7 दिसंबर 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

दुल्हन की जगह दमकल लेकर आया दूल्हा, जानें क्यों

रतनगढ़ उपखंड के गांव जांदवा के निकट बीका की ढाणी में शुक्रवार को सुबह करीब 11 बजे घासफूस के छप्पर में रखे 11 में से 10 घरेलू गैस के सिलेंडरों में आग लग गई। इसके बाद तेज धमाके हुए तो घर में मौजूद महिलाओं में अफरा- तफरी मच गई। ग्रामीणों ने रतनगढ़ दमकल विभाग को हादसे की सूचना दी। दोपहर दो बजे तक दमकलकर्मी आग पर काबू पाने की कोशिश करते रहे।

2 min read
Google source verification
ratangarh_news.jpg

चूरू . घर में चार मार्च को दुल्हन आनी थी। हर तरफ मंगल गीत गूंज रहे थे और शादी की खुशियों में परिवार के लोग व रिश्तेदार व्यस्त थे। फिर हुआ कुछ ऐसा की शादी की खुशियां काफूर हो गई और दुल्हन की जगह दूल्हे को दमकल लानी पड़ गई। घर में अचानक एक के बाद एक 10 सिलेंडर भभक कर धमकों के साथ हवा में उड़ने लगे। पूरा गांव तेज धमाकों से दहल उठा। ग्रामीणों में दहशत फैल गई। गांव के लोग ढाणी की तरफ दौड़े और आग बुझाने का प्रयास किया। हादसा जिले के रतनगढ़ उपखंड के गांव जांदवा के निकट बीका की ढाणी में हुआ। जहां पर शुक्रवार को सुबह करीब 11 बजे घासफूस के छप्पर में रखे 11 में से 10 घरेलू गैस के सिलेंडरों में आग लग गई। इसके बाद तेज धमाके हुए तो घर में मौजूद महिलाओं में अफरा- तफरी मच गई। ग्रामीणों ने रतनगढ़ दमकल विभाग को हादसे की सूचना दी। दोपहर दो बजे तक दमकलकर्मी आग पर काबू पाने की कोशिश करते रहे। हादसे के बाद परिवार के लोग सदमे में हैं। सिलेंडर कैसे भभके इसकी जानकारी बहरहाल किसी के पास नहीं है। हादसे में गनीमत ये रही कि कोई जनहानि नहीं हुई।

शादी के लिए चार दिन पहले लाए थे सिलेंडर
गांव बीका की ढाणी निवासी विद्याधर शर्मा के बेटे सूर्यप्रकाश की चार मार्च को व बेटी सविता की छह मार्च को शादी थी। जिसके चलते 11 एलपीजी गैस के सिलेंडर मंगवा कर छप्पर में रखवाए गए थे। हादसे के समय घर में केवल तीन महिलाएं थीं। जिसमें विद्याधर शर्मा की पत्नी रेवन्ती, पुत्रवधू पूनम व बेटी सविता ही घर पर थी। खुद विद्याधर व बेटा सूर्यप्रकाश शादी की खरीदारी को लेकर चूरू आए हुए थे। इसके बाद सविता ने सूर्यप्रकाश को घटना की सूचना दी तो वह चूरू नगरपरिषद पहुंचा व दमकल लेकर गांव गया।
आग लील गई लाखों का सामान
आग लगने के कारण विद्याधर की बेटी सविता की शादी में देने के लिए जमा किया गया दो लाख से भी अधिक का दहेज का सामान जलकर खाक हो गया। इसके अलावा पडा़ेसी का झोंपड़ा जल गया। कुछ घरेलु सामान भी जलकर राख हो गया। हादसे को लेकर सूर्यप्रकाश शर्मा ने रतनगढ़ थाने में रिपोर्ट दी है।

ऐसे हवा में उड़े सिलेंडर

घासफूस के छप्पर में रखे सिलेंडर अचानक भभकने लगे। एक के एक बाद एक 11 में से 10 सिलेंडर फटे। एक सिलेंडर करीब आधा किमी दूर श्मशान में जाकर गिरा। एक सिलेंडर 300 मीटर दूर पड़ोसी के खेत में जाकर गिरा। वहीं एक सिलेंडर पड़ोस में रहने वाले किसान के झोंपड़े पर जाकर गिरा। जिससे झोंपड़ा जल गया। रतनगढ़ व चूरू से पहुंची दो दमकलों ने आग पर काबू पाया। रह - रह कर सिलेंडरों में धमाके होते रहे। धमाकों के बाद सिलेंडर लोहे के पात में बदल गए।