script2020 दिल्ली हिंसा: अदालत के आदेश के बाद जमानत पर जेल से बाहर आए आसिफ, नताशा और देवांगना | Northeast Delhi Violence: Asif Iqbal, Natasha Narwal Devangna Kalita released from Tihar Jail after Delhi High Court bail order | Patrika News

2020 दिल्ली हिंसा: अदालत के आदेश के बाद जमानत पर जेल से बाहर आए आसिफ, नताशा और देवांगना

locationनई दिल्लीPublished: Jun 17, 2021 10:38:20 pm

पूर्वोत्तर दिल्ली हिंसा 2020 मामले में दिल्ली की एक अदालत ने गुरुवार को तीन छात्र कार्यकर्ताओं देवांगना कलिता, नताशा नरवाल और आसिफ इकबाल तन्हा को रिहा करने का आदेश दिया है। इसके बाद तिहाड़ जेल से देवांगना, नताशा और बाद में आसिफ को जमानत पर छोड़ दिया गया।

devangana natasha and asif

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नई दिल्ली। जमानत मिलने के दो दिन बाद, पिंजरा तोड़ कार्यकर्ता नताशा नरवाल और देवांगना कलिता गुरुवार शाम को दिल्ली की तिहाड़ जेल से बाहर आ गईं। जबकि स्टूडेंट इस्लामिक संगठन के कार्यकर्ता आसिफ इकबाल तन्हा को भी रात में छोड़ा गया। दिल्ली उच्च न्यायालय के जमानत आदेश के बावजूद वे जेल में थे। इसके बाद, दिल्ली की अदालत ने गुरुवार को उनकी तत्काल रिहाई का आदेश दिया। जमानत को चुनौती देने वाली दिल्ली पुलिस की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार को सुनवाई करेगा।
दिल्ली की एक अदालत ने गुरुवार को 2020 दिल्ली हिंसा मामले में यूएपीए के तहत आरोपी तीन छात्रों और एक्टिविस्ट देवांगना कलिता, नताशा नरवाल और आसिफ इकबाल तन्हा को रिहा करने का आदेश दिया है। इन तीनों को दिल्ली हाईकोर्ट ने बीते 15 जून को जमानत दे दी थी।
कड़कड़डूमा कोर्ट के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश रवींद्र बेदी ने कहा कि तीनों आरोपियों को रिहा करने का आदेश जारी किया गया है और इस मामले में तिहाड़ जेल के अधिकारियों को एक सूचना भेज दी गई है। इसके साथ ही अदालत ने दस्तावेज के सत्यापन के लिए और मोहलत की मांग करने वाली दिल्ली पुलिस की याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया।
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दिल्ली पुलिस द्वारा आरोपी के पते के सत्यापन के लिए मोहलत मांगे जाने के बाद बुधवार को अदालत ने आरोपी की रिहाई पर आदेश टाल दिया था।

गौरतलब है कि तीनों छात्र एक्टिविस्ट्स को पिछले साल यानी 2020 में पूर्वोत्तर दिल्ली हिंसा से संबंधित बड़ी साजिश के एक मामले में गिरफ्तार किया गया था। इस हिंसा में 53 लोगों की जान चली गई थी और सैकड़ों लोग घायल हो गए थे।
आरोपियों ने गुरुवार को जेल से उनकी रिहाई में देरी के लिए दिल्ली पुलिस के खिलाफ शिकायत करते हुए हाईकोर्ट का रुख किया था। न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मृदुल और न्यायमूर्ति अनूप जे भंभानी की पीठ ने कहा, हम निचली अदालत की कार्यवाही की निगरानी नहीं करने जा रहे हैं।
हाईकोर्ट ने कहा कि वह केवल यह कह सकता है कि उसे मामले से तत्परता से निपटना होगा। पीठ ने कहा, हमारे आदेश को लागू किया जाना है, उस पर दो विचार नहीं हो सकते। एक संक्षिप्त सुनवाई के बाद, हाईकोर्ट ने मामले को बाद में दिन में सुनवाई के लिए पोस्ट किया।
तीन आरोपियों को जमानत देते हुए, न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मृदुल और अनूप जयराम भंभानी की हाईकोर्ट की पीठ ने कहा था, ” राज्य ने प्रदर्शन के अधिकार और आतंकी गतिविधि के बीच की रेखा को धुंधला कर दिया है और अगर इस तरह की मनोवृत्ति जारी रही तो यह लोकतंत्र के लिए एक दुखद दिन होगा।”
इस बीच, दिल्ली पुलिस ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर कर दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा तीनों एक्टिविस्ट्स को दी गई जमानत को चुनौती देते हुए आदेश पर रोक लगाने की मांग की।

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