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लॉर्ड्स में भारत को चाहिए थे 24 रन और इस ऑलराउंडर ने जड़ दिये थे लगातार चार छक्के, क्या जडेजा भी कर सकते थे ऐसा?

जडेजा की तरह कपिल देव भी इस सिचुएशन में रह चुके हैं। लेकिन तब कपिल ने दूसरे बल्लेबाज को स्ट्राइक देने की वजाए, खुद ज़िम्मेदारी उठाते हुए ताबड़तोड़ बल्लेबाजी की थी और लगातार चार छक्के जड़े थे।

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Jul 16, 2025
England Team Celebrates Lord’s Test Win as Ravindra Jadeja Looks Dejected (Photo - ESPNcricinfo)

India vs England Lords Test: भारत और इंग्लैंड के बीच लंदन के लॉर्ड्स क्रिकेट मैदान में खेला गया तीसरा टेस्ट बेहद रोमांचक मोड़ पर खत्म हुआ। भारत को आखिरी दिन मात्र 135 रनों की जरूरत थी। लेकिन टॉप और मिडिल ऑर्डर की नाकामी ने उसे मुश्किल में डाल दिया और अंत में टीम 22 रन से यह मुक़ाबला हार गई। इस हार के साथ इंग्लैंड ने एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी में में 2-1 से बढ़त बना ली है।

भारत का आठवां विकेट 112 रनों पर गिरने के बाद, रवींद्र जडेजा ने समझदारी भरी बल्लेबाजी करते हुए पहले जसप्रीत बुमराह के साथ 35 रनों की साझेदारी की और फिर मोहम्मद सिराज के साथ अंतिम विकेट के लिए 23 रन जोड़े। हालांकि, स्पिनर शोएब बशीर के एक ओवर में जडेजा ने सिराज को स्ट्राइक दे दी, और दुर्भाग्यवश सिराज बोल्ड हो गए।

जडेजा के पास आक्रामक रुख अपनाने का सुनहरा मौका था

जब जडेजा सिराज के साथ साझेदारी बनाने की कोशिश कर रहे थे, तब क्रिस वोक्स, जो रूट, और शोएब बशीर की गेंदबाजी उस समय ज्यादा प्रभावी नहीं थी। खास तौर पर बशीर और रूट की ऑफ-स्पिन गेंदें ज्यादा टर्न नहीं ले रही थीं। ऐसे में जडेजा के पास आक्रामक रुख अपनाने का सुनहरा मौका था। उन्होंने बुमराह और सिराज के साथ साझेदारी में स्ट्राइक अपने पास रखकर समझदारी दिखाई, लेकिन सिराज को बशीर का पूरा ओवर खेलने देना जोखिम भरा साबित हुआ। जडेजा को इस स्थिति में पूर्व महान ऑलराउंडर कपिल देव की तरह आक्रामक रवैया अपनाना चाहिए था।

1990 में भारत ने लॉर्ड्स में किया था ऐसा

जडेजा की तरह कपिल देव भी इस सिचुएशन में रह चुके हैं। लेकिन तब कपिल ने दूसरे बल्लेबाज को स्ट्राइक देने की वजाए, खुद ज़िम्मेदारी उठाते हुए ताबड़तोड़ बल्लेबाजी की थी। यह बात है 1990 की, जब भारतीय टीम इंग्लैंड दौरे पर गई थी। लॉर्ड्स में खेले जा रहे मैच में इंग्लैंड ने अपनी पहली पारी चार विकेट पर 653 रन बनाकर घोषित की थी। यह वही पारी थी, जिसमें विकेटकीपर किरन मोरे ने ग्राह्म गूच का कैच तब छोड़ा था, जब वह 33 रन पर थे.और यह कैच यहां से पूरे तीन सौ रन और महंगा साबित हुआ। गूच ने इस मैच में 333 रन की पारी खेली थी।

अजहरुद्दीन का शतक और कपिल की आक्रामक पारी

इंग्लैंड के इस विशाल स्कोर के जवाब में भारतीय कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन ने ताबड़तोड़ बल्लेबाजी करते हुए 111 गेंद पर 121 रनों की पारी खेली। लेकिन बावजूद इसके भारतीय बल्लेबाजी लड़खड़ा गई। हालांकि निचले क्रम में जडेजा की तरह ही कपिल डेब स्केले बल्लेबाजी करते हुए नज़र आए। एक समय ऐसा आया जब भारत के 9 विकेट गिर चुके थे और टीम को फॉलोऑन टालने के लिए चौबीस रन की जरूरत थी।

कपिल देव का 1990 का कारनामा

कपिल देव के साथ नॉनस्ट्राइकर एंड पर नरेंद्र हिरवानी बल्लेबाजी कर रहे थे। हिरवानी पर कपिल को रत्ती भर का भी बरोसा नहीं था। ऐसे में कपिल ने आक्रामक रूप अपनाते हुए ऑफ स्पिनर एडी हैमिंग्स को चार गेंद पर चार छक्के ठोक डाले और फॉलो ऑन बचा लिया। कपिल का हिरवानी पर भरोसा नहीं करने का अनुमान सही निकला। हिरवानी अगले ओवर की पहली ही गेंद पर एलबीडबल्यू आउट हो गए। हालांकि कपिल की इस पारी के बावजूद भारत इस मैच को 247 रनों से हार गया था।

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