
सुनंदा पुष्कर केस में थरूर की बढ़ सकती है मुश्किल, कोर्ट सुरक्षित रखा फैसला
नई दिल्ली। सुनंदा पुष्कर मौत मामले में शशि थरूर की मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रही हैं, कोर्ट मौजूदा कदम के बाद उनकी मुश्किल और भी बढ़ सकती हैं। कोर्ट में शशि थरूर की अग्रिम जमानत याचिका का विरोध करते हुए उनकी कस्टोडियल इंटेरोगेशन की मांग की गई है। यानी दिल्ली पुलिस ने भले ही इस केस में पिछले महीने चार्जशीट फाइल कर दी है, लेकिन अभी भी शशि थरूर को गिरफ्तार किया जा सकता है।
थरूर ने लगाई थी अग्रिम जमानत याचिका
उधर.. शशि थरूर ने एक दिन पहले ही पटियाला हाउस कोर्ट में अपनी अग्रिम जमानत याचिका लगाई है। इस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने शशि थरूर की अग्रिम जमानत पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। थरूर के वकील कपिल सिब्बल ने कोर्ट को कहा कि जब भी जरूरत होगी वो जांच में सहयोग के लिए तैयार है। थरूर की अग्रिम जमानत याचिका अब कोर्ट गुरुवार 5 जुलाई को फैसला सुनाएगा।
सिब्बल ने ये रखी दलील
सिब्बल ने कोर्ट को आश्वास दिलाया है कि पुलिस को जब जरूरत होगी शशि थरूर हाजिर हो जाएंगे। वे एक सम्मानित नेता और सांसद हैं, लिहाजा उनको अग्रिम जमानत दी जाए। वहीं दिल्ली पुलिस ने अग्रिम जमानत अर्जी का विरोध करते हुए कहा कि उन्हें इस मामले में शशि थरूर के कस्टोडियल इंटेरोगेशन की जरूरत है, इसलिए जमानत न दी जाए।
कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से पूछा सवाल
कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से पूछा, 'आपको इस वक्त शशि थरूर की कस्टडी की जरूरत क्यों है, जबकि आप चार्जशीट भी दाखिल कर चुके हैं.' पटियाला हाउस कोर्ट ने शशि थरूर को 7 जुलाई को कोर्ट में पेश होने के लिए समन जारी किया था। जबकि दिल्ली पुलिस चार्जशीट दाख़िल करके सुनंदा पुष्कर केस में उनके पति शशि थरूर को इकलौता आरोपी बनाया है।
ये है पूरा मामला
17 जनवरी, 2014 की रात दिल्ली के एक पांच सितारा होटल के कमरे में कांग्रेस नेता और सांसद शशि थरूर की पत्नी सुनंदा पुष्कर मृत मिली थीं। कथित तौर पर इससे एक दिन पहले सुनंदा और पाकिस्तानी पत्रकार मेहर तरार के बीच ट्विटर पर बहस हुई थी। यह बहस शशि थरूर के साथ मेहर के कथित 'अफेयर' को लेकर हुई थी।
Published on:
04 Jul 2018 06:45 pm
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