हेडिंग्ले में खेले गए इस टेस्ट मैच में भारत ने पहली पारी में 471 और दूसरी पारी में 364 रन बनाए। कुल 835 रनों का स्कोर टेस्ट क्रिकेट में किसी भी हारी हुई टीम के लिए चौथा सबसे बड़ा स्कोर है।
India vs England 1st Test record: भारत और इंग्लैंड के बीच पांच मैचों की टेस्ट सीरीज़ का पहला मुकाबला हेडिंग्ले में खेला गया, जहां शुभमन गिल की अगुवाई वाली भारतीय टीम को हार का सामना करना पड़ा। भले ही बल्लेबाजों ने इस मैच में शानदार प्रदर्शन किया हो और पांच शतक बनाए हों, लेकिन इस हार के साथ टीम इंडिया के खाते में कई अनचाहे रिकॉर्ड भी जुड़ गए हैं।
भारत ने चौथी पारी में इंग्लैंड को जीत के लिए 371 रन का विशाल लक्ष्य दिया था। लेकिन इंग्लिश टीम ने आखिरी दिन 82 ओवरों में ही यह लक्ष्य पांच विकेट रहते हासिल कर लिया। बेन डकेट की शानदार 149 रनों की पारी ने रनचेज की नींव रखी, जिसे जो रूट और जेमी स्मिथ ने बेहद संयम से अंजाम तक पहुंचाया।
जहां एक ओर इंग्लैंड ने हाल के वर्षों की सबसे यादगार जीत दर्ज की, वहीं भारत के लिए यह मैच कई शर्मनाक आंकड़ों के साथ खत्म हुआ। सबसे बड़ा रिकॉर्ड यह रहा कि टेस्ट इतिहास में यह चौथी बार हुआ जब किसी टीम ने 800 से ज्यादा रन बनाए और मैच हार गई।
हेडिंग्ले में खेले गए इस टेस्ट मैच में भारत ने पहली पारी में 471 और दूसरी पारी में 364 रन बनाए। कुल 835 रनों का स्कोर टेस्ट क्रिकेट में किसी भी हारी हुई टीम के लिए चौथा सबसे बड़ा स्कोर है। भारतीय बल्लेबाजों ने शानदार प्रदर्शन किया, लेकिन इंग्लैंड की बल्लेबाजी और गेंदबाजी ने भारत को जीत से वंचित कर दिया। इस हार ने क्रिकेट प्रशंसकों को हैरान कर दिया, क्योंकि इतने बड़े स्कोर के बावजूद हार की कल्पना करना मुश्किल था।
टेस्ट क्रिकेट में 800 से अधिक रन बनाकर हारना एक असाधारण घटना है। अब तक केवल चार टीमें इस दुर्भाग्यपूर्ण सूची में शामिल हैं। दिलचस्प बात यह है कि इनमें से तीन बार ऐसा बेन स्टोक्स–ब्रेंडन मैकुलम के एरा में हुआ है। आइए, इन चारों मौकों पर एक नजर डालें:
टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में सबसे ज्यादा रन बनाकर हारने का रिकॉर्ड इंग्लैंड के नाम है। 1948 में हेडिंग्ले में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ इंग्लैंड ने कुल 861 रन बनाए, लेकिन ऑस्ट्रेलिया ने डॉन ब्रैडमैन की अगुआई में 404 रनों के लक्ष्य को हासिल कर लिया। यह टेस्ट क्रिकेट में चेज़ करते हुए सबसे यादगार जीत में से एक है।
दिसंबर 2022 में रावलपिंडी में खेले गए ऐतिहासिक टेस्ट मैच में पाकिस्तान ने पहली पारी में 579 रन और दूसरी पारी में 268 रन बनाते हुए कुल 847 रन खड़े किए। लेकिन इसके बावजूद वे इंग्लैंड की आक्रामक 'बाजबॉल' रणनीति के आगे टिक नहीं सके।
इंग्लैंड ने पहली पारी में 657 रन बनाए और फिर लक्ष्य का तेजी से पीछा करते हुए यह टेस्ट जीत लिया। यह मुकाबला टेस्ट क्रिकेट में एक नए युग की शुरुआत के तौर पर देखा गया, जहां इंग्लैंड ने परंपरागत धीमी बल्लेबाज़ी को छोड़कर आक्रामक सोच को अपनाया।
ट्रेंट ब्रिज में खेले गए यादगार टेस्ट मुकाबले में न्यूजीलैंड ने पहली पारी में 553 और दूसरी पारी में 284 रन बनाए। कुल मिलाकर कीवी टीम ने 837 रन का विशाल स्कोर खड़ा किया। लेकिन इसके बावजूद इंग्लैंड ने 299 रन के लक्ष्य का पीछा कर शानदार अंदाज़ में मुकाबला जीत लिया।
इस ऐतिहासिक जीत में जो रूट और बेन स्टोक्स की बेहतरीन बल्लेबाज़ी ने अहम भूमिका निभाई। दोनों बल्लेबाजों ने 'बाजबॉल' अप्रोच के तहत आक्रामक खेल दिखाते हुए मैच का रुख पूरी तरह इंग्लैंड की ओर मोड़ दिया। यह मुकाबला भी उस दौर का हिस्सा बना जब इंग्लैंड ने टेस्ट क्रिकेट में परंपराओं को तोड़कर नये आक्रामक युग की शुरुआत की। न्यूजीलैंड के 837 रन भी इंग्लैंड की रफ्तार और इरादों को रोक नहीं सके।
भारत की हालिया हार अब टेस्ट क्रिकेट इतिहास की चौथी सबसे बड़ी स्कोर वाली हार बन चुकी है। टीम इंडिया ने पहली पारी में 471 रन और दूसरी पारी में 364 रन बनाए, यानी कुल 835 रनों की जबरदस्त बल्लेबाज़ी के बावजूद इंग्लैंड के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा। इस मुकाबले ने एक बार फिर साबित कर दिया कि टेस्ट क्रिकेट में केवल बड़े स्कोर ही जीत की गारंटी नहीं होते।