
22 हजार की रिश्वत लेते सरपंच गिरफ्तार
सुजानगढ़. भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो चूरू की टीम ने मंगलवार को रिश्वत लेते राजियासर पंचायत के सरपंच पवन सिंह को रंगेहाथों गिरफ्तार कर लिया। ब्यूरो के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक आनन्द प्रकाश स्वामी ने बताया कि सरपंच पवनसिंह ने गत वर्ष 2019-20 में कराए विकास कार्यों के बकाया भुगतान के बदले यह रिश्वत ली थी। सरपंच को पडि़हारा गांव की बैंक के पास तब गिरफ्तार किया, जब परिवादी राजियासर निवासी नरपत सिंह ने बैंक में अपने खाते से राशि निकाली। एएसपी स्वामी ने बताया कि नरपत सिंह की फर्म जगदम्बा बिल्डिंग मेटेरियल के पास राजियासर ग्राम पंचायत में गत वर्ष होने वाले निर्माण (विकास) कार्यों की सामग्री आपूर्ति का ठेका था। राजियासर में ब्लॉक से खुर्रा व ढाणी रिणवा की सांडशाला में छपरा बनाने के बिलों की राशि चार लाख 20 रुपए बकाया थी। परिवादी ने बार-बार भुगतान का अनुनय-विनय किया, लेकिन सरपंच पवन सिंह ने नहीं सुनी। सरपंच ने बकाया राशि का 6 प्रतिशत कमीशन मांगा जो 26 हजार रुपए होती है, लेकिन सौदा 22 हजार रुपए में तय हुआ। कुछ दिन पहले ही बकाया राशि में से थोड़ा भुगतान परिवादी नरपत सिंह को मिला जो उसके पहिड़ारा बैंक खाते में आया था। तब सरपंच ने परिवादी से खाते से राशि निकलवाकर देने का दबाव बनाया। वह उसे साथ लेकर पडि़हारा आया। जैसे ही उसने पैसे निकाले। एसीबी ने उसे दबोच लिया। गिरफ्तार सरपंच को बुधवार को बीकानेर स्थित एसीबी कोर्ट में पेश किया जाएगा।
बोवणी जल्दी कराए
एसपी स्वामी के अनुसार सरपंच पवन सिंह की परिवादी से हुई वार्ता टेप की है, उसमें सरपंच कह रहा है कि बोवणी (रिश्वत की राशि) आज तेरी करनी है जल्द करा। स्वामी के अनुसार श्रवणकुमार जाट सह आरोपी है। गौरतलब है कि अभी ग्रामसेवक बजरंगसिंह है जो पहले बीमारी के कारण अवकाश पर होने से चार्ज श्रवणकुमार के पास था।
टीम में यह रहे शामिल
एएसपी स्वामी के नेतृत्व में आई टीम में गिरधारी सिंह, नरेन्द्रसिंह, ओमप्रकाश, दलीप दाधीच, राकेशकुमार, संदीपकुमार, श्रवणकुमार, भंवरलाल, दीपेशकुमार, राजपाल सिंह व चालक हिम्मतसिंह शामिल रहे।
विवादों में रही है यह पंचायत
राजियासर ग्राम पंचायत पिछले लम्बे समय से विवादों के कारण सुर्खियों में रही है। पूर्व सरपंच केसरसिंह व अजीतसिंह के बीच शिकायतों का लंबा दौर चला इसलिए सालासर पुलिस थाने में कई एफआईआर भी दर्ज हुई व पहले भी एसीबी में शिकायत हुई थी तब अजीतसिंह निलम्बित भी हुए जबकि केसरसिंह के परिवार जनों को पुलिस व न्यायिक कार्रवाही का सामना करना पड़ा।
Published on:
04 Nov 2020 02:33 pm
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