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शहीद किशन सिंह का सैन्य सम्मान के साथ पैतृक गांव में हुआ अंतिम संस्कार, चार साल के बेटे ने दी मुखाग्नि, गांव में छाया शोक

शहीद किशन सिंह का सैन्य सम्मान के साथ पैतृक गांव में हुआ अंतिम संस्कार, चार साल के बेटे ने दी मुखाग्नि, गांव में छाया शोक

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चूरू

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rohit sharma

Dec 17, 2018

martyr kishan singh

martyr kishan singh

रतनगढ़।

पुलवामा में शहीद हुए राजस्थान के किशन सिंह राजपूत का सैनिक सम्मान से रतनगढ़ में स्थित पैतृक गांव में अंतिम संस्कार किया गया। शहीद की अंतेष्टि में कई राजनेता, जनप्रतिनिधि, बड़े अधिकारी उपस्थित रहे। शहीद किशन सिंह को चार साल के बेटे ने मुखाग्नि दी।

29 साल का भींचरी निवासी शहीद किशन सिंह 55 RR बटालियन में सिपाही था। किशन सिंह राजपूत 2010 में सेना में भर्ती हुआ था। साल 2012 में शहीद की फतेहपुर के ग्राम डाबड़ी में सन्तोष कंवर के साथ शादी हुई थी। किशन सिंह अपने पीछे दो बच्चे छोड़ गया, जो दो और चार साल के हैं। शहीद के एक बड़ा भाई जीवराजसिंह है। वह कोलकाता में ट्रक चलाकर परिवार का लालन-पालन करते हैं।

शहीद किशनसिंह की पत्नी रतनगढ़ में खाडिया बास में एक किराए के मकान में बच्चों के साथ रहती है। बता दें कि किशन सिंह 28 नवंबर को एक महीने की छुट्टी बिता कर ड्यूटी पर लौटा था। शहीद किशन सिंह का पार्थिव देह सोमवार को सेना के विमान से दिल्ली लाया गया और सड़क मार्ग से शहीद के पैतृक गांव पहुंचा।

बता दें कि किशनसिंह जम्मू कश्मीर के पुलवामा में तैनात थे। आतंकवादियों के घुसने की सूचना पर उनकी बटालियन ने जम्मू कश्मीर के पुलवामा जिले के सिरून गांव में सुबह चार बजे मोर्चा संभाल लिया। सुबह सात बजे सेना के जवानों ने ऑपरेशन शुरू किया। इस दौरान किशनसिंह ने सबसे खूंखार आतंकवादी जहूर ठाकोर को गोलियों से छलनी कर मौत की घाट उतार दिया। इसी बीच एक अन्य आतंकवादी की गोली किशनसिंह के सीने को छलनी करते हुए पार हो गई और वे शहीद हो गए।