17 दिसंबर 2025,

बुधवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

कभी गिफ्ट में मोपेड, घड़ी और साइकिल पाकर खुश होते थे क्रिकेट खिलाड़ी, अब मिलते हैं करोड़ों रुपये

मैचों के दौरान अच्छा प्रदर्शन करने पर उन्हें बड़ी-बड़ी कंपनियां जैसे टाटा, मर्सिडीज अपनी कारें देकर खिलाड़ियों का सम्मान करती थीं। लेकिन ऐसा भी समय जब भारतीय टीम के खिलाड़ियों को साइकिल, मोपेड और घड़ी प्राइज के तौर पर मिलती थी।

less than 1 minute read
Google source verification

टी20 वर्ल्ड कप 2024 जीतने के बाद भारतीय क्रिकेट टीम पर पैसों की बरसात हुई है। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने सभी खिलाड़ी और सपोर्ट स्टाफ को 125 करोड़ रुपये की इनामी राशि दी है। आज बीसीसीआई दुनिया का सबसे अमीर क्रिकेट बोर्ड है। लेकिन एक समय ऐसा भी था जब बोर्ड के पास अपने खिलाड़ियों की फीस देने के भी पैसे नहीं होते थे।

1983 में जब भारत ने महान ऑलराउंडर कपिल देव की कप्तानी में वर्ल्ड कप जीता था तब टीम को मैच फीस के रूप में 1500 रुपये मिलते थे। बाद में बीसीसीआई ने लता मंगेश्कर का कॉन्सर्ट रखवाया। फिर जाकर 20 लाख रुपये का फंड आया। इसके बाद में खिलाड़ियों को 1-1 लाख रुपये दिए गए।

इसके अलावा खिलाड़ियों को निजी कंपनियों से गिफ्ट भी मिलते थे। मैचों के दौरान अच्छा प्रदर्शन करने पर उन्हें बड़ी-बड़ी कंपनियां जैसे टाटा, मर्सिडीज अपनी कारें देकर खिलाड़ियों का सम्मान करती थीं। लेकिन ऐसा भी समय जब भारतीय टीम के खिलाड़ियों को साइकिल, मोपेड और घड़ी प्राइज के तौर पर मिलती थी।

स्पोर्ट्सवीक पत्रिका में 1973 में छपे एक विज्ञापन के मुताबिक गेंदबाज बी.एस. चंद्रशेखर और पूर्व कप्तान फारुख इंजीनियर को एमसीसी के खिलाफ भारत की 1972-73 की घरेलू सीरीज में शानदार प्रदर्शन के लिए लूना मोपेड दिया गया था। आज से करीब 50 साल पहले उस समय लूना मोपेड की कीमत 2000 रुपये की हुआ करती थी।

इसी तरह ठीक अगले 1974 में कोल्हापुर में खेले गए एक मैच में पूर्व टेस्ट स्टार संदीप पाटिल को मैन ऑफ द मैच घोषित किया गया और पुरस्कार के तौर पर उन्हें एटलस साइकिल दी गई थी। उसी साल इंग्लैंड दौरे पर गई भारतीय टीम को एचएमटी घड़ियां दी गईं थी।