-9 अगस्त को निकाले जाने वाले तालियों को लेकर मोहर्रम कमेटी के अध्यक्ष मोहम्मद अली खान की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में ताजियों की व्यवस्था को लेकर चर्चा की गई। इस दौरान ताजियों और अखाड़ों के निर्धारित रास्तों पर आने वाली समस्याओं को लेकर विस्तार से विचार-विमर्श किया गया तथा ताजिये बनाने की तैयारी पर चर्चा हुई। बैठक में अली शेर, जाकिर हुसैन, उस्ताद लियाकत अली, उस्ताद साबिर, मो. रफीक, जावेद, आबिद, ईद मोहम्मद एवं अन्य कमेटी के सदस्य शामिल हुए।