हालांकि हादसे के करीब 10 घंटे बाद आला अधिकारी और नेता मौके पर पहुंचे हैं, जिससे लोगों में काफी रोष है। रेलवे ने जहां यह कहरकर अपना पल्ला झाड़ लिया है कि उन्हें दशहरा कार्यक्रम की कोई जानकारी नहीं दी गई थी वहीं स्थानीय नेता भी मामले को कुदरत का क्रूर मजाक बताकर मुआवजे से लापरवाही को ढंकने में लगे हैं।
आपको बता दें कि पंजाब के अमृतसर में शुक्रवार की शाम मौत की ऐसी रेल आई, जिसने अब तक 61 लोगों को काल के गाल में पहुंचा दिया। जबकि 70 से ज्यादा लोग अस्पताल में जिंदगी और मौत की लड़ाई लड़ रहे हैं। हालांकि सुबह पंजाब सरकार के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू गुरुनानक अस्पताल में पीड़ितों का हाल जानने जरूर पहुंचे लेकिन इससे लोगों के बीच नाराजगी कम होती नहीं दिख रही है।
रेलवे ने जारी किए हेल्पलाइन नंबर
रेलवे ने अमृतसर (Amritsar) में ट्रेन हादसे के पीड़ितों के परिजनों के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किया है। अधिकारियों ने बताया कि 01832223171 और 01832564485 नंबरों पर फोन करके हादसे के बारे में जानकारी ली जा सकती है। मनावला स्टेशन का फोन नंबर 0183-2440024, 0183-2402927 और फिरोजपुर का हेल्पलाइन नंबर 01632-1072 है।
रेलवे ने अमृतसर (Amritsar) में ट्रेन हादसे के पीड़ितों के परिजनों के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किया है। अधिकारियों ने बताया कि 01832223171 और 01832564485 नंबरों पर फोन करके हादसे के बारे में जानकारी ली जा सकती है। मनावला स्टेशन का फोन नंबर 0183-2440024, 0183-2402927 और फिरोजपुर का हेल्पलाइन नंबर 01632-1072 है।
आपको बता दें कि अमृतसर के जोड़ा फाटक के पास शुक्रवार शाम त्योहार का दिन दर्दनाक दशहरे में बदल गया। रावण दहन देखने के लिए बड़ी संख्या में भीड़ उमड़ी थी, लोग रेल की पटरियों पर खड़े होकर रावण दहन देख रहे थे, तभी अचानक तेज रफ्तार में ट्रेन आई और सैकड़ों लोगों को कुचलती हुई चली गई। रेल पटरियों पर खड़े लोगों के ट्रेन की चपेट में आने से कम से कम ६१ लोगों की मौत हो गई जबकि 72 अन्य घायल हो गए। ट्रेन जालंधर से अमृतसर आ रही थी तभी जोड़ा फाटक पर यह हादसा हुआ. इस भयावह हादसे को देखते हुए पंजाब में एक दिन के राजकीय शोक का ऐलान किया गया है. पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने ट्वीट किया, च्अमृतसर रेल दुर्घटना के मद्देनजर प्रदेश में कल शोक रहेगा. सभी दफ्तर और शिक्षण संस्थान बंद रहेंगे। बता दें कि मौके पर कम से कम 300 लोग मौजूद थे जो पटरियों के निकट एक मैदान में रावण दहन देख रहे थे।