सड़क दुर्घटना में खुशी की यादें गम में पल में बदल गई। बच्चे अपने माता-पिता और बहन का इंतजार कर रहे थे। १५ मिनट का ही रास्ता बचा था, लेकिन हादसे के बाद ५ घंटे बाद उनके शव गांव पहुंचे। मां दिवस पर बच्चे अपने माता-पिता के शव देखकर खुद को कोसते नजर आए। रो-रोकर उनका हाल बेहाल था। इसे देख पूरे गांव के लोग गमगीन हो गए। कड़ोरी की तीन बच्चियां और एक बालक है। जिसमें से एक आरती उसके साथ गई थी। बड़ी की शादी हो चुकी है, जबकि छोटी लड़की और पुत्र राजा घर पर इंजतार कर रहा था।
दुर्घटना के बाद रविवार की शाम तीनों शवों का पोस्टमॉर्टम कराने के बाद किशनगंज बमुरिया हार ले जाया गया। जहां पूरे गांव में मातम देखने मिला। हर किसी की इस घटनाक्रम के बाद नम आंखें नजर आई। देर शाम एक साथ तीनों की अर्थियां घर से उठाई गई और उनका अंतिम संस्कार किया गया। इस घटनाक्रम के बाद परिजन बेसुध है।
दमोह पहुंचे मृतक के भाई मानक लाल पटेल ने बताया कि सब कुछ खत्म हो गया। भाई, भाभी, भतीजी रिश्तेदार के यहां शादी समारोह में गए थे। अचानक खबर आई तो खेती का काम छोड़कर आए। यहां देखा तो तीनों की जान जा चुकी थी। इस घटना के बाद पटेल परिवार में गमगीन माहौल है। गांव से लोग जानकारी लगने पर अस्पताल पहुंचे। पटेल को
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि टक्कर इतनी तेज थी कि तीनों बाइक से फिक गए। बाइक पर टंगा हेलमेट भी दूर जाकर गिरा। दुर्घटना की गूंज १ किमी दूर तक सुनाई दी थी। भाई ने आरोपी ट्रक चालक पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है। मामले में नरसिंहगढ़ चौकी प्रभारी प्रसीता कुर्मी ने बताया कि प्रकरण दर्ज कर लिया है। ट्रक चालक की तलाश शुरू कर दी है।