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बुमराह के करियर पर लटकी तलवार! स्ट्रेस फ्रैक्चर से उभरने में लग सकता है 6-8 महीने का समय

जसप्रीत बुमराह दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट सीरीज से बाहर हो गए हैं।

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jasprit Bumrah

नई दिल्ली। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ आगामी टेस्ट सीरीज से पहले भारतीय टीम को एक बहुत बड़ा झटका लग गया है। दरअसल, टीम के सबसे अहम गेंदबाज जसप्रीत बुमराह स्ट्रेस फ्रैक्चर की वजह से टीम से बाहर हो गए हैं। बुमराह की ये चोट काफी गंभीर है और अभी तक इस बारे में कुछ बताया भी नहीं गया है कि उन्हें कितने टाइम के लिए टीम से बाहर रहना होगा। हालांकि इतना जरूर माना जा रहा है कि दक्षिण अफ्रीका के बाद बांग्लादेश के साथ होने वाली टी20 सीरीज के लिए बुमराह टीम के साथ नहीं होंगे।

टी20 वर्ल्ड कप के लिए टीम इंडिया को बड़ा झटका

आपको बता दें कि स्ट्रेस फ्रैक्चर से उभरने में 6-8 महीने का वक्त लग जाता है तो ऐसे में बुमराह की वापसी जल्दी नहीं मानी जा सकती। बुमराह का चोटिल होना अगले साल होने वाले टी20 वर्ल्ड कप के लिहाज से भी बहुत बड़ा झटका है, क्योंकि बुमराह की गैरमौजूदगी में अगर किसी युवा गेंदबाज ने प्रभावित करने वाला प्रदर्शन कर दिया तो उनका टीम में आना मुश्किल हो सकता है। बता दें कि जसप्रीत बुमराह टीम के सबसे अहम गेंदबाज हैं। वनडे और टी20 फॉर्मेट में वो जीत दिलाने में हमेशा अहम भूमिका निभाते हैं।

पहले भी गेंदबाज हो चुके हैं इस समस्या से पीड़ित

जसप्रीत बुमराह को जो स्ट्रेस फ्रैक्चर हुआ है, उस समस्या से पहले भी कई गेंदबाज गुजर चुके हैं। भारत के ही वरुण एरॉन और ऑस्ट्रेलिया के तेज गेंदबाज मिचेल स्टार्क को भी स्ट्रेस फ्रैक्चर हुआ था। इनमें से मिचेल स्टार्क तो वापसी करने में सफल रहे, लेकिन वरुण एरॉन का करियर लगभग खत्म सा हो गया। वरूण एरॉन को स्ट्रेस फ्रैक्चर अब तक 8 बार हो चुका है जिस बात को उन्होंने खुद माना है। तो वहीं ऑस्ट्रेलिया के स्टार तेज गेंदबाज मिचेल स्टार्क को भी कई बार स्ट्रेस फ्रैक्चर हुआ है जिससे हुई समस्या हमने देखी ही है।

क्या होता है स्ट्रेस फ्रैक्चर

एक तरह से हड्डियों में होने वाली एक छोटी सी दरार है जिसका मतलब है कि हड्डी के अंदर भी गंभीर चोट हो सकती है। इस चोट में एथलीट को बहुत ही जबरदस्त दर्द होता है, जिससे तुरंत राहत नहीं मिल पाती। ये समस्या ज्यादातर फुटबॉलर्स और बॉस्केटबॉल के खिलाड़ियों को होता है, क्योंकी स्ट्रेस फ्रैक्चर के ज्यादातर मामले इस वजह से सामने आते हैं, जब कोई खिलाड़ी जरूरत से ज्यादा गतिविधि कर लेता है यानि नए तरीके से कसरत करने की कोशिश करना या एथलिट पर वर्कलोड बढ़ने से हड्डियां कमजोर हो जाती है जिससे स्ट्रेस फ्रैक्चर बढ़ने लगता है।