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बुंदेलखंड को करीब से निहारने हांगहांग से आ रहे पूनिया

बेबाक द्वारा सोशल मीडिया पर की गई बुंदेलखंड की पोस्टो से प्रभावित हुआ एनआरआई

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Widush Mishra

Jul 26, 2017

coming from Honghang to see Bundelkhand close

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दमोह. विश्व में बुंदेलखंड की तहजीब, बोली व खानपान के चर्चे अब सोशल मीडिया के माध्यम से सात समंदर पार भी होने लगे हैं। सोशल मीडिया पर बेबाक उपनाम से सक्रिय रहने वाले धर्मेंद्र राय की बुंदेलखंड पर की गई पोस्टों व फोटो देखकर हांगहांग में रह रहे एक अप्रवासी भारतीय को बुंदेलखंड दर्शन की ललक बढ़ गई है। वे बुंदेलखंड आने के लिए बेताव है और इसकी तैयारियों में जुट गए हैं। इसके पूर्व आस्टे्रलिया से भी एक एनआरआई बुंदेलखंड को निहार कर चले गए हैं।

हटा पीजी कॉलेज में लैब तकनीशियन के पद पर पदस्थ धर्मेंद्र राय बेबाक सोशल मीडिया के लिए एक चर्चित नाम हो गया है, हाल ही में आस्ट्रेलिया से नलिन पटैल भी बेबाक की सोशल मीडिया पर की गई पोस्टों से प्रभावित होकर बेबाक से मिलकर बुंदेलखंड की सैर कर चुके हैं। अब दूसरे विदेशी मेहमान संदीप पूनिया आ रहे हैं, जो अक्टूबर माह के पहले सप्ताह में दमोह पहुंचेंगे। बेबाक ने बताया कि संदीप पूनिया मूलत: चंडीगढ़ के निवासी हैं, उनकी शादी चाइना में हुई है। संदीप हांगहांग में एक ट्रेडिंग कंपनी चलाते हैं। वे अपनी पत्नी के साथ भारत तो आएंगे लेकिन उनकी पत्नी की वीजा की तारीख 10 अक्टूबर होने से वे दिल्ली से ही संदीप की भारतीय फैमली से मुलाकात कर निकल जाएंगी। इसके बाद संदीप पूनिया बुंदेलखंड के दर्शन के लिए आएंगे।

बेबाक ने बताया कि संदीप पूनिया बुंदेलखंड के प्राकृतिक मनोरम स्थलों के अलावा यहां के प्रसिद्ध धार्मिक व हिस्टोरीकल पाइंटों को अपनी आंखों से देखना चाहते हैं, वे बुंदेलखंड की ग्रामीण संस्कृति से भी परिचित होना चाहते हैं। उनकी टिकट बुक हो चुकी है, जिससे उनका बुंदेलखंड के आगमन का कार्यक्रम फिक्स हो गया है।

बेबाक का कहना है कि वैसे तो खजुराहो के कारण बुंदेलखंड की ख्याति विश्वभर में है, लेकिन बुंदेलखंड के ऐसे पाइंट हैं, जिनके बारे में कम लोग जानते हैं, बुंदेलखंड की ऐसे प्राकृतिक मनोरम दृश्यों, फैले इतिहास, झरनों व नदियों के अलावा मनभावन वनों की फोटो व उनकी जानकारियों की पोस्ट करते रहते हैं। बुंदेलखंड की दर्शनीय विरासत अभी भी देश व दुनिया के सामने खजुराहो की तरह सामने नहीं आई है, जिसके बारे में वे लगातार सोशल मीडिया पर पोस्ट डालते रहते हैं, सोशल मीडिया के सभी संसाधन उपयोग करते हैं, जिससे विदेशों में रहने वाले अप्रवासी भारतीयों में बुंदेलखंड को करीब से जानने की ललक जाग रही है और वे यहां आने लगे हैं।