5 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

एनसीबी को आड़े हाथ लेते हुए बोले पूर्व अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी, आर्यन खान को गिरफ्तार ही नहीं करना चाहिए था

मुंबई क्रूज ड्रग्स मामले में पूर्व अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने मंगलवार को बॉम्बे हाईकोर्ट में कई तर्क रखते हुए कहा कि आर्यन खान की गिरफ्तारी होनी ही नहीं चाहिए थी। इतना ही नहीं रोहतगी ने नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो को भी आड़े हाथ लेते हुए गलत कार्रवाई किए जाने के आरोप लगाए।

4 min read
Google source verification
Aryan Khan in Mumbai Cruise Drug Case: Know all about this case in 3 minutes

Aryan Khan in Mumbai Cruise Drug Case: Know all about this case in 3 minutes

मुंबई। आर्यन खान की जमानत अर्जी पर दलील देते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने मंगलवार को बॉम्बे हाई कोर्ट के समक्ष नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो को आड़े हाथ लिया और गलत ढंग से गिरफ्तार किए जाने का आरोप लगाया । रोहतगी ने कहा कि अभिनेता शाहरुख खान के 23 वर्षीय बेटे को एनसीबी ने गलत तरीके से गिरफ्तार किया था, क्योंकि ना तो कोई रिकवरी हुई थी और ना ही इसका इस्तेमाल हुआ, यह बताने के लिए कोई सामग्री थी। रोहतगी ने कहा कि कैलिफोर्निया से स्नातक कर चुके आर्यन कोरोना के शुरू होने के बाद लौटे हैं और वह क्रूज पर ग्राहक नहीं थे, बल्कि उसे अतिथि के रूप में आयोजकों को जानने वाले प्रतीक गाबा ने आमंत्रित किया था।

वरिष्ठ अधिवक्ता ने कहा कि उसके पास से कुछ भी बरामद नहीं हुआ है और यह साबित करने के लिए कोई चिकित्सा परीक्षण नहीं किया गया था कि आर्यन ने ड्रग्स का सेवन किया था और इसलिए उसे गिरफ्तार करने का कोई कारण ही नहीं था। उन्होंने कहा, "कोई बरामदगी नहीं, कोई खपत नहीं, मैं कहता हूं कि मुझे गलत तरीके से गिरफ्तार किया गया है।"

एनसीबी के दावे का जिक्र करते हुए कि आर्यन के दोस्त अरबाज मर्चेंट से 6 ग्राम चरस बरामद किया गया था और ये उन दोनों के इस्तेमाल के लिए था और इसलिए आर्यन भी जानबूझकर इस प्रतिबंधित सामग्री के साथ था, वरिष्ठ अधिवक्ता ने कहा कि अगर कोई और अपने जूते मेंकुछ रखता है तो इसका मतलब जानबूझकर इसके साथ होना नहीं हो सकता। उन्होंने जोर देकर कहा, "उन्हें यह साबित करना होगा कि मैं इसके बारे में जानता था।"

उन्होंने बताया कि एनसीबी अधिकारियों द्वारा एनडीपीएस अधिनियम की धारा 67 के तहत दर्ज किए गए बयान साक्ष्य में स्वीकार्य नहीं हैं। इसके अलावा, उन्होंने कहा, छह ग्राम एक छोटी मात्रा है और भले ही यह तर्क के लिए मान लिया जाए कि यह जानबूझकर उनके पास था, तो भी इसकी अधिकतम सजा सिर्फ एक वर्ष तक है। आर्यन खान से जुड़े व्हाट्सएप चैट का जिक्र करते हुए एनसीबी का जिक्र करते हुए मुकुल रोहतगी ने कहा कि ये चैट 2018, 2019, 2020 से संबंधित हैं और 2 अक्टूबर को शुरू हुई क्रूज पार्टी के बारे में नहीं है।

रोहतगी ने कहा, "इन व्हाट्सएप चैट का घटना से कोई लेना-देना नहीं है। वे पहले की चैट हैं, जब मैं (आर्यन) विदेश में था और जिसके आधार पर वे दावा कर रहे हैं कि मैं (आर्यन) लोगों के साथ सौदा कर रहा था, उन्हें अंतरराष्ट्रीय तस्कर होने का संदेह है।"

उन्होंने कहा कि आर्यन एक छोटा लड़का है जिसका कोई पुराना इतिहास नहीं है। कानून में प्रावधान है कि उपभोग के मामले में, व्यक्ति को पुनर्वास के लिए ले जाना होगा। उन्होंने कहा, "सोच है कि लोगों को जेलों में ना रखा जाए, (केंद्रीय) सामाजिक न्याय मंत्रालय सुधारों की बात कर रहा है।"

