तीन साल पहले पंचायतों का पुनर्गठन किए जाने के बाद शिक्षा महकमे ने अब पीइइओ की व्यवस्था कर दी है। ऐसे में अब शैक्षणिक व्यवस्था की बेहतरीन मॉनिटङ्क्षरग हो सकेगी और शैक्षिक व्यवस्था में भी सुधार होगा। इस संबंध में निदेशक माध्यमिक शिक्षा ने आदेश जारी कर दिए हैं।
मधुसूदन शर्मा
चूरू. तीन साल पहले पंचायतों का पुनर्गठन किए जाने के बाद शिक्षा महकमे ने अब पीइइओ की व्यवस्था कर दी है। ऐसे में अब शैक्षणिक व्यवस्था की बेहतरीन मॉनिटङ्क्षरग हो सकेगी और शैक्षिक व्यवस्था में भी सुधार होगा। इस संबंध में निदेशक माध्यमिक शिक्षा ने आदेश जारी कर दिए हैं। इसके साथ ही प्रदेश में नई बनी 1264 ग्राम पंचायतों की उच्च माध्यमिक विद्यालयों के प्रधानाचार्यो को भी पीइइओ की जिम्मेदारी सौंप दी है। गौरतलब है कि प्रदेश में अधिकांश प्रधानाचार्य के पद रिक्त चल रहे हैं। ऐसे में इन स्थानों पर कार्यवाहक प्रधानाचार्य को भी पीइइओ की जिम्मेदारी निभानी होगी। इस संबंध में आदेश जारी किए जाने के बाद ग्राम पंचायत मुख्यालयों से जुड़े विद्यालयों की शैक्षणिक व्यवस्था पर नजर रहेगी और विभागीय स्तर पर आने वाली समस्याओं का समाधान भी किया जा सकेगा। ऐसे में विद्यालयों के मुखिया के भटकना नहीं पडेगा। चूरू जिले की बात करें तो चूरू जिले में पहले 254 ग्राम पंचायतें थीं। तीन साल पहले इनका पुनर्गठन किया गया तो इनमें से 50 ग्राम पंचायतें नई बनाई। इसके साथ ही जिले में ग्राम पंचायतों की संख्या बढ़कर 304 हो गई। अब इतनी ही ग्राम पंचायतों में पीइइओ नामित किए गए हैं। आपको बता दें कि वर्तमान में एक पीइइओ के पास कई पंचायतो का कार्यभार था, लेकिन अब वे अपने क्षेत्र से संबंधित विद्यालयों की ही मॉनिटङ्क्षरग करेंगे। सरकार की घोषणा अनुसार राज्य के सभी 11 हजार 302 ग्राम पंचायतों में पंचायत प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी घोषित कर दिए हैं। राज्य सरकार द्वारा ग्राम पंचायतों के पुनर्गठन के बाद कई ग्राम पंचायतों में पीईईओ नहीं होने से अन्य पीईईओ को अतिरिक्त चार्ज दे रखा था, जिससे पंचायत प्रारंभिक शिक्षा अधिकारियों पर कार्य का दबाव बढ़ गया था। काफी समय से नवगठित ग्राम पंचायतों में उसी पंचायत क्षेत्र के स्कूल के संस्था प्रधान को पीईईओ घोषित किए जाने की मांग की जा रही थी। अब माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने राज्य की सभी ग्राम पंचायतों के लिए पंचायत प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी घोषित कर दिए हैं। जिन पंचायत क्षेत्र की स्कूलों में पीईईओ नहीं थे। उन ग्राम पंचायत की एक स्कूल के संस्था प्रधान को पीईईओ घोषित कर दिया गया है।
ग्राम पंचायत क्षेत्र में पीईईओ के कार्य
शिक्षा विभाग में प्रत्येक ग्राम पंचायत में एक उच्च माध्यमिक विद्यालय के प्रधानाचार्य को पदेन पंचायत प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी (पीइइओ) की जिम्मेदारी दी हुई है। जिसके तहत पंचायत क्षेत्र के अधीन संचालित प्रारंभिक शिक्षा के प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों की देखरेख व समस्त जिम्मेदारी पीईईओ की होती है। जिसमें पीइइओ द्वारा इन विद्यालयों के समस्त कार्मिकों का वेतन आहरण, सेवाभिलेख का रखरखाव, अवकाश प्रकरण, विद्यालय अवलोकन, निरीक्षण सहित एमडीएम, पाठ्यपुस्तकों व अन्य सभी प्रकार की डाक व सूचनाएं एकत्रित कर विभाग को भिजवाने का काम पीइइओ ही करते हैं। स्कूलों पर से अतिरिक्त बोझ कम होगा और व्यवस्था में बेहतर सुधार हो सकेगा।
प्रदेश में वर्तमान में कुल ग्राम पंचायत व जिले वार पीईईओ की संख्या
1. अजमेर - 325
2.अलवर - 570
3. बांसवाड़ा 417
4. बारां - 232
5. बाड़मेर - 689
6. भरतपुर - 400
7. भीलवाड़ा 398
8. बीकानेर - 367
9. बूंदी - 184
10. चित्तौडगढ़़ 299
11. चूरू - 304
12. दौसा - 286
13. धौलपुर - 188
14. डूंगरपुर - 353
15. गंगानगर 344
16. हनुमानगढ़ 269
17. जयपुर - 602
18. जैसलमेर 206
19. जालौर - 307
20. झालावाड़ - 254
21. झुंझुनू - 337
22. जोधपुर - 625
23. करौली - 241
24. कोटा - 156
25. नागौर - 499
26. पाली - 341
27. प्रतापगढ़ - 235
28. राजसमंद - 214
29. सवाईमाधोपुर- 227
30. सीकर - 375
31. सिरोही - 170
32. टोंक - 236
33. उदयपुर 652
कुल 11302