
How stolen mobiles were routed to Nepal, sold at cheaper rates
देश के विभिन्न इलाकों से चोरी हुए मोबाइलों को बेचने के लिए नेपाल सबसे आसान मार्केट बनता जा रहा है। यहां चोरी या लूटे गए मोबाइल्स बहुत ही आसानी से बेचे जा रहे हैं। ज्यादातर मोबाइलों के IMEI नंबर को बदला जाता है। इसके बाद नेपाल के मार्केट में बहुत ही आसानी से बेच दिया जाता है। दिल्ली पुलिस ने ऐसे ही एक सेंडिकेट का भंडाफोड़ किया है कि दिल्ली-NCR में मोबाइल चोरी करके नेपाल में बहुत ही आसानी से बेंच देता था। पुलिस ने तीन आरोपियों को पकड़ा है, जिनकी पहचान मध्य दिल्ली के नईम व फरमान और जामा मस्जिद के चुड़ीवाला के अमिर के रूप में हुई है।
डीसीपी मनोज ने बताया कि हमने एक ऐसे अंतरराष्ट्रीय मोबाइल तस्कर और उसके सहयोगियों को किया है जो भारत से चोरी के मोबाइलों को तस्करी करके नेपाल भेजा करता था। इन तस्करों के पास से 68 चोरी व छीने हुए मोबाइल बरामद किए गए हैं।
कैसे अंतरराष्ट्रीय मोबाइल तस्कर सेंडिकेट का हुआ भंडाफोड़
इन आरोपियों ने आईआईटी-दिल्ली के एक स्टूडेंट का आईफोन छीना था। इसी मामले की जांच कर रही पुलिस आईफोन को ट्रैक करते हुए फरमान नाम के आरोपी के पास पहुंची, जिसके पास से 8 मोबाइल बरामद हुए हैं। पूछताछ के दौरान उसी ने अंतरराष्ट्रीय मोबाइल तस्कर होने की बात कबूली। इसके बाद पुलिस ने फरमान की टिप पर नईम को दबोचा, जो चोरी के साथ चोरी के मोबाइलों को बेचने का भी काम करता था। नईम के पास से पुलिस ने तीन मोबाइल और एक पिस्टल बरामद की है। वहीं फिर नईम ने अपने सहयोगी आमिर से मिलाया जो गफ्फार मार्केट के आस-पास चोरी करने में लगा हुआ था।
चोरी के तुरंत बाद नेपाल में बेचा जाता था मोबाइल
डीसीपी ने बताया कि हमने ऐसे अंतरराष्ट्रीय मोबाइल तस्कर के तीन आरोपियों को पकड़ा है, जिनका नेटवर्क नेपाल तक फैला हुआ था। ये आरोपी नेपाल जाकर फोन को बेचने के बाद तुरंत दिल्ली-NCR क्षेत्र में आकर फिर से चोरी के काम में लग जाते थे। वहीं फिर चोरी करने के तुरंत बाद नेपाल जाकर मोबाइल को बेंच देते थे। इस बार पुलिस ने इन आरोपियों पर नजर रखी, जिसके बाद सफलता हाथ लगी है।
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Published on:
08 Oct 2022 03:43 pm
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