क्रिकेट को अलविदा कहते हुए ग्रैंडहोम ने कहा, ‘मैं यह स्वीकार करता हूं कि मैं अब जवान नहीं रहा और मेरे लिए लगातार ट्रेनिंग करना आसान नहीं है। पिछले कुछ समय में चोट के चलते यह और भी मुश्किल होता जा रहा है। ऐसे में मैं अपने परिवार पर ध्यान देना चाहता हूं। इसलिए अब मैं यह समझना चाह रहा हूं कि मेरा भविष्य क्रिकेट के बाद कैसा नजर आएगा। पिछले कुछ हफ्तों से मेरे दिमाग में बस यही चल रहा था।’
ग्रैंडहोम ने कहा, ‘मैं किस्मत वाला हूं कि मुझे न्यूजीलैंड की ओर से क्रिकेट खेलने का मौका मिला. 2012 से लेकर अब तक मेरा जो इंटरनेशनल करियर रहा है, उस पर मुझे गर्व है. बस अब मुझे लगा कि यह इस करियर को अलविदा कहने का सबसे सही समय है।’
उन्होंने आगे कहा, ‘मुझे इस टीम से प्यार है। पिछला एक दशक और उस दौरान मेरे अनुभव शानदार रहे हैं जिसके लिए मैं शुक्रगुजार हूं। हमने सब साथ में किया। मैंने यहां टीम के खिलाड़ियों के साथ, कोचिंग स्टाफ और विरोधियों के साथ भी ऐसी दोस्ती की हैं जो मुझे जिंदगी भर याद रहेगी।’
न्यूजीलैंड के कोच ग्रैरी स्टीड ने कहा, ‘कॉलिन ब्लैकैप्स का अहम हिस्सा रहे हैं और टीम की कई शानदार जीत में उनका अहम रोल रहा है. बैट और बॉल दोनों से उनका शानदार खेल टीम के काम आया है. वह मेरी टीम का अहम हिस्सा रहे हैं।’
कॉलिन डी ग्रैंडहोम ने अपने इस 10 साल के करियर में ग्रैंडहोम ने क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट में बेहतरीन खेल दिखाया है। उन्होंने न्यूजीलैंड के लिए 29 टेस्ट की 44 पारियों में 38.7 की औसत से 1432 रन बनाए हैं। इस दौरान उन्होंने दो शतक और 8 अर्धशतक जड़े हैं। टेस्ट में उनका बेस्ट स्कोर 120 रन रहा। वहीं गेंदबाज के रूप में 32.96 के औसत से उन्होंने 49 विकेट लिए हैं। इस डौतन उन्होंने एक बार 5 विकेट भी चटकाए हैं।
कॉलिन डी ग्रैंडहोम के वनडे करियर की बात की जाये तो 45 मैचों की 35 पारियों में 26.5 की औसत से 742 रन बनाए हैं। इस दौरान उन्होंने 4 अर्धशतक जड़े हैं। वनडे में उनका बेस्ट स्कोर 74 रन रहा। वहीं गेंदबाजी में उन्होंने 30 विकेट झटके हैं। टी20 की बात करें तो 41 मैचों की 39 पारियों में 15.72 की औसत से 503रन बनाए हैं। इस दौरान उनका स्ट्राइक रेट 137.81 का रहा। डी ग्रैंडहोम ने टी20 में 3 अर्धशतक लगाए हैं।