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यहां पर नहीं थम रहा राष्ट्रीय पक्षी की मौत का सिलसिला, जानें वजह

जिले में निमोनिया के चलते राष्ट्रीय पक्षी मोर की मौत का सिलसिला जारी है। बीती चार व पांच फरवरी को निमोनिया के संक्रमण से छापर के रामपुर गांव की रोही में दर्जनों राष्ट्रीय पक्षी मोर की हुई मौत के बाद अब सुजानगढ़ क्षेत्र के गांव झलाई तलाई की रोही में गुरुवार को करीब दस मोर मिले हैं। जिनमें से नौ मोर मृत व एक घायल मिला है। घायल मोर की उपचार के दौरान मौत हो गई।

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चूरू. जिले में निमोनिया के चलते राष्ट्रीय पक्षी मोर की मौत का सिलसिला जारी है। बीती चार व पांच फरवरी को निमोनिया के संक्रमण से छापर के रामपुर गांव की रोही में दर्जनों राष्ट्रीय पक्षी मोर की हुई मौत के बाद अब सुजानगढ़ क्षेत्र के गांव झलाई तलाई की रोही में गुरुवार को करीब दस मोर मिले हैं। जिनमें से नौ मोर मृत व एक घायल मिला है। घायल मोर की उपचार के दौरान मौत हो गई। वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि ग्रामीणों की सूचना पर महकमे की मौके पर गई टीम को गांव की रोही में झाडिय़ों में कुल 10 मोर मिले। जिनमें से नौ की पहले से ही मौत हो चुकी थी। एक मोर घायल था, जिसे तालछापर के रेस्क्यू सेंटर लाया गया। जहां पर उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई। सभी मृत मोर का मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम करवाकर उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया। वन विभाग के मुताबिक एक फाख्ता (डव) भी मौके पर मृत मिली।

ऐसे हुआ खुलासा

गांव की रोही की ढाणियों में रहने वाले ग्रामीणों को कैर की झाडिय़ों में कुछ संदिग्ध हलचल दिखाई दी तो वे मौके पर गए। झाडिय़ों में एक युवक व युवती बैठे मिले। इनके बगल में नौ मोर मृत पड़े थे। इसके बाद ग्रामीण श्रवण गोदारा, सोहनलाल गुलेरिया, शंकर सिंह व चतर सिंह आदि ने संदिग्ध युवक युवती को मौके पर रोके रखा। इसके बाद ग्रामीणों ने सदर पुलिस को मामले की सूचना दी। इसके बाद सदर थानाअधिकारी सुखराम चोटिया मय जाब्ते के मौके पर पहुंचे। इसके बाद तालछापर अभयारण्य के रेंजर उमेश बागोतिया टीम सहित मौके पर आए। वन विभाग के अधिकारियों ने संदिग्ध युवक युवती को पूछताछ के लिए हिरासत में ले लिया। मौके से नौ मृत व एक घायल मोर को अपने कब्जे में ले लिया।

मेडिकल बोर्ड से करवाया पोस्टमार्टम

तालछापर के रेंजर उमेश बागोतिया ने बताया कि सभी मृत मोरों का मेडिकल बोर्ड का गठन करवाकर पोस्टमार्टम करवाया गया है। बोर्ड में पशु चिकित्सक डाक्टर प्रवीण कुमार, डॉक्टर प्रदीप सोनी व डॉक्टर विकास कुमार को शामिल किया गया। पोस्टमार्टम में सर्दी से मोरों के फेंफड़ों में निमोनिया का संक्रमण होने के चलते समय पर उपचार नहीं मिलने से मौत होने की वजह सामने आई है।

फरवरी में मोर पर मौत का संकट

इस बार फरवरी का महीना राष्ट्रीय पक्षी मोर पर मौत का संकट लेकर आया है। महीने की शुरूआत में चार व पांच फरवरी को तालछापर अभयारण्य से सटे गांव रामपुर की रोही में कुल 32 मोर की मौत हो गई थी। इसके अलावा कई फाख्ता (डव) के शव रोही में पड़े मिले थे। पहले कुल 28 मोर मृत मिले जबकि दूसरे दिन चार मोर मृत मिले थे।

इनका कहना है :

ग्रामीणों की सूचना पर गांव झलाई- तलाई की रोही में पहुंचे। मौके पर नौ मोर मृत मिले, जबकि एक घायल मिला। सभी को कब्जे में लेकर तालछापर के रेस्क्यू सेंटर लाया गया। उपचार के दौरान घायल मोर की भी मौत हो गई। सभी 10 मृत मोर का मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम करवा कर अंतिम संस्कार कर दिया गया है। संदिग्ध युवक- युवती को हिरासत में लिया गया है, जिनसे पूछताछ की जा रही है।

उमेश बागोतिया, रेंजर, तालछापर अभयारण्य, छापर

मोरों के फेंफडों में सर्दी के चलते निमोनिया का संक्रमण हो गया था। समय पर उपचार नहीं मिलने के चलते इनकी मौत हो गई। इससे पहले भी रामपुर की रोही में निमोनिया के संक्रमण के कारण राष्ट्रीय पक्षी की मौत के मामले सामने आए थे।
डॉ. प्रदीप सोनी, पशु चिकित्सक, छापर