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Hathras rape case- पुलिस का बयान एफएसएल रिपोर्ट में नहीं हुई रेप की पुष्टि

हाथरस कांड में उत्तर प्रदेश पुलिस ने गैंगरेप नहीं होने का दावा किया है। विधि विज्ञान प्रयोगशाला (एफएसएल) की रिपोर्ट भी सामने आ गई है।

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लखनऊ

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Vikas Gupta

Oct 01, 2020

Hathras rape case- पुलिस का बयान एफएसएल रिपोर्ट में नहीं हुई रेप की पुष्टि

FSL report shows Hathras woman was not raped: UP ADG

लखनऊ, 1 अक्टूबर (आईएएनएस)| उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले के बूलगढ़ी गांव की 19 साल की युवती के साथ सामूहिक दुष्कर्म के बाद पीट-पीटकर उसकी जान ले ली गई। पुलिस ने रात के अंधरे में, परिजनों की गैरमौजूदगी में उसका दाह संस्कार करवा दिया, यह समूचे देश को पता है। लेकिन यूपी पुलिस के एडीजी (लॉ एंड ऑर्डर) प्रशांत कुमार का दावा है कि दुष्कर्म हुआ ही नहीं। एडीजी प्रशांत ने कहा, "गुड़िया की मौत का कारण 14 सितंबर को उसके साथ हुई बर्बरतापूर्वक मारपीट है। लड़की के साथ दुष्कर्म नहीं हुआ था।"

उन्होंने कहा कि दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल की पोस्टमर्टम रिपोर्ट के बाद आगरा में विधि विज्ञान प्रयोगशाला (फॉरेंसिक लैब) की रिपोर्ट से भी इसकी पुष्टि हो गई है कि लड़की के साथ दुष्कर्म या सामूहिक दुष्कर्म नहीं हुआ था।

एडीजी प्रशांत ने कहा कि गुरुवार को जारी पोस्टमार्टम रिपोर्ट में दुष्कर्म का जिक्र नहीं है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक, पीड़िता की गर्दन पर चोट के निशान हैं और रीढ़ की हड्डियां भी टूटी हुई हैं। पीड़िता को ब्लड इन्फेक्शन और हार्ट अटैक भी आया था। रिपोर्ट के अनुसार, मौत का वक्त 29 सितंबर को सुबह 6 बजकर 55 मिनट बताया जा रहा है। इस मामले में पीड़िता की फॉरेंसिक साइंस लैब की रिपोर्ट आ गई है। इसमें भी उसके साथ दुष्कर्म की पुष्टि नहीं हुई है।

उन्होंने कहा कि आगरा की लैब से मिली रिपोर्ट में युवती में शुक्राणु नहीं पाया गया है। कुछ लोगों ने प्रदेश में जातीय तनाव पैदा करने के मकसद से इस केस को गलत तरीके से पेश करने का प्रयास किया है। इस प्रकरण में पुलिस ने शुरू से ही त्वरित तथा तत्समय कार्रवाई करके माहौल बिगड़ने से बचाया।

उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि मामले को अनावश्यक तूल देकर माहौल खराब करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

प्रशांत कुमार ने कहा, "अब हम विधिक कार्रवाई के तहत ऐसे लोगों की पहचान में लगे हैं, जिन्होंने प्रदेश के सामाजिक सद्भाव को बिगाड़ने के साथ ही जातीय हिंसा को फैलाने का प्रयास किया है। वे जवाबदेह प्रशासन की अनुमति के बिना काम करके हाथरस को दंगे की आग में झोंकना चाहते थे। ऐसे लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई तय है।"

एडीजी प्रशांत ने कहा कि हाथरस की इस घटना में कुछ लोगों ने जातीय संघर्ष कराने का प्रयास किया गया है। अब उन्हें चिह्न्ति कर उनके खिलाफ भी कार्रवाई होगी।

हाथरस कांड को लेकर यूपी सरकार बैकफुट पर गई है। इस मामले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बुधवार को चर्चा की थी, जिसके बाद प्रदेश सरकार ने तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया, जो कि मामले की जांच कर रही है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वीडियो कॉल के जरिए बुधवार रात लड़की के पिता से बात की और परिवार की हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया। मृतका के परिवार के एक सदस्य को कनिष्ठ सहायक के पद पर नौकरी दी जाएगी। परिवार को 25 लाख रुपये की मदद के साथ ही हाथरस शहर में एक मकान भी दिया जाएगा।