वहीं एक बड़ी खबर ये है कि भारत के गृहमंत्री अमित शाह के बेटे जय शाह भी बीसीसीआई में बड़ी भूमिका में नजर आ सकते हैं। जय शाह बीसीसीआई के नए सचिव बन सकते हैं। वहीं केंद्रीय राज्य वित्त मंत्री अनुराग ठाकुर के छोटे भाई अरुण धूमल बीसीसीआई के नए कोषाध्यक्ष बन सकते हैं।
माना जा रहा है कि सौरव गांगुली को किसी प्रकार की टक्कर का सामना नहीं करना पड़ेगा और वे इस पद पर निर्विरोध चुने जा सकते हैं। कुछ यही स्थिति जय शाह और अरुण धूमल की भी नजर आ रही हैं। सोमवार को नामांकन दाखिल करने का अंतिम दिन और इसी दिन गांगुली अध्यक्ष पद के लिए अपनी दावेदारी पेश करेंगे।
बीसीसीआई के विभिन्न पदों पर चुने जाने वाले नए अधिकारी 23 अक्तूबर को होने वाला सालाना आम बैठक के बाद अपने-अपने पद संभालेंगे।
गांगुली को 2020 में ही छोड़ना होगा पद-
यहां यह जानना भी रोचक है कि सौरव गांगुली साल 2020 तक ही बोर्ड के अध्यक्ष बने रह सकेंगे। इसके बाद उन्हें पद छोड़ना होगा। ऐसा इसलिए होगा क्योंकि बीसीसीआई के नए संविधान के तहत उन्हें “कूलिंग ऑफ पीरियड” से गुजरना होगा। आपको बता दें कि सौरव गांगुली इस समय बंगाल क्रिकेट एसोसिएशन ( सीएबी ) के अध्यक्ष हैं। गांगुली ने हाल ही में लगातार दूसरी बार कैब अध्यक्ष का पद संभाला है।