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दमोह में रोजाना 10 लोग डॉग बाइट के शिकार, ठंड में बढ़ेगा अधिक खतरा

नगरपालिका के पास नहीं ठोस योजना, 20 लाख का बजट नाकाफी साबित

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दमोह

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Samved Jain

Nov 04, 2025

नगरपालिका के पास नहीं ठोस योजना, 20 लाख का बजट नाकाफी साबित

नगरपालिका के पास नहीं ठोस योजना, 20 लाख का बजट नाकाफी साबित

दमोह. शहर में आवारा कुत्तों की बढ़ती संख्या अब लोगों के लिए खतरा बन चुकी है। जिला अस्पताल के आंकड़े बताते हैं कि रोजाना औसतन 10 लोग डॉग बाइट का शिकार हो रहे हैं। बीते चार महीनों में 1100 से ज्यादा लोगों को कुत्तों ने काटा है। ठंड के मौसम में ऐसे प्रकरण और बढ़ सकते हैं, क्योंकि इस समय कुत्तों का व्यवहार ज्यादा आक्रामक हो जाता है।
जिला अस्पताल में जुलाई से अक्टूबर तक दर्ज मामलों में जुलाई में 291, अगस्त में 319, सितंबर में 262 और अक्टूबर में 279 प्रकरण सामने आए। औसतन हर महीने करीब 300 लोग डॉग बाइट के शिकार हो रहे हैं। फिलहाल अस्पताल में 300 वायल एंटी रैबीज वैक्सीन उपलब्ध है, जिससे मरीजों को तत्काल उपचार मिल रहा है।
-शहर में हर जगह कुत्तों का आतंक
नगर के सभी 39 वार्डों के साथ मुख्य बाजार, अस्पताल, रेलवे स्टेशन और बाहरी कॉलोनियों में आवारा कुत्तों की भरमार है। सुबह और रात के समय ये कुत्ते सबसे ज्यादा आक्रामक हो जाते हैं और बच्चों, महिलाओं व बुजुर्गों को आसानी से निशाना बना लेते हैं। कई जगहों पर झुंड बनाकर घूमते ये कुत्ते लोगों में दहशत फैला रहे हैं।
-पकडऩे की कार्रवाई ठप, केवल नसबंदी तक सीमित प्रयास
नगरपालिका की जिम्मेदारी है कि ऐसे कुत्तों को पकड़ा जाए और उन्हें शहर से दूर छोड़ा जाए, लेकिन पिछले एक साल से कोई बड़ी कार्रवाई नहीं हुई है। नगरपालिका के पास डॉग कैचर तो है, लेकिन उसका उपयोग नहीं किया जा रहा। बीते एक महीने से कुत्तों की नसबंदी का काम मां बगलामुखी समिति जबलपुर को दिया गया है। इसके लिए 20 लाख रुपए का बजट रखा गया है, लेकिन यह कदम केवल जनसंख्या नियंत्रण तक सीमित है। वैक्सीनेशन या डॉग बाइट रोकने के अन्य उपायों पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा।

-ठंड में और बढ़ सकते हैं मामले
पशु चिकित्सक डॉ. बृजेंद्र असाटी के अनुसार सर्दी बढऩे के साथ कुत्तों में आक्रामकता बढ़ जाती है। रात और सुबह के समय वे अधिक सक्रिय रहते हैं। अगर समय रहते नियंत्रण नहीं किया गया तो आने वाले दिनों में डॉग बाइट के मामले और बढ़ सकते हैं।

-वर्शन
नगरपालिका द्वारा कुत्तों की नसबंदी का काम एजेंसी को सौंपा गया है ताकि उनकी संख्या को नियंत्रित किया जा सके। अब तक कितनी नसबंदी हुई और कितना भुगतान हुआ, इसकी जानकारी संबंधित अधिकारी से ली जाएगी।
राजेंद्र सिंह लोधी, सीएमओ नगरपालिका दमोह