
नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में नार्कोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) ने विदेशी मूल के तीन लोगों को कोकीन के साथ गिरफ्तार किया है। बता दें कि गिरफ्तार लोगों में दो ब्राजील और एक नाइजीरिया का निवासी है। इन तीनों से एनसीबी ने 10 करोड़ रुपए का लिक्विड कोकीन जब्त किया है।
कंडोम में छिपाया गया था कोकीन
एनसीबी के जोनल निदेशक माधो सिंह ने बताया, ''कोकीन को कंडोम में पैक करने के बाद टिन में छिपाया गया था। इस धर-पकड़ में एक नाइजीरियाई को दिल्ली में कार्टेल से भी गिरफ्तार कर लिया गया है। वहीं, इस गिरोह के अन्य लोगों की तलाश जारी है।'' माधो ने बताया कि दोनों ब्राजील निवासी तस्करों के पास से जो पासपोर्ट मिला है, उसमें मौजूद विवरण के मुताबिक दोनों पिछले साल जून में ब्राजील से भारत आए थे।
एक्से-रे मशीन क्यों नहीं पकड़ पाती?
इन सब के बीच एक सोचने वाली बात है कि एक्स-रे मशीन जो ड्रग्स आदि नशीली दवाओं की पहचान के लिए हवाई अड्डों पर लगाई जाती हैं, वह इनकी पहचान क्यों नहीं कर पातीं? दरअसल इसका मुख्य कारण है तस्तरों द्वारा लैटेक्स कंडोम का उपयोग करना। पूरी दुनिया में नशीली दवाओं की तस्करी तेजी से बढ़ रही है, लेकिन तरल रूप में कोकीन का पता कम ही लोग लगा पाते हैं।
तस्करी में लैटेक्स कंडोम का उपयोग
हाल के दिनों में नशीली दवाओं के तस्कर लैटेक्स कंडोम में इन पदार्थो को छिपा कर तस्करी को अंजाम देते हैं। यह कंडोम तैलीय होता है, इसमें आसानी से नशीले पदार्थ को छिपाया जा सकता है। कभी- कभी तस्कर पकड़े जाने के डर से लैटेक्स कंडोम निगल जाते हैं। वहीं, जब इसे कपड़े पर फेंक दिया जाता है तो वे किसी भी अन्य इत्र की तरह गंध करते हैं।
सीटी स्कैन से पकड़ा जा सकता है इसे
यही वजह है कि हवाई अड्डे और कार्टेल पर एक्स-रे मशीनों द्वारा नशीले पदार्थों का पता लगाना असंभव होता जा रहा है। नार्को-आतंकवादी इस विधि का ज्यादा उपयोग करते हैं। जानकारों की मानें तो तरल कोकीन का पता लगाने का एकमात्र तरीका सीटी स्कैन या अन्य उन्नत इमेजिंग उपकरण हैं।
Published on:
19 Apr 2018 11:29 am
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