25 दिसंबर 2025,

गुरुवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

बिना द्वितीय काउंसलिंग के उपस्थिति देने के आदेश पर छात्रों ने उठाए सवाल, बोले उनके साथ ज्यादती कर रहा चिकित्सा विभाग

पहले दिन उपस्थिति देने आए 21 विद्यार्थी आए, सभी छात्रों व परिजनों में असमंजस की स्थिति बन गई है। चूंकि दूसरी काउंसलिंग में अन्य कॉलेजों में जाने पर उन्हे मेडिकल बोर्ड से जांच, रैंगिंग संबंधी फार्म व शपथ पत्र नए सिरे से देने पड़ेंगे

2 min read
Google source verification
churu medical college

churu medical college

चूरू.

केन्द्रीय व स्टेट स्तर की द्वितीय काउंसलिंग होने से पहले प्रथम काउंसलिंग में फीस जमा करा चुके अभ्यर्थियों को तीन दिन के अंदर सबंधित कॉलेज में उपस्थिति देने के आदेश को छात्रों व उनके परिजनों ने काउंसलिंग बोर्ड की ज्यादती बताया। पंडित दीन दयाल उपाध्याय मेडिकल कॉलेज चूरू में उपस्थिति देने आए छात्रों व उनके परिजनों ने बताया कि द्वितीय काउंसलिंग से पहले चिकित्सा शिक्षा विभाग को उपस्थिति के आदेश नहीं देने चाहिए। इससे उनकी परेशानी बढ़ गई है। सभी छात्रों व परिजनों में असमंजस की स्थिति बन गई है। चूंकि दूसरी काउंसलिंग में अन्य कॉलेजों में जाने पर उन्हे मेडिकल बोर्ड से जांच, रैंगिंग संबंधी फार्म व शपथ पत्र नए सिरे से देने पड़ेंगे। इसके अलावा अन्य खर्च भी उठाना पड़ेगा।

तीन अगस्त तक देनी होगी उपस्थिति: गौरतलब है कि मेडिकल कौंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई) के आदेशानुसार राज्य काउंसलिंग बोर्ड ने दूसरी काउंसलिंग हुए बिना फीस जमा चुके छात्रों को कॉलेजों में उपस्थिति देने का आदेश जारी कर दिया। आदेश के मुताबिक तीन अगस्त तक उपस्थिति देना अनिवार्य है। उपस्थिति नहीं दी तो उनका प्रवेश भी निरस्त हो सकता है। चूरू में पहली काउंसलिंग में एक केन्द्रीय व ५६ राज्य काउंसलिंग से छात्रों ने प्राथमिक प्रवेश लिया है। ५७ में से पहले दिन २१ छात्रों ने उपस्थिति दर्ज कराई कराई।

छात्रों को यह होगी मुश्किल

जानकारी के मुताबिक छात्रों से निर्धारित करीब १५० रुपए मेडिकल जांच फीस ली जा रही है। इसके अलावां उन्हे कॉलेज के नाम ५०० रुपए के शपथ पत्र देने पड़े। लेकिन दूसरे कॉलेज में जाने पर भी यह सारी प्रक्रिया करनी पड़ेगी। इसके अलावा स्टाफ को भी दूसरे छात्रों के आने पर उक्त सारी प्रक्रिया फिर से करनी पड़ेगी। ऐसे में काउंसलिंग बोर्ड के आदेश पर सवाल उठना लाजमी है।


टीम ने कॉलेज में ही किया मेडिकल : मेडिकल कॉलेज स्टाफ ने प्रवेश प्रभारी प्रो. गजेन्द्र सक्सेना के नेतृत्व में कॉलेज में ही छात्रों का मेडिकल वेरीफिकेशन किया। प्रिंसिपल डा. वीरबहादुर सिंह ने बताया कि सरकार की ओर से निर्धारित जांच फीस व प्रमाणपत्र लिए जा रहे हैं और प्रवेश संबंधी कार्यों को संपादित किया जा रहा है। मेडिकल परीक्षण के दौरान कार्यवाहक प्राचार्य डा. शरद जैन, डा. दीपक कुमार, डा. रविन्द्र सचदेवा, डा. महेन्द्र खीचड़, डा. शशिधर, डा. अनिता सहारण, डा. विकास देवड़ा, डा. दिलीप निर्बाण, डा. रविन्द्र कस्वां, डा. सरिता चौधरी, कपिल शर्मा आदि मौजूद थे। ड्ड