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रंगास्वामी ने कहा कि क्रिकेट की वर्तमान अनुबंध पॉलिसी पर विचार किया जाना चाहिए

locationनई दिल्लीPublished: Oct 18, 2019 09:45:31 pm

Submitted by:

Mazkoor

पूर्व कप्तान ने कहा कि इससे चेतेश्वर पुजारा और अजिंक्य रहाणे जैसे सिर्फ टेस्ट खेलने वाले खिलाड़ियों को नुकसान हो रहा है।

shantha rangaswamy cricketer

नई दिल्ली : भारतीय महिला क्रिकेट टीम की पूर्व कप्तान और इंडियन क्रिकेटर्स एसोसिएशन (आईसीए) की महिला सदस्य शांता रंगास्वामी ने कहा कि अनुबंध की वर्तमान पॉलिसी में बदलाव की जरूरत है। इस कारण सिर्फ एक फॉर्मेट में खेलने वाले खिलाड़ियों के हितों के साथ न्याय नहीं हो पा रहा है। उन्होंने कहा कि विराट विराट कोहली बार-बार बोलते रहे हैं कि जो खिलाड़ी देश के लिए सिर्फ एक ही प्रारूप, खासकर टेस्ट खेलते हैं, उन्हें अच्छा वेतन मिलना चाहिए, ताकि उन्हें टीम इंडिया की तरफ से सीमित ओवर फॉर्मेट और आईपीएल में न खेलने का अफसोस न हो। उन्होंने कहा कि सौरव गांगुली के अध्यक्ष बनने के बाद उम्मीद है कि खिलाड़ियों के हितों को प्राथमिकता मिलेगी।

कोहली का विचार स्वागत योग्य

रंगास्वामी ने कहा कि विराट कोहली का सुझाव अच्छा है। उन्होंने जिस बात की वकालत की थी, वह वाजिब है। जब खिलाड़ियों के अनुबंध की बात आती है तो वर्तमान नीति को दोबारा देखना जरूरी है, चेतेश्वर पुजारा और अजिंक्य रहाणे जैसे सिर्फ टेस्ट खेलने वाले खिलाड़ियों का ध्यान रखा जाना चाहिए। ये दोनों भारत के लिए वनडे और टी-20 नहीं खेलते, लेकिन इनका प्रदर्शन बताता है कि उन्हें जो मिल रहा है, उस पर विचार किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि बीसीसीआई के पास पहले से ही श्रेणियां हैं। विराट तीनों प्रारूप खेलते हैं तो वह सबसे ऊपर की श्रेणी में आते हैं। कुछ खिलाड़ी सिर्फ टेस्ट या फिर वनडे या टी-20 में ही खेलते हैं तो उन्हें इस हिसाब से वेतन दिया जाना चाहिए।

रंगास्वामी को इसलिए है गांगुली से उम्मीद

रंगास्वामी ने कहा कि गांगुली अब बोर्ड अध्यक्ष बनने जा रहे हैं तो इस पर दोबारा विचार किया जा सकता है। क्या पता यह खेल के लिए अच्छा हो और वह खिलाड़ियों का ध्यान रखें। उन्होंने यह भी कहा कि वह इस बात को लेकर आश्वस्त हैं कि बीसीसीआई की शीर्ष परिषद इस मसले को देखेगी। अब जब अध्यक्ष एक पूर्व कप्तान हैं तो उम्मीद है कि चीजें खिलाड़ियों के हितों को ध्यान में रखते हुए तय होंगी।

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