
उमेश के जेल में 10 साल तन्हाई में रहने के आधार पर सुप्रीम कोर्ट ने उसकी फांसी की सजा माफ कर दी।
Crime News: सीरियल रेपिस्ट और किलर उमेश रेड्डी को हिंडाल्गा सेंट्रल जेल से बैंगलोर सेंट्रल जेल में शिफ्ट किया गया है। 3 जून को उसको शिफ्ट किया गया। वह 2011 से हिंडाल्गा में बंद था। सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल नवंबर में उसकी मौत की सजा को 30 साल की सजा में बदल दिया था। इसके बाद उसकी जेल बदली गई है क्योंकि कर्नाटक में मौत की सजा के दोषियों को हिंडाल्गा में रखा गया है।
CRPF में रहते किया पहला गुनाह
उमेश रेड्डी 1969 में कर्नाटक के चित्रदुर्गा में पैदा हुआ। पढ़ाई के बाद उसने उसने CRPF की नौकरी ज्वाइन की थी। जम्मू कश्मीर में उसकी पहली पोस्टिंग थी, जहां उसने कमांडेंट की बेटी से रेप की कोशिश की। नौकरी चली गई और वो कर्नाटक आ गया। धीरे-धीरे वो एक सनकी हत्यारे में बदल गया।
उमेश के बारे में कहा जाता है कि वो दोपहर के समय निकलता। ऐसे घरों को निशाना बनाता, जहां बच्चे स्कूल में और मर्द काम पर गए होते। किसी बहाने घर में घुसता और फिर रेप करके हत्या कर देता। वो मृत महिला के जेवर और अंडरगारमेंट्स तक ले जाता। साल 1995, 96,97, 98 में उसने लगातार रेप और हत्याओं को अंजाम दिया। 1998 में उमेश ने एक औरत के रेप की कोशिश की। किसी तरह से औरत बचकर भागी और शोर मचाया। उमेश ने भागने के लिए पहली मंजिल से छलांग लगाई और पैर टूट गया। पुलिस ने उसे पकड़ लिया लेकिन वो कुछ दिन बाद भाग गया।
कई बार हुआ फरार, फिर कोर्ट ने सुनाई मौत की सजा
उमेश जम्मू में अपनी पहली गिरफ्तारी से 2002 तक उमेश कई बार पुलिस की पकड़ से भागा लेकिन मई 2002 में उसकी गिरफ्तारी हुई तो फिर वो भाग नहीं सका। उमेश पर कुल 18 महिलाओं की रेप और हत्या का इल्जाम लगा, इसमें से 9 मामलों में उसे सजा हुई। 2006 में फास्ट ट्रैक कोर्ट ने उसे फांसी की सजा सुनाई। केस हाईकोर्ट पहुंचा कर्नाटक उच्च न्यायालय ने 2009 में रेड्डी को मौत की सजा सुनाई थी, और 2011 में सुप्रीम कोर्ट ने सजा को बरकरार रखा था। फिर से उसने अपील की तो 2022 में सुप्रीमं कोर्ट ने उसकी मौत की सजा को 30 साल की सजा में बदल दिया।
Updated on:
21 Jun 2023 03:35 pm
Published on:
21 Jun 2023 03:34 pm
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