आईसीसी के पूर्व अंपायर डेरिल हार्पर धोनी की इस हरकत से खुश नहीं हैं। हार्पर का मानना है कि चेन्नई सुपर किंग्स के कप्तान ने पहले क्वालीफायर में जानबूझकर समय बर्बाद किया ताकि मथीशा पथिराना 16वां ओवर डालने के योग्य हो सकें।
Mahendra Singh Dhoni behavior IPL 2023: चार बार की चैंपियन चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) और गुजरात टाइटंस (GT) ने आईपीएल 2023 के फ़ाइनल में जगह बना ली है। इससे पहले दोनों टीम पहले क्वालीफायर में भिड़ी थीं। जहां चेन्नई ने उन्हें 15 रन से हराकर फाइनल में जगह बनाई थी। इस मैच में एक विवाद हुआ था जिसके चलते चेन्नई के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी विवादों में आ गए थे।
दरअसल जब गुजरात लक्ष्य का पीछा कर रही थी तब 16वें ओवर में अचानक मैच रुक गया। धोनी पारी का 16वां ओवर तेज गेंदबाज मथीशा पाथिराना से कराना चाहते थे। लेकिन क्योंकि वह करीब नौ मिनट तक मैदान से बाहर रहे थे, इस कारण अंपायरों ने उन्हें गेंदबाजी करने से मना कर दिया। आईपीएल के नियमों के मुताबिक, यदि कोई गेंदबाज आठ मिनट से ज्यादा समय तक मैदान से बाहर रहता है तो उसे आठ मिनट तक फील्ड पर रहना होगा और उसके बाद ही वो गेंदबाजी कर सकता है। ऐसे में पाथिराना को कुछ समय इंतजार करना था। लेकिन धोनी उन्हीं से यह ओवर फिकवाना चाहता थे। ऐेसे में धोनी ने अंपायरों को बातचीत में उलझाया और इस कारण करीब चार मिनट तक मैच रुका रहा।
धोनी की इस हरकत को जहां उनके फैंस सही ठहरा रहे हैं। वहीं आईसीसी के पूर्व अंपायर डेरिल हार्पर इस हरकत से खुश नहीं हैं। हार्पर का मानना है कि चेन्नई सुपर किंग्स के कप्तान ने पहले क्वालीफायर में जानबूझकर समय बर्बाद किया ताकि मथीशा पथिराना 16वां ओवर डालने के योग्य हो सकें।
मिड डे की एक रिपोर्ट के मुताबिक हार्पर ने कहा, 'धोनी ने महत्वपूर्ण 16वें ओवर में अपने पसंदीदा बोलिंग ऑप्शन का इस्तेमाल करने के लिए टाइम वेस्ट किया। मैं इस शर्मनाक हरकत से बस इतना ही निष्कर्ष निकाल पाया हूं। मेरे लिए सबसे बड़ी समस्या ये है कि वहां स्पिरिट ऑफ क्रिकेट और अंपायर्स को जरा भी सम्मान नहीं मिला।'
हार्पर ने आगे कहा, 'कप्तान के पास गेंदबाजी के और भी ऑप्शन थे, लेकिन उन्हें इग्नोर किया गया और जान बूझकर समय बर्बाद किया गया। शायद, कुछ लोग नियम या इस मामले में स्पिरिट ऑफ क्रिकेट से बड़े हैं। यह देखना हमेशा ही निराशाजनक होता है कि कुछ लोग जीत के लिए किस हद तक चले जाते हैं।'