5 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

मुरलीधरन ने 10 साल बाद किया खुलासा, इसलिए वनडे वर्ल्ड कप में धोनी ने युवराज से पहले की थी बैटिंग

श्रीलंका के पूर्व स्पिन गेंदबाज मुथैया मुरलीधरन ने वनडे वर्ल्ड कप 2011 को लेकर अब 10 साल बाद चौंकाने वाला खुलासा किया है।

2 min read
Google source verification
muttiah_muralitharan.jpg

श्रीलंका के पूर्व स्पिन गेंदबाज मुथैया मुरलीधरन ने 10 साल बाद 2011 में हुए वनडे वर्ल्ड कप को लेकर चौंकाने वाला खुलासा किया है। उन्होंने बताया कि क्यों महेंद्र सिंह धोनी फाइनल में युवराज सिंह से पहले बल्लेबाजी करने उतरे थे। हांलाकि युवराज उस समय शानदार फॉर्म में चल रहे थे। गौरतलब है कि 2011 वनडे वर्ल्ड कप का फाइनल श्रीलंका और भारत के बीच खेला गया था। इस मुकाबले को जीतकर महेंद्र सिंह धोनी ने 1983 के बाद भारत का दूसरा वर्ल्ड कप दिलाया था।

धोनी ने अचानक लिया बड़ा फैसला
मुरलीधरन ने बताया कि मेरा दूसरा गेंद धोनी खेलने में सक्षम थे। इसलिए उन्होंने अचानक युवराज से पहले खुद को बल्लेबाजी में उतारा था। क्योंकि उस समय टीम इंडिया इस बात को लेकर श्योर नहीं थी कि युवी, मुरलीधरन की दूसरा गेंद का सही से सामना कर पाएंगे या नहीं। इस वजह से धेानी को अचानक बड़ा फैसला लेना पड़ा और इसके बाद जो हुआ वो सबको पता ही हैं। क्योंकि धोनी ने इस मैच में 91 रनों की नाबाद पारी खेली थी। धोनी ने Six लगाकर टीम इंडिया को 28 साल बाद एक बार फिर वनडे वर्ल्ड चैंपियन बनाया था। इस उपलब्धि को पूरी भारतीय टीम ने सचिन तेंदुलकर को समर्पित किया था।

यह खबर भी पढ़ें:—क्या रवि दहिया, बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट नहीं कर पाएंगे कुश्ती!, फेडरेशन चीफ ने दी ये कड़ी चेतावनी

धोनी के साथ ड्रेसिंग रूम साझा कर चुके थे मुरलीधरन
टेस्ट क्रिकेट में 800 विकेट लेने वाले गेंदबाज मुथैया मुरलीधरन ने कहा कि धोनी इसलिए मेरा दूसरा गेंद आसानी से पढ़ लेते थे क्योंकि मैं आईपीएल में चेन्नई सुपर किंग्स टीम की ओर से खेलते समय धोनी के साथ ड्रेसिंग रूम साझा कर चुका था। क्योंकि इस दौरान मैं धोनी को गेंद करता था। इसलिए वह मेरा दूसरा गेंद आसानी से पढ़ लेते थे, जबकि युवराज सिंह को मेरे बारे में कोई जानकारी नहीं थी। मुरलीधरन का कहना है कि युवराज सिंह ही नहीं बल्कि श्रीलंका के कई दिग्गज बल्लेबाज भी मेरी दूसरा गेंद को नहीं पढ़ पाते थे।