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दिल्ली हाईकोर्ट में करते रहे वकालत, बिहार में फर्जी पेपर बनवा भू-माफियाओं ने बेच दी लाखों की जमीन

इन दिनों छोटे शहरों की जमीन की कीमत भी आसमान छू रही है। ऐसे में रोजी-रोजगार के लिए घर से बाहर रहने वाले लोगों की जमीन पर भूमाफियाओं की नजर लगी हुई है। इसका ताजा उदाहरण बिहार के मुजफ्फरपुर से सामने आया है।

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जमीन की कीमतों में हुई वृद्धि के बाद जगह-जगह प्रॉपर्टी डीलर और भू-माफियाओं का आतंक भी बढ़ा है। रोजी-रोजगार के लिए लाखों लोग गांव छोड़कर दिल्ली-मुंबई जैसे महानगरों में रहते हैं। ऐसे लोगों की गांव में स्थित पुश्तैनी जमीन को दलाल और भू-माफिया फर्जी तरीके से बेच दे रहे हैं। इसका ताजा उदाहरण बिहार के मुजफ्फरपुर से सामने आया है। जहां दिल्ली हाईकोर्ट के वकील करण शंकर मणि की पुश्तैनी जमीन को भू-माफियाओं ने फर्जी पेपर बनवा कर बेच दिया।

करण शंकर मणि दिल्ली हाईकोर्ट में वकालत के साथ-साथ सामाजिक कार्यों में भी लगे रहते हैं। उन्होंने बताया कि उनकी पैतृक सम्पत्ति को स्थानीय दलालों और उनके ही परिवार के अन्य लोगों की मिलीभगत के साथ धोखे से दूसरे लोगों को रजिस्ट्री कर दिया गया है।

घटना फरवरी 2022 में हुई थी, जिसकी सूचना जिला प्रशासन और सम्बंधित विभाग को पत्र के माध्यम से दी गई थी, लेकिन कोई कानूनी कारवाई न होने के कारण मार्च और अप्रैल 2022 में उनकी लगभग सारी सम्पत्ति को स्थानीय जमीन के दलालों ने दूसरे लोगों के हाथों बेच दी।

दिल्ली हाईकोर्ट के वकील करण शंकर मणि ने बताया कि जमीन बेच दी जाने की सूचना मिलने पर हमलोग परिवार समेत अपने गांव दरियापुर कफेन आए। जिसके बाद मामले की जानकारी डीएम, एसपी, सीओ सहित तमाम संबंधित अधिकारियों को दी। इस घटना के सन्दर्भ में लिखित शिकायत भी दर्ज कराई। लेकिन भू-माफियाओं पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।

शिकायत करने पर घर में घुसकर बदमाशों ने की मारपीट-
अधिवक्ता का आरोप है कि एफआईआर के बाद उनके घर पर आकर स्थानीय दलालों ने जानलेवा हमला किया, जिसमें उनके परिवार के सदस्य घायल हो गए। मारपीट के मामले में पुलिस ने अपराधियों की एक बाइक भी जब्त की थी। लेकिन घटना के लगभग 20-22 दिन बीत जाने के बाद भी कोई ठोस कानूनी कार्रवाई नहीं हुई।

बार एसोसिएशन से पीड़ित वकील ने लगाई गुहार-
पीड़ित अधिवक्ता का कहना है कि उन्हें यहां की कानून व्यवस्था पर पूरा भरोसा है। इस पूरे प्रकरण की सूचना ऑल इण्डिया बार एसोसिएशन तथा सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन को भी दे दी गई है। अगर तय सीमा में इस घटना में संज्ञान नहीं लिया तो एक प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री से भी मिलेगा। वहीं पुलिस का कहना है कि मामले जांच की जा रही है।