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मुर्तजा का हार के बाद बड़ा बयान, महामुदुल्लाह पर जताया था भरोसा पर मौकों को भुना नहीं पाए

बांग्लादेश को भारत ने एशिया कप-2018 के फाइनल में तीन विकेट से मात देकर खिताब अपने नाम किया। पिछले संस्करण में भी यह दोनों टीमें फाइनल खेली थीं जहां भारत विजयी रहा था।

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Couldn't capitalise when we had it under control

मुर्तजा का हार के बाद बड़ा बयान, महामुदुल्लाह पर जताया था भरोसा पर मौकों को भुना नहीं पाए

नई दिल्ली। भारत के खिलाफ लगातार दूसरी बार एशिया कप का फाइनल हारने वाली बांग्लादेश क्रिकेट टीम के कप्तान मशरेफ मुर्तजा ने कहा है कि उनकी टीम के पास जब मौके थे और उनका जब मैच पर नियंत्रण था तब वह उसका फायदा नहीं उठा पाई। बांग्लादेश को भारत ने एशिया कप-2018 के फाइनल में तीन विकेट से मात देकर खिताब अपने नाम किया। पिछले संस्करण में भी यह दोनों टीमें फाइनल खेली थीं जहां भारत विजयी रहा था।

भारत को शुक्रवार देर रात खेले गए मैच के आखिरी ओवर में जीत के लिए छह रनों की दरकार थी। मुर्तजा ने पहले यह ओवर सौम्य सरकार से कराने का फैसला किया लेकिन बाद में उन्होंने महामुदुल्लाह को गेंद थमा दी। मैच के बाद मुर्तजा ने इसका कारण भी बताया। वेबसाइट ईएसपीएनक्रिकइंफो ने मुर्तजा के हवाले से लिखा है, "अगर हमारे पास रुबेल हुसैन या मुस्ताफीजुर रहमान का विकल्प होता तो हम आखिरी ओवर इन्हीं दो में से एक से कराते, लेकिन ऐसा नहीं था। मैंने महामुदुल्लाह से पूछा कि क्या उन्हें अपने ऊपर आत्म विश्वास है तो उन्होंने कहा कि बांग्लादेश प्रीमियर लीग (बीपीएल) में इस तरह की स्थितियों में गेंदबाजी करने का अनुभव उनके पास है और सौम्य सरकार पर रन भी बनाना आसान होता। ऐसे में हमने महामुदुल्लाह को गेंद सौंपी।"

इस हरफनमौला खिलाड़ी ने कहा, "हम चाहते थे कि एक शॉट मिस हो जाए, उसके बाद कुछ भी हो सकता था। मैंने महामुदुल्लाह से कहा था कि हमारे पास एक मौका तब होगा जब शॉट चूके। हम चाहते थे कि कुलदीप ऐसा करें क्योंकि केदार जाधव विशेषज्ञ बल्लेबाज हैं। पांचवीं गेंद पर बल्ले का किनारा लगा था तब गेंद स्टम्प तक जा सकती थी। आपको इस तरह की स्थिति में थोड़े बहुत भाग्य की जरूरत होती है, लेकिन जब चीजें हमारे नियंत्रण में थीं तब हम उन्हें भुना नहीं पाए।" बांग्लादेश तीसरी बार फाइनल में पहुंचा था। वह सबसे पहले 2012 में फाइनल में पहुंचा था तब पाकिस्तान ने उसे खिताब से दूर कर दिया था।