
बोधगया ब्लास्ट केस में आज फैसला सुनाएगी NIA कोर्ट, 25 मिनट में हुए थे नौ धमाके
पटना। बिहार के बोधगया में पांच साल पुराने सिलसिलेवार बम धमाकों के केस में शुक्रवार को एनआईए (नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी) की कोर्ट फैसला सुनाएगी। यह फैसला स्पेशल जज मनोज कुमार करेंगे। इस मामले में पांच लोगों को आरोपी बनाया गया था। बोधगया के महाबोधि मंदिर में हुए इस हमले में कुछ लोग घायल हुए थे। इस सीरियल ब्लास्ट का सरगना हैदर अली उर्फ ब्लैक ब्यूटी था।
केस की टाइमलाइन
- 7 जुलाई 2013 को बोधगया में सीरियल ब्लास्ट हुआ।
- 3 जून 2014 को चार्जशीट दायर हुई।
- 11 मई 2018 को बहस पूरी होने के बाद स्पेशल जज ने फैसला किया।
- 25 मई 2018 को फैसले का ऐलान होगा।
...ये हैं बोधगया ब्लास्ट के पांचों आरोपी
गौरतलब है कि बोधगया ब्लास्ट में एनआईए ने करीब 90 गवाह पेश किए थे। इस मामले में जिन पांच लोगों को एनआईए ने आरोपी बनाया था उनमें इम्तियाज अंसारी, उमर सिद्दीकी, अजहरुद्दीन कुरैशी और मुजीबुल्लाह अंसारी है। हैदर, मुजीबुल्लाह और इम्तियाज रांची के रहने वाले हैं, जबकि उमर और अजहर छत्तीसगढ़ के रायपुर के रहने वाले हैं। फिलहाल सभी आरोपी बेउर जेल के बंद है। गौरतलब है कि ये सभी 27 अक्टूबर 2013 को पटना के गांधी मैदान में हुए ब्लास्ट के भी आरोपी हैं।
क्या हुआ था 7 जुलाई 2013 को
उस दिन सुबह के साढ़े 5 बजे धमाकों की शुरुआत हुई। लगभग 29 मिनट में यहां एक के बाद एक करके नौ धमाके हुए। आतंकियों ने महाबोधि वृक्ष के नीचे भी दो बम लगाए थे। सिलेंडर बम रखा गया था, जिसमें टाइमर लगा हुआ था।
रोहिंग्याओं पर कार्रवाई का बदला था ये हमला
एनआईए ने जांच में यह भी माना है कि इन आरोपियों ने रोहिंग्या मुसलमानों के खिलाफ कार्रवाई का बदला लेने के लिए बोधगया में सीरियल ब्लास्ट किया था। आपको बता दें कि रोहिंग्याओं के खिलाफ लंबे समय से कार्रवाई का दौर है। इनके खिलाफ अब भी कई आरोप लगते रहे हैं। म्यांमार में हुए आंतरिक संघर्ष के बाद रोहिंग्याओं ने वहां से भी पलायन किया जिसके चलते भारत-बांग्लादेश समेत कई देशों में शरणार्थी संकट खड़ा हो गया है।
Published on:
25 May 2018 08:52 am
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