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सीसी रोड निर्माण में मापदंडों की हो रही मिट्टी पलीत

आठ इंच की जगह तीन इंच की बन रही सड़क, पॉलीथिन का नहीं हो रहा उपयोग, शहर के बजरिया वार्ड क्रमांक 8 का मामला

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CC road getting parameters in manufacturing clay Plit

CC road getting parameters in manufacturing clay Plit

दमोह. सीमेंट कांक्रीट रोड निर्माण में जरूरी मापदंडों को दरकिनार किया जा रहा है। इंजीनियरिंग मैनुअल में इसके माप तय हैं, लेकिन वर्तमान में चल रहे निर्माण कार्यों में इनकी खुली अवहेलना की जा रही है, जिसकी वजह से शहर में बनने वाली सीसी रोड दो तीन माह में ही उखडऩे लगती हैं।
सीमेंट कांक्रीट रोड निर्माण में ठेकेदार को एक क्यूबिक मीटर मसाले का 5000 रुपए का भुगतान किया जाता है। इसी के हिसाब से लागत का टेंडर निकाला जाता है। पूर्व में इसकी लागत 2400 रुपए हुआ करती थी, वर्तमान में दुगनी राशि उपलब्ध कराई जाती है। इसके बावजूद भी ठेकेदारों बड़े पैमाने पर राशि डकारने की बदनियत से मापदंडों के अनुसार कार्य नहीं किया जा रहा है।
ऐसा ही एक मामला बजरिया वार्ड आठ नूरी नगर से बिलवारी मोहल्ला में नफीस प्रोफेसर के पास बन रही सीसी रोड के मामले में देखने में आ रहा है। यहां पर सड़क का निर्माण महज चार इंच मोटाई में ही किया जा रहा है, जबकि तय माप इसका 8 इंच निर्धारित है। इसके अलावा मिट्टी मिली रेत का इस्तेमाल हो रहा है। मिक्सर ग्राइंडर पर नजर डालने से देखा गया कि तय माप के अनुसार एक क्यूबिक मीटर मसाला निर्माण में 18 तसला रेत, गिट्टी मिक्स डालना चाहिए और सीमेंट एक बोरी होना चाहिए। लेकिन उक्त ठेकेदार द्वारा 30 तसला से ऊपर गिट्टी रेत मिक्स डलवाई जा रही थी, जिससे एक बोरी की सीमेंट की क्षमता महज 50 प्रतिशत ही बच रही थी।
गायब हो गई पॉलीथिन
सीमेंट कांक्रीट सड़क निर्माण मेें जमीन के नीचे पॉलीथिन बिछाने की अनिवार्यता है और इसकी लागत ठेके में शामिल रहती है, लेकिन यहां बन रही सीमेंट कांक्रीट सड़क निर्माण के पहले पॉलीथिन का उपयोग नहीं किया गया है। पॉलीथिन की अनिवार्यता इसलिए रखी गई है ताकि पानी पॉलीथिन पर बना रहे, उसे जमीन न सोख पाए, जिससे मसाले की गुणवत्ता बनी रहे। ठेकेदार द्वारा इस बिंदु को भी नजरअंदाज किया गया है। शहर में बनने वाली प्रत्येक सीसी रोड निर्माण कार्य में ठेकेदार द्वारा पॉलीथिन का इस्तेमाल नहीं किया जा रहा है।
रेत में मिट्टी मिलने से हो जाता है घटिया
शहर में बनने वाली सीमेंट कांक्रीट सड़क निर्माण के दो तीन माह में जर्जर होने के पीछे की यही कहानी है कि स्थानीय नदी, नालों से मिट्टी मिली काली रेत का उपयोग किया जाता है। रेत, गिट्टी का मसाला तय माप अनुसार ग्राइंडर में न डालकर दुगना डाला जाता है जिससे सीमेंट की क्षमता आधी बचती है। शहर में जितने भी सीसी रोड निर्माण किए जा रहे हैं वह माप पुस्तिका के अनुसार निर्धारित रेशे पर नहीं किए जा रहे हैं।
छोटी बाइव्रेट मशीन का इस्तेमाल
सीमेंट कांक्रीट निर्माण का मसाला सेट करने के लिए लंबाई वाली मानक बाइव्रेट मशीन जिसकी लंबाई पूरे मसाले को सेट कर दे इसका इस्तेमाल कहीं भी शहर में नहीं किया जाता है। छोटी सी बाइव्रेट मशीन से काम चलाया जाता है, जिसका इस्तेमाल यहां किया जा रहा था।