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बोधगया सीरियल ब्लास्ट में पांचों आरोपी दोषी करार, 31 मई को होगा सजा का ऐलान

NIA कोर्ट ने बोधगया ब्लास्ट मामले में पांचों आरोपियों पर फैसला सुना दिया है। पांचों ने महाबोधि मंदिर में 25 मिनट में नौ धमाकों को अंजाम दिया था।

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Bodhgaya Blast

पटना। बिहार के बोधगया में पांच साल पुराने सिलसिलेवार बम धमाकों के मामले में एनआईए कोर्ट का फैसला आ चुका है। इस के पांचों आरोपियों को कोर्ट ने दोषी करार दिया है। सभी की सजा का ऐलान 31 मई को किया जाएगा। नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी की स्पेशल कोर्ट के जज मनोज कुमार ने इस मामले में फैसला सुनाया है। दोषियों में तीन रांची और दो छत्तीसगढ़ के रहने वाले हैं। इन पांचों पर पटना के गांधी मैदान ब्लास्ट को अंजाम देने का भी आरोप है। गौरतलब है कि बोधगया में महज 25 मिनट में सिलसिलेवार नौ बम धमाके किए गए थे। हालांकि इसमें किसी की मौत नहीं हुई थी, लेकिन दो लोग घायल हो गए थे। इस केस में फैसला 4 साल, 10 माह और 12 दिन बाद आया है।

...ये हैं बोधगया ब्लास्ट के पांचों दोषी

गौरतलब है कि बोधगया ब्लास्ट में एनआईए ने करीब 90 गवाह पेश किए थे। इस मामले में जिन पांच लोगों को एनआईए कोर्ट ने दोषी ठहराया है उनमें इम्तियाज अंसारी, उमर सिद्दीकी, अजहरुद्दीन कुरैशी और मुजीबुल्लाह अंसारी है। हैदर, मुजीबुल्लाह और इम्तियाज रांची के रहने वाले हैं, जबकि उमर और अजहर छत्तीसगढ़ के रायपुर के रहने वाले हैं। फिलहाल सभी बेउर जेल के बंद है। गौरतलब है कि ये सभी 27 अक्टूबर 2013 को पटना के गांधी मैदान में हुए ब्लास्ट के भी आरोपी हैं।

केस की टाइमलाइन

- 7 जुलाई 2013 को बोधगया में सीरियल ब्लास्ट हुआ।
- 3 जून 2014 को चार्जशीट दायर हुई।
- 11 मई 2018 को बहस पूरी होने के बाद स्पेशल जज ने फैसला किया।
- 25 मई 2018 को घटना के 4 साल, 10 माह, 12 दिन बाद फैसले का ऐलान हुआ।

क्या हुआ था 7 जुलाई 2013 को

उस दिन सुबह के साढ़े 5 बजे धमाकों की शुरुआत हुई। लगभग 29 मिनट में यहां एक के बाद एक करके नौ धमाके हुए। आतंकियों ने महाबोधि वृक्ष के नीचे भी दो बम लगाए थे। सिलेंडर बम रखा गया था, जिसमें टाइमर लगा हुआ था।

रोहिंग्याओं पर कार्रवाई का बदला था ये हमला

एनआईए ने जांच में यह भी माना है कि इन आरोपियों ने रोहिंग्या मुसलमानों के खिलाफ कार्रवाई का बदला लेने के लिए बोधगया में सीरियल ब्लास्ट किया था। आपको बता दें कि रोहिंग्याओं के खिलाफ लंबे समय से कार्रवाई का दौर है। इनके खिलाफ अब भी कई आरोप लगते रहे हैं। म्यांमार में हुए आंतरिक संघर्ष के बाद रोहिंग्याओं ने वहां से भी पलायन किया जिसके चलते भारत-बांग्लादेश समेत कई देशों में शरणार्थी संकट खड़ा हो गया है।