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कठुआ गैंग रेप: अब केस नहीं लड़ेंगी वकील दीपिका सिंह, पीड़िता के परिजन ने बताई ये वजह

locationनई दिल्लीPublished: Nov 15, 2018 10:46:29 am

Submitted by:

Saif Ur Rehman

बुधवार को पठानकोट में ट्रायल कोर्ट के समक्ष दायर आवेदन में पीड़िता के पिता ने कहा कि राजावत अब मामले में उनका प्रतिनिधित्व नहीं करेंगी।

Deepika singh

कठुआ गैंग रेप: अब केस नहीं लड़ेंगी वकील दीपिका सिंह, पीड़िता के परिजन ने बताई ये वजह

श्रीगर। देश में काफी चर्चित रहने वाले कठुआ गैंगरेप से जुड़ी खबर सामने आई है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, कठुआ गैंगरेप और हत्या मामले में पीड़िता के परिवार ने वकील दीपिका सिंह राजावत को हटा दिया है। बुधवार को पठानकोट में ट्रायल कोर्ट के समक्ष दायर आवेदन में पीड़िता के पिता ने कहा कि राजावत अब मामले में उनका प्रतिनिधित्व नहीं करेंगी। बताया जा रहा है कि वकील दीपिका के पास अदालत में सुनवाई के दौरान पेश होने का वक्त नहीं था। पठानकोट की अदलात में हुई 110 सुनवाई में वह सिर्फ दो बार ही उपस्थित रहीं। परिवार ने पठानकोट सेशन जज कोर्ट को बताया कि अभियोजन पक्ष के मामले को विशेष सरकारी अभियोजकों एसएस बसरा और जिला अटॉर्नी जगदीश्वर कुमार चोपड़ा द्वारा आगे निपटाया जाएगा, जिन्हें केके पुरी, हरभजन सिंह, मुबेन फारुकी और अन्य वकीलों की मदद मिलेगी।
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केस के हटने से दुखीं हैं दीपिका
केस से हटाए जाने के बाद वकील दीपिका सिंह दुखीं बताई जा रही है। एक चैनल से बात करते हुए उन्होंने बताया कि ये खबर हैरान करने वाली है, इससे मुझे दुख पहुंचा है। मेरे यहां से पठानकोठ 250 किमी दूर है और कोई भी युवा वकील जम्मू में मुझसे जुड़ना नहीं चाहता है क्योंकि उन्हें मुझसे जुड़ने से डराया जाता है। उनका कहना है कि वह वित्तीय संकट से जूझ रही हैं। पीड़िता के परिवार ने कभी मुझसे संपर्क नहीं किया। वे संपर्क से दूर हैं। ट्वीटर पर भी उन्होंने केस से हटाने जाने पर अपनी प्रतिक्रिया जाहिर की है।
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https://twitter.com/DeepikaSRajawat/status/1062826800881926144?ref_src=twsrc%5Etfw
शीर्ष अदालत ने दिया स्थानांतरित करने का आदेश

उच्च न्यायालय ने कठुआ गैंगरेप मामले को पठानकोट स्थानांतरित करने का आदेश दिया था। इसके अलावा इस मामले की सुनवाई बंद कमरे में और रोजाना आधार पर करने के भी निर्देश दिए थे। उनकी उपस्थिति और आशंका को ध्यान में रखा गया था कि जब भी वह पठानकोट जाते थे तो उन्हें उनके जीवन का खतरा होता था। मामले की सुनवाई 31 मई से शुरू हुई थी। इससे पहले अदालत ने 7 जून को कठुआ में आठ वर्षीय बच्ची के साथ बलात्कार के बाद निर्मम हत्या मामले में सात आरोपियों के खिलाफ आरोप तय किए। जिला एवं सत्र न्यायालय ने यहां आठ आरोपियों में से सात के खिलाफ आरोप तय कर दिए।

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