
जोहानसबर्ग। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ केपटाउन में सीरीज का पहला टेेस्ट मैच 72 रन से हारने के बाद कप्तान विराट कोहली और चीफ कोच रवि शास्त्री का टीम संयोजन लगातार सवालों के घेरे में है। विशेषज्ञों ने दक्षिण अफ्रीका की उछाल वाली पिचों पर पहले टेस्ट मैच में गेंद को बाउंस करने में यकीन करने वाले अनुभवी इशांत शर्मा या गति को अपना हथियार बनाने वाले उमेश यादव की जगह एक भी टेस्ट नहीं खेले जसप्रीत बुमराह का डेब्यू कराने पर सवाल खड़े किए हैं तो ओपनिंग में फॉर्म में चल रहे केएल राहुल के बजाय अफ्रीकी धरती पर पहुंचते ही चोटिल हो गए शिखर धवन को नई गेंद के सामने उतारने पर भी आश्चर्य जताया गया था। अब टीम प्रबंधन ने सेंचुरियन में शनिवार से शुरू होने वाले दूसरे टेस्ट मैच में शिखर धवन के स्थान पर केएल राहुल को मौका मिलने की तरफ इशारा किया है।
रहाणे को अभी मौका नहीं
सबसे बड़ा अचरज दक्षिण अफ्रीकी पिचों पर सफल रहे अजिंक्य रहाणे के बजाय वनडे मैचों की फॉर्म के आधार पर रोहित शर्मा को मध्यक्रम में मौका मिलने से हुआ था। रोहित शर्मा ने 2016 में 95 के स्ट्राइक रेट से 564 रन और 2017 में 100 के स्ट्राइक रेट से 1293 रन बनाए। वर्ष 2017 में मात्र दो टेस्ट घरेलू पिचों पर खेले और 1 शतक व 2 अर्धशतक बनाए। इसके उलट रहाणे ने आखिरी 7 टेस्ट मैच में 132 रन की एक पारी समेत मात्र 300 रन ही बनाए, लेकिन विदेशी पिचों पर 55 के करीब का औसत रखने वाले इस बल्लेबाज की दक्षिण अफ्रीकी पिचों पर पिछले दौरे में सफलता की अनदेखी नहीं की जा सकती।
इसके बावजूद यदि केपटाउन टेस्ट के बाद रोहित को लेकर विराट कोहली के बयान से अंदाजा लगाए जाए तो सेंचुरियन में होने जा रहे दूसरे टेस्ट मैच में भी स्थिति बहुत ज्यादा बदलने नहीं जा रही है यानि रहाणे की बजाय रोहित शर्मा ही इस मैच की टीम का हिस्सा बनेंगे। हालांकि एक राय ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन को बाहर बैठाकर 6 बल्लेबाजों व 4 गेंदबाजों के संयोजन के साथ उतरते हुए रोहित और रहाणे दोनों को ही उतारने पर भी है। लेकिन टीम के आक्रमण में विविधता लाने के लिए विराट कोहली शायद ही स्पिनर को बेंच पर बैठाने का रिस्क लेंगे।
सेंचुरियन में भी मिलेगी उछाल
रवि शास्त्री और विराट कोहली ने शनिवार से होने वाले सीरीज के दूसरे टेस्ट मैच के लिए सेंचुरियन की पिच का मुआयना गुरुवार को किया। संभावना जताई जा रही है कि यहां भी गेंदबाजों को केपटाउन की तर्ज पर जबरदस्त उछाल और तेजी मिलेगी। हालांकि कुछ विशेषज्ञों ने इस पिच पर केपटाउन जैसा स्विंग गेंदबाजों को नहीं मिलने की उम्मीद जताई है। ऐसा हुआ तो जहां भारत को वेर्नोन फिलेंडर से कम खतरा होगा, वहीं भारत का स्विंग पर ही आधारित तेज गेंदबाजी आक्रमण भी प्रभावित हो जाएगा। ऐसे में आखिरी टेस्ट मैच देखने लायक होने की उम्मीद है।
Published on:
11 Jan 2018 05:59 pm
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