वे कभी अपनी वास्तविक उम्र को लेकर खुलासा कर रहे हैं तो कभी गौतम गंभीर को लेकर टिप्पणी करते हैं। इसके अलावा उन्होंने 2010 में हुए स्पॉट फिक्सिंग कांड को लेकर भी बड़ा खुलासा करते हुए कहा कि उन्हें इसकी पहले से जानकारी और बोर्ड को सूचित करने के बाद इस मामले को रोकने के कोई प्रयास नहीं किए गए।
अफरीदी ने अपनी आत्मकथा में लिखा है कि टीम के कई सीनियर खिलाड़ियों ने उनके साथ अच्छा व्यवहार नहीं किया। अपनी बात का उदाहरण देते हुए अफरीदी ने कहा कि पाकिस्तान के पूर्व कोच जावेद मियांदाद ने उन्हें 1999 में भारत के खिलाफ चेन्नई में खेले गए मैच से पहले अभ्यास सत्र में हिस्सा नहीं लेने दिया था।
अफरीदी ने साथ ही लिखा है कि मियांदाद ने मैच के बाद होने वाले पुरस्कार वितरण समारोह में अपनी तारीफ करने को कहा था जिसके बाद अफरीदी के दिल में मियांदाद को लेकर इज्जत खत्म हो गई थी। अख्तर ने कहा कि बाद में उन 10 खिलाड़ियों ने इन दोनों से माफी मांगी थी।
इस मसले पर पाकिस्तान क्रिकेट टीम के पूर्व तेज गेंदबाज शोएब अख्तर ( shoiab akhtar ) शाहिद अफरीदी के समर्थन में उतर आए हैं। अफरीदी के इस खुलासे में अख्तर ने उनका समर्थन करते हुए कहा है कि उन्हें भी अपने समय में सीनियर खिलाड़ियों से बुरा व्यवहार मिला।
एक न्यूज़ वेबसाइट को दिए साक्षात्कार में अख्तर कहा, “मुझे लगता है कि अफरीदी ने अपनी किताब में खराब व्यवहार के बारे में कम लिखा है। मैंने इस तरह की हरकतें अपनी आंखों से देखी हैं और मैं उनसे पूरी तरह से सहमत हूं।”
अपने अतीत के अनुभव को बयां करते हुए अख्तर ने कहा कि चार खिलाड़ी एक बार उन्हें मारने तक आ गए थे। उन्होंने कहा, “एक बार ऑस्ट्रेलिया दौरे के समय, चार खिलाड़ियों ने मुझे बल्ले से मारने का प्रयास किया।