क्रिकेट

दुनिया में सबसे खराब है भारतीय लोअर ऑर्डर, 9 बार 50 से कम रन पर हुआ है ढेर, शर्मनाक है अंतिम 5 बल्लेबाजों का बैटिंग एवरेज

2024 की शुरुआत से ही भारतीय टेस्ट टीम का प्रदर्शन गिरावट की ओर है और इसका सबसे बड़ा कारण है टीम का निचला बल्लेबाजी क्रम। वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप में हिस्सा लेने वाली सभी 9 टीमों में भारतीय लोअर ऑर्डर सबसे कमजोर साबित हुआ है।

2 min read
Jun 26, 2025

India vs England Test: इंग्लैंड के हाथों लीड्स टेस्ट में मिली हार का मुख्य कारण भारतीय टीम की खराब फील्डिंग और लोअर बैटिंग ऑर्डर का कॉलैप्स होना था। दोनों पारियों में भारत का निचाल क्रम कॉलैप्स हुआ। पहली पारी में भारत के आखिरी 7 विकेट सिर्फ 41 रन के अंदर गिर गए थे जबकि दूसरी पारी में आखिरी 6 विकेट 31 रन पर ढेर हो गए।

2024 में लगातार गिरता प्रदर्शन, लोअर ऑर्डर बन रहा सबसे बड़ी चिंता

2024 की शुरुआत से ही भारतीय टेस्ट टीम का प्रदर्शन गिरावट की ओर है और इसका सबसे बड़ा कारण है टीम का निचला बल्लेबाजी क्रम। वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) में हिस्सा लेने वाली सभी 9 टीमों में भारतीय लोअर ऑर्डर सबसे कमजोर साबित हुआ है। आंकड़ों की मानें तो 2024 से अब तक 9 ऐसे मौके आए जब भारत के अंतिम 5 विकेट मिलकर भी 50 रन नहीं जोड़ पाए। इसके विपरीत, बाकी सभी WTC टीमें इस दौरान केवल 7 बार ही इस स्थिति का शिकार हुई हैं। यह स्पष्ट संकेत है कि भारत की यह समस्या बाकी टीमों की तुलना में कहीं ज़्यादा गहरी और गंभीर है।

भारत का लोअर ऑर्डर एवरेज सबसे नीचे

भारत के लोअर ऑर्डर का बल्लेबाजी औसत महज 18.93 रहा है। जो कि सभी 9 टीमों में सबसे खराब है। यह आंकड़ा टीम मैनेजमेंट और चयनकर्ताओं के लिए खतरे की घंटी है, क्योंकि टेस्ट क्रिकेट में निचले क्रम का योगदान अक्सर मैच का पासा पलट सकता है। ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड और दक्षिण अफ्रीका जैसी टीमें अपने निचले क्रम की उपयोगिता को बखूबी समझती हैं, जिन्होंने कई बार संकट के समय रन बनाकर टीम को उबारा है। लेकिन भारत इस क्षेत्र में पिछड़ता दिख रहा है।

तेज गेंदबाजों की बैटिंग से निराशा, नंबर 7 से नीचे सिर्फ 5.8 का औसत

2024 से अब तक 7 भारतीय तेज गेंदबाज नंबर 7 से नीचे बल्लेबाजी कर चुके हैं, लेकिन उनका संयुक्त बल्लेबाजी औसत सिर्फ 5.8 रहा है। यह प्रदर्शन बेहद चिंताजनक है। जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद सिराज और प्रसिद्ध कृष्णा जैसे मुख्य गेंदबाजों का फर्स्ट-क्लास बैटिंग एवरेज 10 से भी कम है। ऐसे में उनसे टेस्ट में बल्ले से योगदान की उम्मीद करना अव्यावहारिक है।
इसके विपरीत, इंग्लैंड के तेज गेंदबाज क्रिस वोक्स (31.52), ब्रायडन कार्स (29.73) और जोश टंग (14.73) का बैटिंग एवरेज काफी बेहतर रहा है। ये तीनों ही लीड्स टेस्ट में नंबर 8, 9 और 10 पर बल्लेबाजी करने उतरे थे।

दूसरी टीमों के तेज गेंदबाज बल्ले से भी दमदार

अगर ऑस्ट्रेलिया के पैट कमिंस और मिशेल स्टार्क या इंग्लैंड के पूर्व तेज गेंदबाज स्टुअर्ट ब्रॉड और जेम्स एंडरसन की बात करें, तो ये सभी तेज गेंदबाज समय-समय पर बल्ले से उपयोगी योगदान देते रहे हैं। इन्हीं की बदौलत उनकी टीमें कई बार मुश्किल परिस्थितियों से बाहर निकली हैं। इसके मुकाबले भारत के तेज गेंदबाज रन बनाने के मामले में लगातार फेल साबित हो रहे हैं।

2024 में भारत के आखिरी चार विकेटों का संयुक्त बल्लेबाजी औसत 17.79 रहा है, जो WTC में सभी टीमों में सबसे खराब है। यदि आखिरी तीन विकेटों की बात करें, तो भारत (25.77) से खराब प्रदर्शन केवल श्रीलंका (23.60) का रहा है।

साल 2020 से अब तक टेस्ट क्रिकेट में 20 से अधिक विकेट लेने वाले और साथ ही 10 से ज्यादा की बल्लेबाजी औसत रखने वाले तेज गेंदबाजों की संख्या के मामले में भारत सबसे पीछे है। भारत के केवल दो तेज गेंदबाज ही इस मानदंड पर खरे उतरे हैं। इस आंकड़े में भारत से नीचे सिर्फ दो टीमें श्रीलंका और अफगानिस्तान हैं।

Also Read
View All

अगली खबर