23 दिसंबर 2025,

मंगलवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

हनुमा विहारी ने 15 साल में चौथी बार बादली डोमेस्टिक टीम, आंध्र को छोड़ हैदराबाद नहीं इस राज्य से जुड़ेंगे

त्रिपुरा की टीम से विहारी का अनुबंध फ़िलहाल एक सीजन के लिए है। हालांकि इसमें यह भी विकल्प है कि आपसी सहमति से इसे आगे बढ़ाया जा सकता है। इस निर्णय के पीछे सबसे बड़ा कारण यह है कि विहारी सभी प्रारूपों में हिस्सा लेना चाहते थे और आंध्र की टीम इसे लेकर किसी भी तरह का वादा या सहमति नहीं जता रही थी।

3 min read
Google source verification

भारत

image

Siddharth Rai

Aug 27, 2025

भारतीय बल्लेबाज हनुमा विहारी (photo - hanuma vihari/ X)

Hanuma Vihari Team Change, Ranji Trophy 2025-26: भारतीय बल्लेबाज हनुमा विहारी 2025-26 घरेलू सत्र के लिए त्रिपुरा की टीम में शामिल हुए हैं। विहारी हालिया समय में काफी अच्छे लय में दिख रहे हैं। हाल ही में ध्रा प्रीमियर लीग में वह प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट रहे थे। त्रिपुरा की तरफ से खेलने के लिए उन्हें आंध्र क्रिकेट एसोसिएशन (ACA) से नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (NOC) भी मिल चुका है।

ईएसपीएन क्रिकइंफो की जानकारी के अनुसार त्रिपुरा की टीम से विहारी का अनुबंध फ़िलहाल एक सीजन के लिए है। हालांकि इसमें यह भी विकल्प है कि आपसी सहमति से इसे आगे बढ़ाया जा सकता है। इस निर्णय के पीछे सबसे बड़ा कारण यह है कि विहारी सभी प्रारूपों में हिस्सा लेना चाहते थे और आंध्र की टीम इसे लेकर किसी भी तरह का वादा या सहमति नहीं जता रही थी।

विहारी ने ईएसपीएनक्रिकइंफो से कहा, " मैं तीनों प्रारूप खेलने के काबिल हूं। मैं चाहता था कि मुझे कुछ और अवसर मिले और उसके लिए काफी उत्साहित भी था। हालांकि आंध्र की टीम ने यह स्पष्ट कर दिया था कि वे टी20 के लिए युवा खिलाड़ियों पर ज्यादा भरोसा दिखाएंगे। इस कारण से मेरे लिए निजी तौर पर 50 ओवर की क्रिकेट मायने नहीं रखती थी। इसलिए मैंने विजय हजारे ट्रॉफ़ी से भी जानबूझकर खुद को अलग कर लिया था। साथ ही मेरी इच्छा थी कि मैं अब एक नए माहौल में खेलूं।"

जैसे ही विहारी ने त्रिपुरा क्रिकेट के लिए खेलने का निर्णय लिया और उन्हें एनओसी भी मिल गई, उसके बाद से आंध्र की टीम और उनके बीच जो मामूली उथल-पुथुल थी, वह भी समाप्त हो गई। 2023-24 के रणजी सीजन के बाद विहारी और एसीए के बीच मतभेद हुआ था। तब विहारी ने कहा था कि उन्हें "अपमानित और शर्मिंदा" महसूस कराया गया था।

उस समय विहारी ने आरोप लगाया था कि टीम में "राजनीतिक दखल" के कारण वह कप्तानी छोड़ रहे हैं। इसके बाद अगले सीजन में ऐसी चर्चा थी कि विहारी मध्य प्रदेश की टीम में शामिल हो सकते हैं। लेकिन आंध्र प्रदेश के राजनीतिक दल टीडीपी के जनरल सेक्रेटरी नारा लोकेश ने उन्हें समझाया था और रूकने के लिए कहा था, जिसके बाद वह मान गए। विहारी के उस फैसले के कारण एमपीसीए काफी नाराज भी था।

विहारी ने पिछले सीजन के बारे में कहा, "पिछले दो सत्रों से मैं किसी और टीम में जाने के बारे में सोच रहा था। मैंने मध्य प्रदेश की टीम से बात भी की थी। तब अपने करियर की स्थिति को देखते हुए, मुझे ऐसा लगा था कि अगर मैं किसी उभरती हुई टीम में शामिल होता हूं तो वह मेरे लिए सही रहेगा। इस साल वह खुद मेरे पास आए और मुझे लगा कि यह फ़ैसला काफी मुश्किल हो सकता है।"

त्रिपुरा की टीम की तरफ से यह नहीं कहा गया है कि वह कप्तान होंगे लेकिन यह जरूर है कि वह टीम के अहम सदस्य होंगे। उन्होंने कहा, "एक सीनियर खिलाड़ी के तौर पर टीम को मुझसे जो भी अपेक्षा होगी, मैं उसमें अपना पूरा योगदान दूंगा। और यह इस बात पर बिल्कुल निर्भर नहीं करता कि मुझे कप्तान बनाया जाए या नहीं बनाया जाए। मैं एक ऐसी टीम का हिस्सा बनना चाहता हूं, जिसमें बड़ी टीमों के खिलाफ अच्छी क्रिकेट खेलने की भूख हो।"

विहारी ने भारतीय टीम के लिए आखिरी बार तीन साल पहले टेस्ट खेला था। हालांकि उनका मानना है कि उनमें अभी भी "काफी रन" बनाने की भूख बाकी है। हालांकि वह वापसी की संभावना के बारे में बिल्कुल नहीं सोचना चाहते।
इस दौरान उन्होंने क्षेत्रीय भाषाओं में कॉमेंट्री और कोचिंग की ओर रुख़ किया है (वह टीएनपीएल 2024 में मदुरै पैंथर्स का हिस्सा थे)।

विहारी ने कहा, "मेरी चुनौती यह है कि मैं टीम को कैसे आगे लेकर जाऊं। प्रथम श्रेणी क्रिकेट में मेरे पास 14-15 साल का अनुभव है और मैं इसे आगे बांटना चाहता हूं। हालांकि अभी मैं भारतीय टीम में अपनी वापसी के बारे में बिल्कुल भी नहीं सोच रहा हूं। वह अभी काफी दूर की बात है। निजी तौर पर मैं रन बनाना चाहता हूं। टीम को आगे ले जाते हुए, अपने क्रिकेट का आनंद लेना चाहता हूं।"