वरिष्ठ अधिवक्ता ने कहा कि आर्यन का संबंध एनसीबी द्वारा बीच-बीच में ड्रग्स रखने के आरोप में गिरफ्तार किए गए अन्य आरोपियों से नहीं था। आर्यन सहित आरोपियों के खिलाफ एनसीबी द्वारा लगाए गए साजिश के आरोप के संबंध में उन्होंने कहा, "दिमाग से कोई मुलाकात नहीं होती है।"

मामले के गवाह प्रभाकर सेल द्वारा किए गए कथित खुलासे पर उठ रहे विवाद के संबंध में रोहतगी ने कहा कि आर्यन को हलफनामे से कोई सरोकार नहीं था। उन्होंने कहा, "मुझे किसी एनसीबी अधिकारी के खिलाफ कोई शिकायत नहीं है। मुझे पंच गवाह से कोई सरोकार नहीं है।" वरिष्ठ अधिवक्ता ने अदालत से आर्यन को विवाद से दूर रखने का आग्रह किया।

उन्होंने कहा, "कृपया मुझे इससे दूर रखें। मैं या तो राजनीतिक व्यक्तित्व या एनसीबी अधिकारियों के साथ नहीं जाना चाहता। वे (एनसीबी) पूजा (शाहरुख खान की मैनेजर पूजा डडडलानी) पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं और इसे मुझ पर लगाने की कोशिश कर रहे हैं। राजनीतिक नेताओं और एनसीबी अधिकारियों के बीच इस बेहूदा विवाद को मुझ पर थोपा नहीं जा सकता।"

पूर्व अटॉर्नी जनरल रोहतगी ने कहा कि एनसीबी आर्यन और अरबाज द्वारा दिए गए बयानों के आधार पर एक आचित कुमार को गिरफ्तार करने का दावा कर रहr है और उसके पास से 2.6 ग्राम मारिजुआना जब्त किया है। उन्होंने कहा कि एजेंसी ने हालांकि नौ अक्टूबर के बाद उनकी हिरासत की मांग नहीं की।

उन्होंने बताया कि आचित कुमार खुद एक युवा लड़का और कॉलेज का छात्र है। आर्यन ने ऑनलाइन पोकर के बारे में उससे चैट की है। उन्होंने कहा, “वे (एनसीबी) इसका इस्तेमाल कर रहे हैं (आर्यन को ड्रग डीलिंग से जोड़ने के लिए)। बातचीत 14 महीने पुरानी है और ऑनलाइन गेमिंग के बारे में है। उन्होंने कहा कि ये चैट अप्रासंगिक हैं और आप किसी को एक साथ कई दिनों तक जेल में नहीं रख सकते।"

रोहतगी द्वारा अपनी दलीलें पूरी करने के तुरंत बाद एक वकील ने हस्तक्षेप करने की मांग की और आर्यन खान को उनकी जमानत याचिका पर सुनवाई के लिए दिए गए कथित विशेष उपचार के बारे में शिकायत की।

अधिवक्ता सुभाष झा ने कहा, "मैं अभियोजन का समर्थन कर रहा हूं, लेकिन आपत्ति है कि याचिका के ऐसे समूह को विशेषाधिकार दिए गए हैं।" उन्होंने कहा, "यह बार की भी चिंता है। लोग जेलों में बंद हैं, लेकिन इस तरह की याचिकाओं को तरजीह दी जाती है।"

न्यायमूर्ति साम्ब्रे ने दलीलों का जवाब देते हुए कहा कि वह अपना बोर्ड खत्म कर लेते हैं और फिर ऐसे मामलों (जिनमें लंबी सुनवाई की आवश्यकता होती है) को उठाते हैं। न्यायाधीश ने कहा, "हर किसी को संचलन दिया जाता है और मेरी अदालत में सुना जाता है।" अदालत ने अब क्रूज ड्रग भंडाफोड़ मामले में गिरफ्तार अरबाज खान और मुनमुन धमेचा की जमानत याचिकाओं को बुधवार को सुनवाई के लिए पोस्ट कर दिया है।

एजेंसी के मुंबई जोनल निदेशक समीर वानखेड़े की अध्यक्षता में एनसीबी अधिकारियों की एक टीम ने, 2 अक्टूबर को मुंबई में ग्रीन गेट पर अंतर्राष्ट्रीय क्रूज टर्मिनल से क्रूज जहाज में गोवा ले जाने वाले यात्रियों की तलाशी ली और इन लोगों के कमरे क्रूज जहाज पर बुक किए गए। तलाशी के दौरान एजेंसी ने 13 ग्राम कोकीन, 5 ग्राम मेफेड्रोन, 21 ग्राम चरस, एमडीएमए (एक्स्टसी) की 22 गोलियां और 1.33 लाख रुपये नकद बरामद किए। कुल मिलाकर एनसीबी के अधिकारियों ने 14 लोगों को पकड़ा और घंटों पूछताछ के बाद 23 वर्षीय आर्यन, 26 वर्षीय अरबाज और 28 वर्षीय धमेचा को 3 अक्टूबर की दोपहर को गिरफ्तार कर लिया।

संबंधित खबरें