
नई दिल्ली। इंडियन प्रीमियर लीग में आज रॉयल चैंलेजर बेंगलोर की टीम का सामना राजस्थान रॉयल्स से हो रहा है। बेंगलोर की एम चिन्नास्वामी स्टेडियम में खेले जा रहे इस मुकाबले में बेंगलोर की टीम हरी जर्सी में उतरी है। इस खास जर्सी को पहनने के पीछे आरसीबी मैंनेजमेंट की एक खास मुहिम है। जिसके तहत टीम के सभी खिलाड़ी प्रत्येक साल एक मैच में हरी जर्सी पहन कर उतरते है। लेकिन आरसीबी के लिए ये जर्सी भाग्यशाली नहीं रही है। टीम को इस जर्सी में ज्यादा कामयाबी नहीं मिली है। टीम ने अबतक सात बार इस जर्सी में खेला है। जिसमें से उन्हें केवल दो मैचों में जीत मिली है। जबकि चार मैचों में हार नसीब हुई है। एक मैच का नतीजा नहीं आ सका था। अब देखना है कि आज के मैच में क्या होता है?
क्या है वो खास मुहिम -
ग्रीन जर्सी में टीम के रिकॉर्ड को जानने से पहले आईए जानते है कि आरसीबी इस खास रंग की जर्सी क्यों पहनती हैं। कुछ चुनिंदा मैचों में आरसीबी इस अलग रंग की जर्सी में मैदान में उतरती है। लेकिन शायद कम ही लोगों को पता होगा कि आरसीबी की टीम इस हरी रंग की जर्सी में मैदान में क्यों उतरती है। दरअसल आरसीबी लोगों को पर्यावरण के बारे में जागरूक करने के लिए एक खास मुहिम चला रही है। जिसके तहत प्रत्येक साल आरसीबी की टीम एक मैच में हरे रंग की जर्सी में मैदान में उतरती है।
गो ग्रीन अभियान को बढ़ावा देना -
पूरी दुनिया के सामने पर्यावरण की समस्या एक बड़ी चिंता है। दुनिया भर में इस समस्या से निजात पाने के लिए लोगों को जागरूक करने की मुहिम चलाती है। ऐसी ही एक मुहिम के तहत आरसीबी पर्यावरण को बचाने और ग्लोबल वार्मिंग को बचाने के लिए हरे रंग की जर्सी में मैदान में उतरती है। आरसीबी की टीम ने इस अभियान की शुरुआत 2011 में की थी। अब तक आरसीबी की टीम सात बार इस खास जर्सी को पहन कर मैदान पर उतर चुकी है।
प्लास्टिक को बोतलों को किया जाता है रिसाइकिल -
आरसीबी की हरे रंग की जर्सी को प्लास्टिक की बोतलों को रिसाइकिल करके बनाया जाता है। आरसीबी के मैचों के दौरान मैदान से इकट्ठा की गई तमाम प्लास्टिक की बोतलों से इस जर्सी को बनाया जाता है। इसके लिए तकरीबन 11000 प्लास्टिक की बोतलों को इकट्ठा किया जाता है, जिसके इस्तेमाल से हाई एंड इको फ्रैंडली कपड़ा बनाया जाता है और इसके जरिए टीम की जर्सी को बनाया जाता है।
Published on:
15 Apr 2018 05:36 pm
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