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‘चकिंग’ करते थे, इसीलिए मुश्किल था खेलना, शोएब अख्तर को लेकर ये क्या बोल गए सहवाग!

सहवाग ने कहा, 'मुझे कभी भी ब्रेट ली की गेंदों का सामना करने में कभी डर नहीं लगा, लेकिन शोएब के साथ अलग समस्या थी। यह पता नहीं चलता था कि वह क्या करेगा अगर मैं उसकी गेंद पर बाउंड्री ठोक दूं, यह बीमर गेंद होगी या फिर पैर पर फेंकी गई यॉर्कर।' उन्हों ने कहा कि शोएब अख्तर को पता था कि उनकी कोहनी मुड़ती है और वह चकिंग करते थे। वरना आईसीसी ने उन्हें बैन क्यों किया होता।

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वीरेंद्र सहवाग ने शोएब अख्तर पर ली चुटकी

Virender Sehwag statement on Shoaib Akhtar: भारत क्रिकेट टीम के पूर्व विस्फोटक बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग अक्सर पाकिस्तानी क्रिकेटरों के मजे लेते रहते हैं। इसी कड़ी में सहवाग ने पाकिस्तान के पूर्व दिग्गज तेज गेंदबाज शोएब अख्तर पर चुटकी ली है। सहवाग के मुताबिक शोएब अख्तर 'चकिंग' करते थे। इसीलिए उन्हें खेलना मुश्किल था। होम ऑफ हीरोज स्पोर्ट्स 18 के नए एपिसोड में सहवाग ने कहा कि उनके एक्शन के कारण पाकिस्तानी तेज गेंदबाज को खेलना मुश्किल था।

सहवाग ने कहा, 'शोएब अख्तर को पता था कि उनकी कोहनी मुड़ती है और वह चकिंग करते थे। वरना अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC)ने उन्हें बैन क्यों किया होता? ब्रेट ली का हाथ सीधा आता था, तो उनकी गेंद को पकड़ पाना आसान होता था। लेकिन शोएब के साथ ऐसा नहीं था। आपको पता ही नहीं चलता कि शोएब का हाथ कहां से आ रहा है और गेंद किधर से आएगी।'

सहवाग ने कहा कि वर्तमान में मुंबई इंडियंस के गेंदबाजी कोच और न्यूजीलैंड के पूर्व तेज गेंदबाज शेन बॉन्ड उनके सामने सबसे कठिन गेंदबाज थे। सहवाग ने कहा, "उनकी गेंदें आपके शरीर पर तेजी से आती थीं, भले ही वह ऑफ स्टंप के बाहर गेंदबाजी करते हों। उन्होंने कहा कि ली और शोएब अन्य दो ऐसे गेंदबाज थे, जिनका उन्होंने सामना किया।" सहवाग ने स्वीकार किया, "मुझे ब्रेट ली का सामना करने का कभी डर नहीं था, लेकिन शोएब को दो शॉट मार देता था, तो वह बीमर या यॉर्कर से हमला करते थे। सहवाग ने स्वीकार किया कि पाकिस्तान के तेज गेंदबाज को अपना दोस्त मानते हैं।"

सहवाग ने टेस्ट में शोएब और पाकिस्तान टीम का सामना करने का आनंद लिया है, जिसमें एक शतक, दो डबल टन और एक ट्रिपल शतक के साथ 90 से अधिक की औसत से रन बनाए हैं। सहवाग ने कहा, "सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़, वीवीएस लक्ष्मण, सौरव गांगुली सभी 150-200 गेंद खेलकर अपने शतक बनाते थे। अगर मैं उसी रेट से शतक बनाता, तो कोई मुझे याद नहीं रखता। मुझे अपनी पहचान बनाने के लिए उनसे तेज रन बनाने थे।" सहवाग ने यह भी खुलासा किया कि यह मुकाम हासिल करने के लिए उन्होंने खुद को तेज रन बनाने से कभी खुद को नहीं रोका।