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Harbhajan Singh ने बताया क्रिकेट में क्या काम करता है Saliva, प्रयोग बंद होने पर क्या पड़ेगा असर

locationनई दिल्लीPublished: May 20, 2020 06:53:11 pm

ICC की Cricket Committee ने सिफारिश की है कि Coronavirus का खतरा कम होने के बाद जब क्रिकेट मैच का आयोजन हो तो गेंद चमकाने के लिए Saliva का प्रयोग न किया जाए।

Harbhajan Singh

Harbhajan Singh

नई दिल्ली : अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट काउंसिल (ICC) की क्रिकेट समिति (Cricket Committee) ने सिफारिश की है कि कोरोना वायरस (Coronavirus) का खतरा कम होने के बाद जब क्रिकेट मैच का आयोजन शुरू हो तो क्रिकेट में थूक (Saliva ban in cricket) का प्रयोग बंद कर दिया जाए और सिर्फ पसीने (sweat in cricket) से गेंद को चमकाने की अनुमति दी जाए। लेकिन हरभजन सिंह (Harbhajan Singh) का मानना है कि जो काम लार कर सकती है, वह पसीने से नहीं हो सकता है। वह थूक का विकल्प नहीं हो सकता है। इसलिए पूर्व दिग्गज ऑफ स्पिनर ने सलाह दी है कि टेस्ट क्रिकेट (Test Cricket) में बल्ले और गेंद के बीच समान प्रतिस्पर्धा को अगर बनाए रखना है तो कुछ नया सोचना होगा। टर्बनेटर ने कहा कि इसके बदले टेस्ट क्रिकेट में दोनों छोर से अलग-अलग गेंदों का इस्तेमाल किया जा सकता है। उन्होंने यह यूट्यूब चैनल पर बात करते हुए कहा कि इस तरीके से एक गेंद का इस्तेमाल रिवर्स स्विंग के लिए और दूसरी का उपयोग स्विंग कराने के लिए किया जा सकता है।

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टर्बनेटर बोले, ऐसे किया जाए दोनों गेंदों का इस्तेमाल

हरभजन सिंह ने कहा कि इसका मतलब यह नहीं है कि वह यह कह रहे हैं कि दोनों गेंदों का इस्तेमाल 90 ओवर तक किया जाए। ऐसा किया जाना चाहिए कि दोनों गेंद को 50 ओवरों के बाद बदल दिया जाए। हरभजन ने कहा कि 50 ओवरों तक दोनों गेंदें पुरानी हो जाएंगी और इसके बाद इसमें पसीने से भी चमक नहीं आएगी। हरभजन ने कहा कि कप्तान के पास विकल्प होना चाहिए कि वह नई गेंद का इस्तेमाल एक ही छोर से करना चाहता है या फिर दोनों छोर से। लेकिन साथ में हरभजन ने यह भी जोड़ा कि एक गेंद को 50 ओवर से ज्यादा इस्तेमाल नहीं किया जाए।

भज्जी ने बताया लार और पसीने में अंतर

इस दौरान हरभजन ने यह भी बताया कि लार और पसीने में क्या अंतर है और दोनों से गेंद चमकाने पर क्या फर्क पड़ता है। भज्जी ने बताया कि जब गेंद पुरानी हो जाती है तो यह पसीने से नहीं चमकती, सिर्फ भारी होती है, जबकि वहीं थूक पसीने से थोड़ा मोटा होता है और इसके बार-बार प्रयोग से पुरानी गेंद को भी चमकाने में मदद मिलती है। गेंद को चमकाने में मदद मिलती है। हरभजन ने आगे कहा कि सलाइवा का इस्तेमाल न होने से गेंद ज्यादा स्पिन नहीं होगी। हरभजन ने कहा कि पसीने से गेंद भारी होने के कारण गेंद हवा में भी ज्यादा देर नहीं रहेगी और जल्दी नीचे आ जाएगी। इससे गेंद पर ग्रिप बनाने में भी समस्या होगी।

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…तो बल्लेबाज के पक्ष में झुक जाएगा क्रिकेट

हरभजन सिंह ने कहा कि उन्हें लगता है कि लार का कोई स्थायी विकल्प नहीं है। अगर आप थूक का इस्तेमाल नहीं करेंगे तो यह गेंदबाजों को खेल से दूर ले जाएगा। भारतीय उपमहाद्वीपीय परिस्थितियों में तो निश्चित। हरभजन ने कहा कि गेंदबाजों को गेंद बनानी है तो उसे सलाइवा चाहिए होगा। भज्जी ने कहा कि हमें देखना होगा कि सलाइवा के अलावा और क्या विकल्प हो सकता है, जिससे गेंद और बल्ले के बीच का संतुलन बनाए रखा जा सके।

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